पहली बार 12 मई 2018 को सायं 6 बजे यहां एक कार्यक्रम में मैं यहां आई थी। जब तक अंधेरा नहीं हुआ था, तब तक मैं यहां घूमती रही थी क्योंकि यह मेरी मनपसंद जगह जो थी। फिर थक कर प्रोग्राम में बैठ गई। बी.एस.सी. में मेरे पास बॉटनी सब्जैक्ट था। कॉलिज में बॉटनी डिर्पाटमैंट का गार्डन था। उसकी और र्चाट की मदद से हम पढ़ते थे। तब एक ही उद्देश्य होता था कि अच्छी परसेन्टेज लेना। जिसके लिए सलेबस रटते थे और एग्जाम में जाकर उगल आते थे। कार्यक्रम बोटेनिक गार्डन ऑफ इण्डिया रिपब्लिक के बारे में ही था। तभी मैंने सोच लिया था कि मैं कम से कम एक साल बाद यहां आउंगी। यहां आना जरा भी मुश्किल नहीं है। मैट्रो स्टेशन, पब्लिक ट्रांसर्पोट सब एकदम बढ़िया और पास में। सुबह 9से 5 सोमवार से शुक्रवार आप आ सकते हैं। प्रवेश निशुल्क है। तब में और अब में बहुत बदलाव देखकर लगा। यह 160 एकड़ में फैला है। 7500 किस्म की वनस्पतियां हैं। बिल्कुल व्यवस्थित है। इनको दस सेक्शन में बांटा गया है। उसको भी आगे वार्ड में बांटा गया है। जैसे अयूर सेक्शन हैं उसमें भी बॉडी सिस्टम के अनुसार, मसलन पाचन तंत्र, रक्तसंचार, मस्कुलर सिस्टम,चर्मरोग के उपचार की औषधिय वनस्पितियां हैं सभी पौधे सटीक लेबल किए हुए हैं, साथ ही उनके वनस्पतिं नाम भी हैं। भारत का एक बड़ा नक्शा 68 फीट × 61.4 फीट का जिसमें हर राज्य का पौधा है। कैक्टस हाउस, ग्रीन हाउस, ग्लास हाउस, गुलाब वाटिका,चं का पौधा,आर्थिक महत्व के पौधे, जलीय पौधे आदि सब। यहां आना अपने आपमें में एक अलग सा अनुभव है। क्योंकि इस विशाल बाग में पर्यटन के साथ खुली हवा, ताज़गी में वनस्पतियों को जानना शामिल है। ं
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Monday, 16 December 2019
बोटेनिक गार्डन ऑफ इण्डिया रिपब्लिक नौएडा Botanic Garden Of India Republic Noida Neelam Bhagi नीलम भागी
पहली बार 12 मई 2018 को सायं 6 बजे यहां एक कार्यक्रम में मैं यहां आई थी। जब तक अंधेरा नहीं हुआ था, तब तक मैं यहां घूमती रही थी क्योंकि यह मेरी मनपसंद जगह जो थी। फिर थक कर प्रोग्राम में बैठ गई। बी.एस.सी. में मेरे पास बॉटनी सब्जैक्ट था। कॉलिज में बॉटनी डिर्पाटमैंट का गार्डन था। उसकी और र्चाट की मदद से हम पढ़ते थे। तब एक ही उद्देश्य होता था कि अच्छी परसेन्टेज लेना। जिसके लिए सलेबस रटते थे और एग्जाम में जाकर उगल आते थे। कार्यक्रम बोटेनिक गार्डन ऑफ इण्डिया रिपब्लिक के बारे में ही था। तभी मैंने सोच लिया था कि मैं कम से कम एक साल बाद यहां आउंगी। यहां आना जरा भी मुश्किल नहीं है। मैट्रो स्टेशन, पब्लिक ट्रांसर्पोट सब एकदम बढ़िया और पास में। सुबह 9से 5 सोमवार से शुक्रवार आप आ सकते हैं। प्रवेश निशुल्क है। तब में और अब में बहुत बदलाव देखकर लगा। यह 160 एकड़ में फैला है। 7500 किस्म की वनस्पतियां हैं। बिल्कुल व्यवस्थित है। इनको दस सेक्शन में बांटा गया है। उसको भी आगे वार्ड में बांटा गया है। जैसे अयूर सेक्शन हैं उसमें भी बॉडी सिस्टम के अनुसार, मसलन पाचन तंत्र, रक्तसंचार, मस्कुलर सिस्टम,चर्मरोग के उपचार की औषधिय वनस्पितियां हैं सभी पौधे सटीक लेबल किए हुए हैं, साथ ही उनके वनस्पतिं नाम भी हैं। भारत का एक बड़ा नक्शा 68 फीट × 61.4 फीट का जिसमें हर राज्य का पौधा है। कैक्टस हाउस, ग्रीन हाउस, ग्लास हाउस, गुलाब वाटिका,चं का पौधा,आर्थिक महत्व के पौधे, जलीय पौधे आदि सब। यहां आना अपने आपमें में एक अलग सा अनुभव है। क्योंकि इस विशाल बाग में पर्यटन के साथ खुली हवा, ताज़गी में वनस्पतियों को जानना शामिल है। ं
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