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Saturday 10 August 2019

तुझे देखा तुझे चाहा तुझे पूजा मैंने , बस इतनी ख़ता है मेरी उसने तो प्यार किया है न! Usney Toh Pyar Kiya Hai Na!! Part 10 नीलम भागी



छ घण्टे पहले की स्वप्न सुन्दरी की सुन्दरता, दिल पर लगी चोट ने सोख ली थी। कौन आया है? ये देखने के लिये सब कमरे से बाहर आये। शायद उसकी हालत देख कर, बच्चे भी वहीं रूक गये। नमन वापिस रूम में जाकर अपना वॉलेट, मोंबाइल, गाड़ी की चाबी ले आये और बच्चों को लेकर बाहर चले गये और मुझे मैसेज कर दिया कि इसे अकेले नहीं छोड़ना, खाना सब बाहर से आयेगा। मैं भी यही चाहती थी कि इस समय उसके साथ मैं अकेली रहूँ। मैंने उसे कहा,’’ काजल चेंज कर लो, मैं कॉफी लाती हूँ।’’ वह भारी कदमों से अपने एरिया में जाने लगी, तो मैंने कहा,’’दरवाजा बंद मत करना। यहाँ कोई नहीं आयेगा।’’सुबह जाने की खुशी में वो बिना ब्रेकफास्ट के चली गई थी। इस हालत में भला उसने कुछ खाया होगा! न न न. मुझे डर था कि कहीं बेहोश न हो जाये। साथ ही उसे पानी का गिलास दिया। जब कॉफी बन गई साथ ही मैंने आमलेट ब्रैड तैयार कर ली। जब वो आई नही तब मैंने आवाज लगाई। वो बेजान सी आकर कालीन पर मुहं नीचे करके बैठ गई। मैं उसका नाश्ता और दो कप कॉफी लेकर उसके बराबर बैठ गई। मैंने कॉफी का घूट भरा और उसके सिर पर हाथ फेर कर खाने का आग्रह किया। वह तो ऐसे रोई कि उसके विलाप से मेरे घर की दीवारें हिल गईं। मैं उसे कंधे से लगा कर, उसकी पीठ पर हाथ फेरती रही और वह आंसुओं का सैलाब निकालती रही। जब उसके आंसू सूख गये। तो मैंने उसके मुँह में अपनी कसम देकर आमलेट का टुकड़ा डाला। अब वह धीरे धीरे, बेमन से चबाने लगी। मै बोली,’’काजल मैं तुझे बचपन से जानती हूँ। तूं बहुत भली लड़की है। तेरे साथ कोई इनसान बुरा कर ही नहीं सकता, सिवाय शैतान के और शैतान के लिये भला क्यों रोना? अभी तूं इकीस्वें साल में चल रही है। मेरी सत्ताइसवें साल में शादी हुई थी। तूं पच्चीसवें में कर लेना, अपनी दीदी से दो साल पहले तब तक तूं अपने ब्वायफैंड को अच्छी तरह समझ भी लेगी। ’’किसे समझ लूंगी दीदी?’’ कह कर वह फिर फूट फूट कर रोने लगी। अब वह जल्दी चुप होकर दयनीय नजरों से मेरी ओर देखने लगी।
उसे मैंने थोडी आवाज बदल कर कहा,’’ खाना खत्म करो।और मैं उसकी कॉफी फिर से गर्म करने चली गई और अपने लिये चाय बनाने लगी। उस समय मेरे मन पर बचपन में पढ़ी एक कहानी ने बहुत असर किया था वह याद आई। वो कहानी थी, एक बिजड़ा और बिजड़ी(विवर र्बड) थे। दोनों अच्छे मौसम में अपना घोंसला बुन रहे थे। उसी पेड़ पर एक बंदर खूब मस्ती कर रहा था। उन भले पक्षियों ने बंदर को समझाया कि तुम्हें भगवान ने हाथ पैर दिये हैं। तुम भी ठंड बरसात से बचने के लिए अपना कोई बसेरा बना लो। बंदर ने उन्हें डाँट कर चुप करा दिया। सर्दियों की बरसात थी। दोनों पक्षी घोंसले में अपने बच्चों के साथ मौसम का आनन्द उठा रहे थे। अचानक उनकी नज़र ठंड से दांत किटकिटाते,  भीगे बंदर पर पड़ी। बिजड़े को उस समय उपदेश देने का दौरा पड़ गया वह बोला,’’मैंने समझाया था कि अपना घर बना ले। तूने मेरी एक नहीं सुनी। अब धक्के खा रहा है न। इस ठण्ड से तूं मर भी सकता है। मुझे देख, मैं इस समय अपने परिवार के साथ मौसम का आनन्द उठा रहा हूँ।’’ सुनते ही बंदर ने उसका घोंसला तहस नहस कर, उसे बेघर कर दिया। मैंने तब से अपनी आदत बना ली थी कि कभी किसी को परेशानी की अवस्था में उसकी गलतियां नहीं बताउंगी। बल्कि परेशानी दूर करने में मदद करूँगी। कॉफी उसे देकर उसके पास बैठ गई। चुप्पी तोड़ते हुए मैंने कहा,’’मुझे उससे मिलवा, मैं उससे बात करती हूँ।’’ काजल ने जवाब दिया,’’दीदी, लॉरेंस सिंगापुर से जा चुका है।’’मैंने पूछा,’’तुझे बता कर गया है।’’ वह बोली,’’नहीं।’’ अब वह खुली कि बाली से आने के बाद मैं उसके फ्लैट पर ही जाती थी। रात को उसने मुझे रैस्टोरैंट में बुलाया। हमने डिनर किया। हमारा तय था कि आज से मैं उसके फ्लैट में शिफ्ट हो जाउँगी फिर शादी करके आपको सरप्राइज देंगे। आज जब मैं सामान लेकर उनके कौण्डों में गई तो उसके घर का मेरे पास र्काड तो था नहीं। हमेशा की तरह मेन गेट पर पहुँच कर मैंने फोन किया,’ दिस नम्बर नॉट एग्जिस्ट।मैंने इंटरकॉम से करवाया। सब बंद। उनमें से एक गार्ड भारतीय था नार्थ ईस्ट का था। उसने बताया कि लारेंस तो छ घण्टे पहले सामान के साथ टैक्सी में चला गया है। उसने कैमरे से देख कर मुझे टैक्सी का नम्बर दे दिया। मैंने कम्पनी से मालूम किया कि इस नम्बर की कैब कहाँ के लिये बुक हुई थी। पता चला एअरपोर्ट के लिये। अब मैं सीधी कैब लेकर एयरर्पोट गई। वहाँ से तो हर दो मिनट पर एक उड़ान जाती है। निकल गया होगा, तब भी मैं वहाँ बैठ कर सारे सोशल मीडिया पर उसे खोजती रही, कोई फायदा नहीं, वो हट चुका था। मेरी यहाँ बनी सहेलियाँ खुद लोगो के घर में रहती हैं। मैं कहाँ जाती? आपके पास आने की हिम्मत ही नहीं हो रही थी। कब तक वहाँ बैठी रहती। मैं डर रही थी कि आप मुझे बुरा भला कहोगी। आपने तो..... फिर रोने लगी। मैंने उसे कहा,’’हाँ, मैं तुझे डाँटूंगी, अगर तूं उस धोखेबाज के लिये आँसू बहायेगी तो। इसे एक बहुत बुरा सपना समझ कर भूलने की कोशिश कर।’’ मैंने टी.वी. पर पिक्चर लगा दी। उसे वहीं लेटने को कह दिया आप भी वहीं उसके पास लेट गई। वो फिल्म देखते देखते सो गई। मैंने चैन की साँस ली और नमन को मैसेज किया कि जब ये सोकर उठेगी,  तब मैसेज करूँगी,  तब आना इसके लिये सोना बहुत जरूरी है। इसको इमोशनल डिस्ऑर्डर है। टी.वी. बंद करके,  इसके बारे में सोचने लगी। इसको अकेला छोड़ नहीं सकती। मेरी कम्पनी साल में कुल दस छुट्टियाँ देती है। मैंने उसकी सहेली को फोन किया कि काजल यहीं रहेगी। तुम हमारे घर में रह कर नया काम ढूंढ लो। बस काजल को अकेले नहीं छोड़ना। जब तक तुम यहाँ रहोगी, उसका पेमेंट भी मैं तुम्हे करूंगी। वो तुरंत राजी हो गई। अब उसके पास ही मैं भी सो गई। दो घण्टे बाद उसकी सिसकियों से मेरी नींद खुल गई। मैंने उसे समझाया कि तेरे दिमाग में जो डिबेट यानि प्रश्न उत्तर चल रहें हैं, इन्हें रोकने की कोशिश कर। उसकी कोई तस्वीर है तो दिखा उसने एक आदमी की तस्वीर दिखा दी जो लड़का तो कहीं से नहीं लगता था। साथ ही काजल सफाई देते बोली,’’दीदी उम्र ज्यादा थी पर मैंने सोचा, अच्छा इनसान है सुखी रखेगा।’’मैंने कहा कि जो गुजर गया उसे भूल जा। अपने को सम्भाल। नमन डिनर पैक करवा लाये। सबने खाया। काजल ने थोड़ा सा निगला। सोना को मैंने कहा,’’बच्चो आज खुशखबरी दीदी आप दोनो के रूम में सोयेगी।’’बच्चे खुश, उसी समय उसके हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले गये। उसके जाते ही मैंने नमन से कहाकि बच्चों के रूम में कैमरा है। इसका ध्यान रखना है। हम भी सोने चले गये। मैं इसके बारे में सोचती रही कि इसका पहला प्यार था, जो इसने दिल की गहराइयों से किया है। इसलिये घाव भी उतना ही गहरा है। र्नामल होने में समय तो लगेगा।   क्रमशः  
           



2 comments:

Shweta said...

Bahut suderta se bhavo ko shabdo mei utara

Neelam Bhagi said...

धन्यवाद