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Saturday, 17 August 2019

मन का था बैरी काला, दिल जिसे दे डाला उसने तो प्यार किया है न! Usney Toh Pyar Kiya Hai Na!! Part 11 नीलम भागी



सुबह मैं उसके साथ ही उठी। वो मुझे मना करती रही लेकिन मैं उसके साथ ही काम में लगी रही। उसकी सहेली पूनम से मैंने फोन पर जल्दी आने को कह दिया था। मेरे ऑफिस जाने से पहले वो आ गई। मैंने उसे फिर से समझाया कि काम हो चाहे न हो इसे अकेले नहीं छोड़ना है। शाम को समर सो कर उठेगा तो तीनों ईस्ट कॉस्ट पार्क जरूर जाना है। समुद्र के किनारे इसका मन बदलेगा। काजल की उजड़ी सी शक्ल देख कर वह भी दुखी हो गई थी। वह काजल से बोली,’’मैडम बहुत अच्छी हैं। जब तक मुझे काम नहीं मिलता, उन्होंने मुझे तेरे पास रहने की परमीशन दे दी है।’’ काजल उसे टुकुर टुकुर देखती रही। लंच में मैंने अपनी सहेलियों को काजल के बारे में बताया, सभी को उससे बहुत हमर्ददी हुई, सब उसकी चिंता करने लगी. काजल से समझ समझ कर पूनम ने सब काम सम्भाल लिया। अगले दिन ऑफिस जाते ही सहेलियों ने काजल के बारे में पूछा। लंच में भी यही चर्चा कि काजल को नॉर्मल कैसे किया जाये. खाली रहने से यह डिप्रेशन में चली जायेगी। कोई ऐसा काम जिसे यह ख़ुशी से करती हो. मैंने बताया कि इसको कुकिंग का शौक है। सबने सलाह दी इसे उसी में व्यस्त किया जाये। सना को फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का शौक है। वो समय मिलने पर इसकी कार्यशाला भी अटैण्ड करती है। सना ने कहाकि हम इसके कुकिंग के वीडियो बनाते हैं। मैंने घर जाते ही काजल से कहा,’’शनिवार को सना तेरे हाथ की गट्टे की सब्जी खाने आयेगी। गट्टे की तूं जितनी वैराइटी बना सकती है, बनाना। तेरी कूकिंग की वीडियोग्राफी भी करेगी क्योंकि सब तुझसे कुकिंग सीखना चाहती है। मैं तेरे बनाए खाने की तारीफ जो करती हूं ना इसलिए। किसी सामान की कमी है तो लिस्ट दे देना। मैं लेती आउँगी। सब पहले स्टैप वाइस लिख लेना ताकि उस समय कुछ भूले न। किचन के एक हिस्से में उस समय जो चाहिये होगा, पहले से पास में रख लेना।" साथ ही मैंने उसे एक नया डायरी पैन पकड़ाया। अगले दिन लंच समय में मैंने फोन पर पूनम से काजल के बारे में पूछा,’’उसने बताया कि आज किचन और डायरी में व्यस्त है। सुनते ही मेरी साथिने बहुत खुश हुई। शनिवार दस बजे सना ने आना था। मैंने से कहा,’’ काजल अच्छे से तैयार हो जा, सना को कुछ पता नहीं है, नही तो वो क्या सोचेगी?’’ इधर काजल तैयार हुई उधर सना भी आ गई, आते ही उसने लाइट कैमरा सब सैट करना शुरू कर दिया। फर्श पर निशान लगा दिये कि काजल को कहाँ कहाँ खड़े होकर करना है, बोलना है और बाकि निर्देश दिये।
उसने ऐसी डिश बनानी शुरु की जिसको बनाने का सामान तकरीबन हर रसोई में होता है। देखने वाला चाहे तो तुरंत बना सकता है क्योंकि उसे इनग्रीडेंट के लिए बाजार नहीं दौड़ना पड़ेगा। एक्शन से पहले मैंने उसे गले लगाया तो वह दो मिनट तक मेरे कंधे पर सर रक्ख कर चुपचाप खड़ी रही। सना ने उसे बड़े प्यार से मुझसे अलग किया। सना ने उसको समझाया कि कैमरा दर्शक है जो तुम्हें देख रहें हैं। ऐसे बनाना, समझाना कि ये लोग तुम्हें देख सुन