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Thursday 4 July 2019

धारोष्ण दूध




मेरे पूर्वजों को न जाने कौन से वैद्यराज चरक या धन्वतरी ने कहा था कि धारोष्ण दूध (सामने निकाला दूध) पीने से सेहत अच्छी रहती है। इसलिये जब मैं यहाँ आई तो अपनी गाय गंगा, यमुना साथ लाई। खाली प्लाट थे गंगा, यमुना कहीं भी बंधी रहती थीं।
मेरी तरह धारोष्ण दूध के शौकीन और लोग भी हैं जिनके लिए बाहर से गाय भैसों का रेवड़ आता है, दूधिए दूध दुह कर उन्हें बेचकर, पशु लेकर चले जाते हैं और पीछे गोबर और पेशाब की गंध छोड़ जाते हैं। एक दिन मेरी गंगा, यमुना भी इसी पशुओं के रेवड़ के साथ चली गई फिर वो आज तक नहीं मिली। गंगा, यमुना की चोरी से मैं इतनी ग़मगीन हो गई कि वातावरण में करूणा तैरने लगी। पड़ोसियों ने समझाया कि ईश्वर की यही मर्ज़ी थी, अब आप पाश्चुराइज्ड दूध पिया करो। पर मैं अपनी आदत भला क्यों छोड़ूँँ?
अब मैं डब्बा हाथ में लटकाकर जहाँ भैंसे आती, वहाँ दूध लेने जाती हूँ। वहाँ मैं लोगों से प्रशासन की निन्दा करती हूं कि उन्होंने भैंसे बाँधने के लिए पार्कों में खूटे नहीं गाढ़े। ग्राहकों के बैठने के लिए बैंच क्यों नहीं लगवाए?
मेरी सहेली गीता आई। उसके मुँह पर मेकअप लगा हुआ था और सैंडिल में गोबर। गंगा यमुना की चोरी सुनकर बहुत खुश हुई। कहने लगी ’’अगर चोरी न होती तो मैं उन्हें गऊशाला में दे आती।’’ मैंने दुखी होकर कहा कि अब मुझे धारोष्ण दूध खरीदने जाना पड़ता है।
गीता ने कहा, ’’तुम पाश्चुराइज्ड दूध क्यों नहीं लेती? धारोष्ण दूध पीने से तुम्हारा परिवार स्वस्थ परिवार का विज्ञापन देने लायक तो नहीं हुआ! हाँ इतना धारोष्ण दूध का शौक है तो वहाँ से दूध लाओ, जहाँ इनको पाला जाता है। भैंसे आती हैं, सड़कों पर गोबर पेशाब करती हैं। कई बार गोबर से लोगों के स्कूटर स्लिप कर जाते हैं। सुबह स्कूल का समय होता है सड़कों पर भीड़ होती है। कोई भी भैंस झुण्ड में से पूँँछ उठा कर भागने लगती है। महिलाएँ, बच्चे डर कर इधर-उधर दौड़ते हैं। कुछ लोग जिन्होंने पशु नहीं पाला होता उन्हें दौड़ती हुई भैंस नहीं, वह यमराज का भैंसा दिखाई देता है। पार्कों की ग्रिल भैसों को बाँघने के काम आती है। पार्कों में गोबर और पेशाब की गन्ध आती है।
उसका उपदेश सुनकर मैं कनविंस भी होने लगी और बोर भी, पर मैं कहाँ मानने वाली? मैंने उसे कहा, ’’धारोष्ण दूध पीने से तुम मेरे चेहरे की चमक तो देखो’’। वह कुछ देर तक मुझे घूरती रही, फिर घूरना स्थगित कर बोली,’’ मुझे तो तुम्हारा चेहरा श्मशान भूमि जैसा दिखाई दे रहा है। रोज तुम कुढ़ती हो कि दुधिया दूध में पानी न मिला दे, भैंस के थन उसके पेशाब से न धो दे, दूध में ज्यादा झाग न नाप दे, समय से आए। यह कह कर गीता चली गई। मैंने भी फैसला कर लिया कि अब उस शहर में रहूँगी जहाँ मैं गाय, भैंस पाल सकूँ। कम से कम भैंस का दूध बिना हॉरमोन का इन्जेक्शन लगाए तो मिलेगा।

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