इन्हें सहारे की और धूप की बहुत जरुरत होती है। 15 दिन बाद गुड़ाई करे और महीने में एक बार खाद डालें। 30 से 35 सेंटी मीटर की बेल होने पर आगे से एक इंच तोड़ दें। जिससे कई उपशाखाएं निकलेंगी। 25 दिन तक उन्हें भी आगे से कट कर दें। एक महीने तक फूल आने लगते हैं। अब 15 दिन बाद खाद डालें। छोटे फल झड़ने पर नीम के तेल का छिड़काव करें। पौधों की बच्चों की तरह देखभाल करो। बहुत अच्छा लगता है। दो महीने बाद लौकी मिलनी शुरु हो जाती है। ताजी लौकी को कद्दृूृकस कर के नमक मिला कर थोड़ी देर रख कर निचोड़ लों। रस में चाट मसाला नींबू का रस और पौदीना मिला कर जूस पी लो।
जूस निकाली हुई लौकी में बारीक कटी प्याज, हरी मिर्च, धनिया पाउडर, अजवाइन, हींग और बेसन अच्छी मिला कर चख लें अगर नमक कम लगे तब मिलाएं। पतले लोग इसे गोल आकार देकर तल लें पकौड़े की तरह खा लें। चाहे घिया के कोफ्ते की सब्जी़ बना लें।
मोटे लोग इसी बैटर को तलने की बजाय अप्पम के सांचे मंें लौकी अप्पम, दूधी अप्पम, घिया अप्पम बना कर खायें।
सूप के लिए घिसी लौकी में नमक डाल कर प्रैशर कूकर में अच्छा प्रैशर आने पर, सीटी मत बजने दो गैस बंद कर दो। जब प्रैशर खत्म हो जाए तो पानी अलग कर लो। घिया के लच्छे फ्रिज में रख दो और जूस की तरह ही सूप में मसाले डाल कर इस्तेमाल करो। अब इन लच्छों का दो तरह से रायता बनाती हूं।
1. लौकी के लच्छों को फेटे हुए दहीं में डाल कर, उसमें दहीं की मात्रा के अनुसार काला नमक मिला ले, लच्छे नमकीन पहले से हैं। बारीक कटा पौदीना, हरी मिर्च और भूना जीरा पाउडर डाल कर मिला लें। डाइट रायता तैयार।
2. फ्राइ पैन में थोड़ा देसी घी या कोई भी तेल लेकर उसमें सरसों चटका लें और कैंची से काट कर सूखी लाल मिर्च के टुकड़े डाल कर इस पर करी पत्ता डाल कर छौंक तैयार कर लें। लौकी के लच्छों को फेटे हुए दहीं में डाल कर, उसमें दहीं की मात्रा के अनुसार काला नमक मिला ले, लच्छे तो नमकीन हैं। उस पर ये छौंक डाल दें।
लौकी चना की दाल अजवाइन और सौंफ के पंजाबी तड़के वाली स्वाद का स्वाद लाजवाब होता है।
किसी भी कंटेनर या गमले में किचन वेस्ट फल, सब्जियों के छिलके, चाय की पत्ती आदि सब भरते जाओ और जब वह आधी से अधिक हो जाए तो एक मिट्टी तैयार करो जिसमें 60% मिट्टी हो और 30% में वर्मी कंपोस्ट, या गोबर की खाद, दो मुट्ठी नीम की खली और थोड़ा सा बाकी रेत मिलाकर उसे मिक्स कर दो। इस मिट्टी को किचन वेस्ट के ऊपर भर दो और दबा दबा के 6 इंच किचन वेस्ट के ऊपर यह मिट्टी रहनी चाहिए। बीच में गड्ढा करिए छोटा सा 1 इंच का, अगर बीज डालना है तो डालके उसको ढक दो।और यदि पौधे लगानी है तो थोड़ा गहरा गड्ढा करके शाम के समय लगा दो और पानी दे दो।
No comments:
Post a Comment