Search This Blog

Tuesday 9 July 2019

चूहे या चूहों की नानी का काम है ये!! नीलम भागी

चूहे या चूहों की नानी का काम है ये!!
                                            नीलम भागी
दीपिका भाटिया का मुझे फोन आया कि मैं उनके घर आकर देखूं कि उनका परिवार किस कदर चूहों से परेशान हैं। मैं कोई पेस्ट कंट्रोल का व्यवसाय नहीं करती लेकिन संवाद का उद्देश्य है समस्या को सबके सामने लाना। मैं गई और मैंने अपने जीवन में चूहों को इस कदर नुकसान करते नहीं देखा। उनका घर चार साइड ओपन है। चूहों ने जमीन के नीचे से खुदाई करके कहीं कहीं तो फर्श के पत्थरों को ऊँचा कर दिया है। कहीं फर्श नीचा हो गया। क्योंकि जहाँ वे मिलकर गड्डा बनाते हैं वो जगह धंस जाती है और जहाँ उनका मिट्टी का ढेर लगता है। वो जगह ऊँची हो जाती है। चूहों की खुदाई की मनपसंद जगह सीवर है। जब उसे खोदते हैं तो उसमें मिट्टी भर जाती है और वह बंद हो जाता है, जिसके कारण घर में गंदा पानी भर जाता है। प्लास्टिक की पाइप लाइन काट दी। उन्होंने सारी प्लास्टिक की पाइप लाइन कोे लोहे की पाइप लाइन में बदला। जबकि लोग लोहे पर जंग लगने की वजह से प्लास्टिक में बदल रहें हैं। ग्राउण्ड फ्लोर पर उनका कोई किराएदार नहीं रूकता। जब मकान खाली होता है। वो चूहों से बचाव के सारे उपाय करके, मकान की रिपेयर करवाते हैं। बड़ी उम्मीद से मकान किराये पर उठाते हैं कि इस बार किरायेदार को कोई शिकायत नहीें होगी। आने वाला भी  धूप, हवा, कमरों में प्राकृतिक रोशनी और बराबर में पार्क देख कर बड़ी खुशी से रहने आता है। चूहों से बचाव के लिए भाटिया परिवार ने जो र्मोचाबंदी की थी, चूहे उसी की काट में लग जाते हैं फिर किरायेदारों की शिकायतें शुरू, नतीजा मकान खाली। दीपिका का कहना है कि न जाने कितनी दवाइयां डाल चुके हैं, कोई असर नहीें। वह मुझे पार्क में लेकर गई। उनके घर की दीवार जो पार्क के साथ है, उसमें बड़े बड़े छेद हैं। उन बिलों को देखकर दीपिका बोली कि लगता है न कि यहाँ तो जमीन के नीचे चूहों की कालोनी है। इनके अड़ोस पड़ोस में बस चूहों की ही चर्चा है। किसी ने कहा कि ये चूहों का काम नहीं है। ये काम तो चूहों की नानी का है। मैंने पूछा कि चूहों की नानी कैसी होती है? वो बोली कि चूहों की तरह ही होती है। उसे घूस भी कहते हैं। मैं चली गई। कुछ समय बाद मैं आकर फिर वहीं पार्क में बैठ गई। वहाँ बिल से तीन चार घूस लाइन से जा रहीं थीं। पार्क में बैठी एक महिला ने उनकी ओर इशारा करके कहा कि देखो लक्ष्मी। मैंने उससे पूछा’’ये लक्ष्मी है।’’ बोली,’’ नहीं, घूस है पर ये जिसके घर में रहती है, वहाँ लक्ष्मी आती है। फिलहाल भाटिया परिवार की मेहनत से कमाई लक्ष्मी, इनके द्वारा किये नुकसान की भरपाई में जा रही है।   





No comments: