मेरा पौदीना हमेशा सर्दी में मर जाता था। इस साल जब दो तीन तने हरे थे तब मैंने उन्हें एक प्लास्टिक के कन्टेनर मेें ट्रांस्फर कर दिया और ऐसी जगह रखा जहां इसके ऊपर तो छत थी पर वहां धूप आती थी और मैं कम पानी देती थी इतना की कभी पानी ड्रेनेज़ होल से नहीं निकला। सर्दी के कारण ग्रोथ इसकी बहुत कम थी पर ये देख कर मुझे बहुत अच्छा लगता कि ये बचा हुआ है। जब ये कंटेनर से बाहर झांकता तो मैंने दूसरा लकड़ी की छोटी सी टोकरी में इसकी टहनियां लगा दीं। इस तरह तीसरा पॉट भी तैयार कर लिया। सर्दी से ग्रोथ सब की कम रही पर जम गया। अब मौसम बदल रहा है।
आज मैंने पाँच पॉट और पौदीने के तैयार कर लिए। इसके लिये 50% मिट्टी, 40% वर्मी कम्पोस्ट, थोड़ी रेत और नीम की खली मिला कर मिट्टी तैयार कर ली। इसके लिए तो 6’’ गहरा पॉट ही काफी है। ड्रेनेज होल पर ठिकरा रख कर मिट्टी भर दी। फिर इस मिट्टी को अच्छी तरह गीला कर लिया। अब पौदीने की डण्डियां काट कर इनमें जमा दीं। इनके आस पास सूखी मिट्टी डाल दी ताकि टहनियां लुड़क न जाएं। आगे के अपडेट लगाती रहूंगी। https://youtu.be/M1JpGyIPh3kकिसी भी कंटेनर या गमले में किचन वेस्ट फल, सब्जियों के छिलके, चाय की पत्ती आदि सब भरते जाओ और जब वह आधी से अधिक हो जाए तो एक मिट्टी तैयार करो जिसमें 60% मिट्टी हो और 30% में वर्मी कंपोस्ट, दो मुट्ठी नीम की खली और थोड़ा सा और बाकी रेत मिलाकर उसे मिक्स कर दो। इस मिट्टी को किचन वेस्ट के ऊपर भर दो और दबा दबा के 6 इंच किचन वेस्ट के ऊपर यह मिट्टी रहनी चाहिए। बीच में गड्ढा करिए छोटा सा 1 इंच का और इसमें पुदीने की टहनियां लगा दो जितनी बर्तन में जगह है थोड़ी थोड़ी दूरी पर।