जब ये पौधे तीन से चार इंच के हो गए तो इन्हें बिना किसी तैयारी के किसी न किसी गमले में एडजस्ट करती रही। मसलन लहसून के गमले में ठूस दिया।
बिना मेहनत के ऐसे ही जो मिल गए थे न इसलिए। पर इन बेचारों ने निराश नहीं किया। समय से इनका जैसे जी किया ये बढ़़ते गए। कुछ दिन बाद सफेद फूल आए, कुछ हरी हरी मिर्च भी आईं।
तब मैंने अपनी सहेलियों को ज्ञान भी बघारा की सब कुछ छोड़ कर मिर्च लगाओ, कुछ नहीं करना और मिर्चें खाओ। कुछ दिन बाद मेरी पत्तियां मुड़ने लगीं, फूल गिरने लगे, पौधा रोगी हो गया। इलाज के बजाय, मैंने उसे जड़ से निकाल कर फैंक दिया बिना मेहनत के जो मिला था।
एक दिन हरी मिर्च घर में खत्म थी। पहले पौधे पर हमेशा चार छ लटकी रहतीं थी जब नहीं होती तो तोड़ लेती थी।
अब मुझे लगा कि मिर्च का पौधा घर में होना ही चाहिए। हाइब्रिड मिर्च बीज का पैकेट खरीदा। 50% मिट्टी, 40% कम्पोस्ट बाकी रेत और थोड़ी नीम की खली मिला कर, इस मिट्टी को सीडलिंग ट्रे में भर दिया और इसमें बीज छिड़क दिए। 20 से 25% ज्यादा ये सोच के डाले की कुछ खराब भी होंगे। फिर बीजों को ढकने के लिए इसी मिट्टी का उपर छिड़काव कर दिया और हल्के हाथ से पानी इस तरह दिया कि बीज ढके रहें। ट्रे को ऐसी जगह रखा जहां सीधी तेज धूप न हो और उसमें नमी रहे। सात दिन में अच्छे से अंकूरण हो गया। जब पौध 4’’ की हो गई। तो 14’’के गमले में ड्रेनेज होल पर ठीकरा रखकर किचन वेस्ट आधा भरकर, उस पर में 60% मिट्टी, 20% वर्मी कम्पोस्ट, 5% नीम खली, 15% बोन मील मिला कर इस मिट्टी को मिला कर उसमें भर दिया। शाम के समय मिर्च की पौध को इसमें रोपित कर दिया। गमले को ऐसी जगह रखा जहां अच्छी धूप आती है। जब उपरी पर्त हल्की सूखने लगती तब पानी दिया। 6’’ का पौधा होने पर 1’’ऊपर से पौधे को हल्के हाथ से तोड़ दिया। अब इसमें से खूब उपशाखाएं फूटीं। 15 दिन के बाद गुड़ाई करती और महीने में एक बार वर्मी कम्पोस्ट डालती। पौध रोपण के 35 दिन बाद उपशाखाओं को भी ऊपर से एक इंच तोड़ दिया। इससे पेड़ घना झाड़ीदार हो गया और ज्यादा फूल तो फल भी ज्यादा।
3 comments:
इंडिया की सबसे तीखी मिर्च असम में उगती है। असम की भूत जोलकिया को साल 2007 में दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची माना गया और इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया। भूत जोलोकिया इतनी तीखी मिर्च है कि इसे घोस्ट पेप्पर भी कहा जाता है। इस मिर्च को यू-मोरोक, लाल नागा औऱ नागा जोलोकिया के नाम से भी जाना जाता है।
Very helpful kitchen gardening tips.
धन्यवाद रचना जी
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