कर वैसे ही बना लें। लाइट कैमरा एक्शन शुरु होते ही उसने पहली लाइन बोली कि यह डिश रसोई में हमेशा उपलब्ध इंनग्रीडेंट से बनाउंगी। इसकी वैराइटी में स्टीमिंग, सौटे और डीप फ्राइंग आप अपने स्वाद, सेहत और वेट के अनुसार चुनाव कर सकते हैं। जुबान और हाथ उसके फुर्ती से चल रहे थे। काजल ने नाप से बेसन, नमक और अजवायन लिया और गूंधना शुरु किया साथ ही दर्शकों को बताती जा रही कि इसे सख्त मांड़ना है। हाथों में आप चिपकने पर थोड़ा थोड़ा घी या तेल लगा सकते हैं। बेसन या चने का कुछ भी बनायें तो उसमें अजवायन डालेंगे तो उसका स्वाद बढ़ेगा ही। बेसन तैयार होते ही चौड़े पतीले में पानी डाल कर उबलने को गैस पर रख दिया। बेसन की छ इंच की मोटी अंगुलियों की मोटाई में गट्टे बनाने लगी। जब पानी उबलने लगा। तो उसमें एक एक करके गट्टे डाल कर ढक दिया। दस मिनट बाद गैस बंद कर दी और गट्टे पानी से निकाल कर गट्टे प्लेट में रख दिए। थोड़ा ठंडा होने पर गट्टों के आधा आधा इंच के टुकड़े काट दिये और उन्हें पाँच भागों में बांट दिया। अब बोली,’’पाँचों व्यंजन अभी बनाने हैं तो इन्हें बाहर ही रहने दें। अन्यथा चारों को फ्रिज में रख दें। जरुरत के समय निकालती रहें।’’ कहते हुए उसने फ्रिज में रख दिये। इस समय उसके आस पास कहीं लॉरेंस नहीं दिख रहा था। धीरे धीरे उसकी आत्मा से लॉरेंस का प्रेत उतरता जा रहा था और उस पर उसकी खाना बनाने की कला का निखार आता जा रहा था। वह पूरी तरह अपने हुनर में खोई हुई थी। दो बच्चों के साथ सारे घर का काम करते हुए, इसने कैसी कैसी खाने की विधियाँ, समय बचाते हुए इज़ाद कीं हैं। मैं भी इस समय दर्शक की तरह मंत्र मुग्ध सी देख रही थी। और मुझे तो ये पता था कि इसकी अंगुलियों से स्वाद टपकता है। 
  अब उसने गट्टा कड़ी के लिये दहीं फेंटी और उसमें बेसन मिलाया। कड़ाही में तेल डाला उसमें मेथी और साबूत लाल मिर्च डाली। मिर्च सिंकते ही उसे तेल से बाहर निकाल लिया। मेथी में जीरा भूना जल्दी से हल्दी और धनिया डाल कर बेसन वाला नमकीन मट्ठा डाल कर कड़छी से चलाती जा रही ताकि उसमें गांठें न पड़ जायें और बताती जा रही कि कुछ लोग मिर्च नहीं खाते इसमें मिर्च तलने से उसका फ्लेवर आ जाता है। परोसते समय कढ़ी में साबूत तली मिर्च डाल दें। जो मिर्च खाते हैं वो फोड़ कर मिला लेंगे और तली मिर्च का इसमें स्वाद लाजवाब होगा। कढ़ी में उबाल बैठने के बाद आँच धीमी करके उसे कढ़ने दिया और बारीक बारीक हरा धनिया काटने लगी। दस मिनट बाद गैस बंद कर एक चम्मच पानी में हींग थोड़ी सी घोल कर कढ़ी में मिला कर उसे ढक दिया। डोंगे में गट्टे रक्खे। उस पर कढ़ी डाल कर धनिया और तली लाल मिर्च से सजा दिया। अगर और चटपटी करनी है तो देसी घी में थोड़ा जीरा भूनकर गैस बंद कर उसमें लाल मिर्च पाउडर डाल दें। इसे भी कढ़ी में ऊपर से डाल सकते हैं। उसे साइड में रख बोली,’’ये लो फैट गट्टा कढ़ीतैयार हो गई।’’ इसे बनायें खायें और खिलायें। क्रमशः

3 comments:

Anonymous said...

काजल का अपने मनपसंद कार्य में व्यस्त होना उसके
अस्तित्व का बचाव है...
कार्य हमेशा इंसान को टूटने से बचा लेती है!

Anonymous said...

आरती

Neelam Bhagi said...

लाजवाब कमेंट