सेम, आलू, मटर को हींग जीरे से छौंक कर हल्दी, मिर्च, धनिया पाउडर और स्वादानुसार नमक डालकर पकने पर गैस बंद करके गरम मसाला डाल कर ढक दतीे।
सादी सेम की सब्जी में गर्म तेल में जीरा भूनने पर कटा प्याज गोल्डन ब्राउन होने तक भूनती फिर हल्दी मिर्च डाल कऱ सेम डालती और स्वादानुसार नमकडाल कर मिला देती। पकने पर गैस बंद कर सौंफ और धनिया पाउडर डाल कर मिला देती।
मेरी बनाई सेम परिवार को पसंद पर मुझे वो स्वाद नहीं आता। वो स्वाद तब समझ आया जब मेरी सेम की बेल से मैंने सेम तोड़ कर तुरंत आलू सेम बनाई। वही स्कूल का स्वाद पाया।
इसके लिए मैंने हाइब्रिड सेम के बीज लिए बड़े गमले में 70% मिट्टी 30% वर्मी कम्पोस्ट अच्छी तरह से मिला कर उसमें आधा इंच गहरे बीज बो दिए। सात दिन में अंकूरित हो गए। पच्चीस दिन की होने पर उसे पेड़ पर चढ़ा दिया। नियम से इसमें एक मुट्ठी खाद 15 दिन में डालती और पौष्टिक स्वाद सेम मार्च तक मिलीं और बेल सूखने लगी।
मेरे सामने के घर में सेम की बेल है। जो घर से बाहर बरसाती नाली में अपने आप उग आई है। उस पर मेरा घ्यान पिछले साल गया। क्या देखती हूं!! दूसरी मंजिल की ग्रिल पर सेम के पत्ते हैं क्योंकि वहां उन्हें धूप मिलती है और पूरे तने पर जमीन से लेकर पहली मंजिल तक तने पर सेम, पत्तों की तरह लगी हुई थी।
मैंने तुरंत फोटो ली। मार्च के बाद बेल गायब हो गई।
आज फिर ध्यान गया तो फोटो ली। नाली से रस्सी जैसा तना दूसरी मंजिल तक गया है। वहां खूब सेम की पत्तियां हैं।
अक्टूबर नवम्बर में फलियां लगेंगी। इस बेल का तो उद्गम भी नहीं दिख रहा है।
उसे देख कर मैंने भी जमीन में सेम लगाई है। मेरी देखभाल से उम्मीद है कि यही बेल हर साल आयरन, मैग्निशियम से भरपूर सेम की फलियां देगी।