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Friday, 27 March 2020

लॉक डाउन दूसरा दिन नीलम भागी Lock Down Ka Doosara Din Neelam Bhagi


हमने एक जूट का थैला गेट पर टांगा हुआ है। उसे लेकर ही बाहर से जरुरी सामान लेते हैं। कल मैं दूध लेने के लिए घर से पीछे वाले स्टोर के लिए निकली। हमारे घर के बाजू वाला गेट पहले रात 9.30 से सुबह 5.30 तक बंद रहता था। इस गेट से स्टोर बहुत ही पास है। कोरोना के कारण हुए लॉक डाउन होने पर इसे भी लॉक कर दिया गया है। अब मुझे बहुत लंबा चक्कर काट कर स्टोर जाना था। मेन गेट इतना खुला है कि उसे बिना छुए आप आराम से निकल सकते हैं। रास्ते में मुझे सिर्फ आवारा कुत्ते या गाय, सांड दिखे। मेरे हाथ में झोला लटका देख कर मेरे पास आने लगे तो मैंने झोला मोड़ कर पेट से लगा लिया। स्टोर के आगे एक पुलिसमैन खड़ा था, लाइन में लगे लोग मास्क लगाये हुए चूने से बने घेरे में खड़े थे और अपनी बारी की शांति से प्रतीक्षा कर रहे थे। एक समय में एक व्यक्ति को अंदर जाने दिया जा रहा था। एवरेज पंद्रह मिनट का समय प्रति व्यक्ति का लग रहा था। लाइन में ज्यादातर युवा थे। मैं लाइन में आखिर में लगने जा रही थी। नौंवां और दसवां घेरा खाली देख, मैंने हैरान होकर पूछा,’’यहां कोई नहीं खड़ा!! 11 नम्बरवाला बोला,’’ आप खड़ी हो जाइये।’’पीछे लम्बी लाइन देखकर मैं खुशी से खड़ी हो गई। इतने में मेरे आगे खड़ी लड़की ने पीछे मुड़ कर देखा, तो मुझे तुरंत समझ आ गया कि इसके पीछे दो घेरे क्यों खाली थे? वो शायद नॉर्थ इस्ट की थी उसे चाइनीज़ समझ कर उससे दो घेरे की दूरी बना कर खड़े थे। कोई भी आपस में बात नहीं कर रहा था। इतने लोगों के होते हुए भी एकदम सन्नाटा था। आम दिनों में बिल पेमेन्ट के पांच काउन्टर होने पर भी कुछ लोग तो ऐसे आते थे। जिन्हें एक मिनट भी इंतजार करना पसंद नहीं था। वे चिल्लाने लगते कि काउन्टर और होने चाहिए और आज चुपचाप लंबी प्रतीक्षा कर रहे थे। जैसे ही आगे की लड़की का नम्बर आया। उसके हाथ सैनेटाइज़ किए गए। मैं  बिना मास्क के थी।  बिना मास्क के अंदर जाने की मनाही थी। ये सब सावधानियां देखकर अच्छा लगा। मैंने कहाकि  कोई बात नहीं, मैं बाहर खड़ी रहती हूं। मुझे चार लीटर दूध और एक टाटा नमक की थैली बाहर ही दे दो। इससे जयादा सामान मैं उठा कर ले जा भी नहीं सकती थी और पैसे पकड़ा दिए। इतने में उस लड़के ने कहा कि टाटा का नमक नहीं है। फलां नमक है, वो भी बस 3 थैली ही हैं। मैंने कहा कि वही दे दो। सुनते ही चाइनीज दिखने वाली लड़की बोली,’’दो किलो मेरी ट्रॉली में डालिए।’’सुनकर मैं सोच में पड़ गई कि ये रैस्टोरैंट या पीजी चलाती है क्या।’’       


4 comments:

Sanjay Awasthi said...

बहुत सुंदर चित्रण

Neelam Bhagi said...

Hardik aabha

Unknown said...

Good one abhi tau bahut din hein Keep sharing

Neelam Bhagi said...

धन्यवाद