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Monday, 26 August 2019

मीठी मीठी सी उलझन लिये, कोई आया धड़कन कहती है उसने तो प्यार किया है न! Usney Toh Pyar Kiya Hai Na!! Part 13 नीलम भागी


काजल का चैनल बहुत सबक्राइबस होने लगा। लोग व्यंजन से सम्बन्धित प्रश्न पूछते वो सब का जवाब देती थी। उसके दर्शक बहुत बढ़ गये।  एक दिन पूनम मुझसे बोली,’’दीदी, मैं काजल को अकेला नहीं छोड़ूंगी। जब आप लोग घर में होते हैं, उस समय मैं पार्टटाइम काम कर आया करुँ? मैं आपसे कुछ नहीं लूंगी। बस इस समय काजल को कोई टैंशन नहीं होनी चाहिए शायद वो जानती थी कि काजल के फ्लैट की किश्तें जा रहीं हैं।’’मैंने कहा,’’ठीक है।’’उसकी इस बात ने मुझे सोचने को मजबूर कर दिया कि दिल्ली की काजल और नार्थ ईस्ट की पूनम, परदेस ने इनको कितना एक कर दिया है। खून का संबंध न होते हुए भी भारतीयता का रिश्ता तो है न। हमारे ऑफिस लंच टाइम में काजल के व्यंजन ही चर्चा का विषय होते थे क्योंकि वह कामकाजी महिलाओं के अनुकूल होते थे। विदेशी साथिने काजल के लिए अपने गॉड से एक ही प्रार्थना करतीं थीं कि उसको एक अच्छा सा ब्वॉय फै्रंण्ड मिल जाये नहीं तो वह सपने देखना बंद कर देगी। उसको तो सोशल मीडिया में सभी धूर्त नज़र आयेंगे। आज जब मैंने उन्हें पूनम के बारे में बताया तो तकरीन सभी ने मुझसे उसका मोबाइल नम्बर लिया। हमारे घर पहुँचते और वीक एंड पर पूनम भी घण्टों के हिसाब से डोमैस्टिक हैल्प के लिए जाने लगी थी। 
 विमल नाम का लड़का उसकी हर डिश बनाता और जो भी उसमें बदलाव करता तो काजल को बताता। दोनो के विचारों का खूब आदान प्रदान होता । काजल दूध की जली हुई थी इसलिये छाछ को फूंक फूंक कर पी रही थी। इस बार मैंने भी उस पर नज़र रक्खी हुई थी। विमल काजल की बनाई डिश में जो भी चेंज करता काजल वैसे ही बना कर, डिनर में वो डिश हमें परोसी जाती। मैं तारीफ़ करती तो सना के आने पर उसको भी बनाया जाता। विमल के बताये तरीके से मसलन गट्टे को ही उसने सोयासॉस, विनेग़र, चीली सॉस, टोमैटो सॉस और कॉर्न फ्लोर के साथ उसका चायनीज़ स्नैक्स और मंचुरियन की तरह दो व्यंजन बना दिये। जब काजल ने उसकी बताई विधि से बनाया तो उसका स्वाद लाजवाब था। अब काजल सबसे पहले विमल के ही कमेंट पढ़ती थी। इस शनिवार उसने विमल के बताये चेंज से ही सभी एपिसोड बनवाये। उसने बनाते हुए  कहा  कि  बारीक कटे लहसुन को खाने के तेल में भूने फिर उसमे मोटा कटा प्याज सुनहरी होने तक भूने, उसमें हल्दी र्मिच पाउडर, गट्टा और नमक डाल कर तेजी से मिलायें आँच बहुत मंदी कर उसमें विनेरगर(सिरका),  सोयासॉस और टोमैटोकैचप मिला कर गैस बंद कर दें और इसमें बारीक कटा हरा प्याज और हरी मिर्च से सजा दें। इसे सर्विंग डिश में निकाल कर रख दिया। अब गट्टे की चाइनीज सब्जी के लिए कड़ाही में उसने बारीक कटे लहसुन को खाने के तेल में भूना फिर उसमे बारीक कटा प्याज सुनहरी होने तक भूना, उसमें हल्दी र्मिच पाउडर और नमक डाल कर तेजी से मिलाया आँच बहुत मंदी कर उसमें विनेरगर(सिरका),  सोयासॉस और टोमैटोकैचप मिलाया। थोड़ा सा कॉर्नफ्लोर पानी में घोल कर ग्रेवी के अनुपात में डाल कर उबाल आते ही गट्टे डाल कर गैस बंद करदी। इसी तरीके से विमल द्वारा भेजे और भी कई व्यंजन बनाये। इनको बनाते हुए उसके चेहरे से मुस्कुराहट फूट फूट कर निकल रही थी। उसकी बॉडी लैंग्वेज़ देख कर मुझे और सना को आंतरिक खुशी मिल रही थी। धीरे धीरे उन दोनों की दोस्ती हो गई। वह जर्मनी में कुक था। अब एक महीने के बाद वह दिल्ली जा रहा था। काजल ने भी घर जाने की इच्छा की। हमने टिकट बनवा दिया। काजल भी ठीक हो चुकी थी। जाने से पहले मैंने काजल को अपने पास बिठा कर समझाया कि अगर कोई तुझे पसंद करे, और तू भी यदि उसको पसंद करती हैं तो जो भी तेरे मन में प्रश्न हों, उसके आगे रखना और उसके जवाब से तूु संतुष्ट हो, तब उसके बारे में सोचना। जो कुछ भी वह तेरे बारे में वो जानना चाहेगा, तूं उससे कुछ भी छिपाना नहीं। कोई शर्म की बात नहीं कि तूं और तेरी मां झाडू पोछा बरतन करते थे। जो भी तुझे पसंद करेगा वो आज की काजल को पसंद करेगा। महानगर में तेरा खुद का घर है। अच्छा इनसान कम भी कमाता हो तो भी अपने खुद के घर में गुजारा हो जाता है। उसने मेरी बातों को ध्यान से सुना। सुबह उसकी फ्लाइट थी। इस बार उसने किसी के लिए गिफ्ट नहीं लिए। सुबह उसे एअरर्पोट छोड़ने गई तो पूछा कि दिल्ली से तूं गाँव जायेगी? वो बोली,’’नहीं, उसने घर वालों से कह कर, अपना फ्लैट खाली करवा रक्खा था। उसके भाई ने पूछा था कि उसके आने से पहले वह घर में डिस्टैम्पर पेंट करवा रक्खे।’’ काजल ने साफ मना कर दिया था कि वह आकर स्वयं अपनी पसंद का करवायेगी। जाने से पहले उसने मेरा हाथ पकड़ा और बड़े भोलेपन से मेरे चेहरे को देखने लगी। मैंने कहा कि तुझे जब भी मेरी सलाह की जरुरत होगी, मैं तेरे साथ रहूगी, पहुंंचते ही मुझे खबर करना। पहली बार अकेली जा रही है न और उसके गाल पर प्यार से चपत लगा कर, आँखों में आए आँसूओं को छिपाकर मैं पार्किंग की ओर चल दी।   क्रमशः

2 comments:

डॉ शोभा भारद्वाज said...

अति सुंदर कहानी सच्चाई खाने का वर्णन सुन कर मुहँ में पानी आ गया

Neelam Bhagi said...

धन्यवाद