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Monday, 11 November 2019

अनोखा डिनर !विदेश को जानो, भारत को समझो घरोंदा Videsh Ko Jano, Bharat Ko Samjho GHARONDA Part 16 नीलम भागी




  सुबह उसने कुत्ता घुमाते समय मुझे बताया कि डिनर आज हम उसके घर पर करेंगे। दो डिश उसकी किचन में मुझे बनानी है। उसकी फ्रैंच सहेली एंजिलक्यू पहले आयेगी,  दो डिश वो बनायेगी, दो कात्या मुले बनायेगी। उसका पति बाद में ऑफिस से आयेगा| एंजिलक्यू के आने पर हम तीनों किचन में गये। मैंने दाल मक्खनी और पालक पनीर बनाया। इतने से काम में दोनों ने मेरी मदद की| एंजिलक्यू तो छौंक की ही खूशबू को ही लंबी लंबी सांसो से सूंघ सूंघ कर खुश होती रही। कात्या मुले ने मैश पोटैटो बनाए जो बहुत आसान थे| उसने उबले आलू को कदृदूकस कर, खौलते दूध में डाला उसमें हल्का नमक और नटमैग पाउडर डाला और आँच बंद कर दी। खाने के समय वह एकदम सॉलिड हो गया और कद्दु का सूप बनाया। एंजिलक्यू की दोनो नॉनवेज डिश थीं। रोटी चावल की जगह उबले आलू और जर्मन ब्रेड थी| मैं तैयार होने आ गई। बॉडर वाली सिल्क साड़ी पहन कर जब मैं गई, दोनों बहुत खुश हुईं, एंजिलक्यू इंगलिश नहीं जानतीं थीं। उन्होंने मेरे लिए फ्रेंच में कहा कि ये डिनर क्वीन है| ये काम नहीं करेगी। मैंने कात्या मुले से कहाकि यह हमारी गैस्ट है, तुम इससे ही बात करो। उसने मुझे दस बार धन्यवाद किया। इतने में बेटी भी आ गई। कुछ ही देर में एंजिलक्यू के पति भी आ गये। कात्या मुले ने सबका परिचय करवाया। डिनर क्वीन को छोड़ कर सबने लॉन में ही खाना लगाने में मदद की। इण्डियन, र्जमन और फैंच खाने की तस्वीरें ली गई। मेरे परिचय में कात्या मुले ने कहा,” नीलम इण्डिया से है| ये सिग्रेट, शराब नहीं पीती है, न ही नॉनवेज खाती है। उन्होंने बड़े हैरान होकर मुझे देखा। मेरी साड़ी की खूब तारीफ की। डिनर के बाद सबने मिलकर बर्तन धोये, किचन साफ की, बचे खाने को फ्रिज में पैक किया। खाने की बर्बादी बिल्कुल भी नही| मैंने कात्या से इस बात की तारीफ़ की तो धन्यवाद करके उसने बताया कि उसकी मां बताती हैं कि विश्वयुद्ध के समय एक आलू पर लोग गुजारा करते थे| बचपन से ही फ़ूड वेस्ट करने की आदत नहीं है|  और बाय करके सब अपने अपने घर चल दिये। बेटी थोड़ी फैंच जानती है। उसने बताया कि दस मिनट तक आपकी साड़ी और सब्जी, दाल पर चर्चा चली। मुझे कात्या मुले के मैश पोटैटो, कद्दू के गाड़े सूप के साथ बहुत अच्छे लगे। बेटी ने बताया कि नॉनवेज भी बहुत स्वाद था। मैं इन दोनो महिलाओं से बहुत प्रभावित थी। फिटनैस भी गज़ब, आत्मनिर्भर, जो भी पकाती वो लजी़ज होता। फ्रेंच एंजिलक्यू के पति से तो और भी ज्यादा क्यों कि वह ऑफिस से आया था पर आते ही सबके साथ काम पर लग गया|  अब मेरे परिवार में मैश पोटैटो बेबी फूड बन गया है।क्रमश:

2 comments:

डॉ शोभा भारद्वाज said...

विदेश में हर देश का खान पान अलग है पके खाने में भी अपना स्वाद है नीलम इण्डिया से है| ये सिग्रेट, शराब नहीं पीती है, न ही नॉनवेज खाती है। उन्होंने बड़े हैरान होकर मुझे देखा वाकई उनके लिए हैरानी की बात थी

Neelam Bhagi said...

धन्यवाद