मेरे घर के रास्ते में किसी ने एक सहजन का पेड़ लगा रखा था। साल में एक बार फली लगती तो अगर वह महिला तोड़ रही होती और मैं वहां से गुजर रही होती तो वह मुझे भी बुला कर देती। मैं सांबर बनाने में उनका इस्तेमाल करती। एक दिन क्या देखती हूं!! पेड़ वहां से गायब था। टहनियां दो चार पड़ीं थीं। ये देख मैं गुस्से से वहां खड़ी हो गई। इतने में वह सीनियर सीटीजन महिला गेट खोल कर बाहर आई। मेरे कुछ बोलने से पहले ही उसने मेरे हाथ में एक सहजन की मोटी सी डण्डी पकड़ा कर बड़े दुख से बोली,’’ये मीठा मुनगा मैं दक्षिण भारत से लाई थी। आते ही इतनी बड़ी डण्डी मैंने इसकी जमीन में गाड़ दी थी। कहीं से गोबर की खाद लाकर इसके ऊपर वाले सिरे पर बांध दी। कितना शानदार पेड़ था। लड़के घर बेच रहें हैं। उनका कहना है कि इतना सुंदर हमने घर को रंग रोगन करवाया है। इस पेड़ ने सब ढक रखा है। घर का लुक खराब कर रखा है| अब दूर से घर चमक रहा है। कीमत अच्छी मिलेगी।’’ मैंने उनके हाथ से वह डण्डी ले ली और बिना कुछ बोले घर आते ही पहले वह डण्डी मिट्टी में लगाई, नियमित खाद पानी दिया। उसमें से कोंपले फूट गईं। पर उनकी पत्तियों गायब हो जाती। मैंने बाई से पूछा कि इसकी पत्तियां कौन तोड़ता होगा? उसने जवाब दिया,’’दीदी मैं तो जब तोड़ूंगी, आपसे पूछ कर तोड़ूंगी। ये अमुक नम्बर वाली मैडम के पेड़ की टहनी से आपने लगाया है न। इसकी तो पत्तियां भी बड़ी मीठी हैं। सब उनसे मांग के ले जाते थे। आटे में मिला कर गूंथ लो फिर उस आटे से चाहे जिस किसी के भी भरवां परांठे बनाओ। आलू के साथ भुजिया बनाओ। इसकी फली की सब्ज़ी, अचार बनता है। सांबर में डलता है। दीदी हमारे गांव में तो इससे....इनसानों और जानवरों को क्या क्या फायदा होता है वो इतने गिनवा रही थी कि मैं इस पर थीसिस लिख सकती थी। पर मेरी चिंता तो दो पैर वाले जानवरों से इस पेड़ को बचाना था। मैं र्गाड के पास गई। उसे अपनी समस्या बताई और कहा कि एक बार पेड़ बढ़ जायेगा तो जितने मर्जी पत्ते खाएं। उसने ध्यान रक्खा। नीचे से मैं छटाई करती रही। अब पेड़ बहुत ऊंचा हो गया।
सर्दी जाने के समय फूलों से भर जाता है। फिर हरी हरी फलियां लगतीं हैं। हमारा हाथ कई साधनों से कुछ तोड़ लेता है। बाकि मोटी मोटी होकर फट जाती हैं उनमें से बीज बिखरते रहते हैं। टहनियां कच्ची होती हैं। इसलिए इस पर चढ़ते नहीं। जब हरी हरी फलियां पेड़ के साथ झूमतीं हैं तो घर के आगे से गुजरने वाले फल, सब्जी वाले, बेचने के साथ हमें सलाह देते हैं कि इस पेड़ को एक या डेढ़ मीटर रखो। जिससे आप फूल, फली और पत्तों की मौज़ लोगे। बिजली की तारों को जब यह छूने वाला होता है। तो प्रूनिंग करने वाले आते हैं।
उनको भी मैं जितनी जरुरत हो, उतनी छटाई करने देती हूं। तब कुछ पत्ते मैं भी रखती हूं।
टहनी से अलग कर डण्ठलों से पकड़ कर तीन चार बार टब से पानी में धोकर, उनकी गुच्छियां बना कर कपड़े सुखाने बाली रस्सी से लटका देती हूं और सूखने तक इस्तेमाल करती हूं। जब पत्ते कड़कड़ करने लगते हैं तो जरा सा मलने पर ही ये डण्ठल से अलग हो जाते हैं। तो पाउडर बना कर छान कर रख लेती हूं। उपयोग करती रहती हूं। छलनी के ऊपर जो आता है। उसका सूप बना कर नमक, काली मिर्च, नींबू निचोड़ कर पीते हैं। आप भी अगर सहजन का पेड़ लगाएं तो ज्यादा ऊंचा न होने दें।
7 comments:
https://youtu.be/ra8kT2ugHbA
For weight loss also moringa is used
हार्दिक धन्यवाद
Very nice, thanks🙏
हार्दिक धन्यवाद
Moringa is a gift of nature like many others. But the best part is, it has many health and therapeutic uses, especially for women due its medicinal qualities.
हार्दिक धन्यवाद
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