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Monday 24 May 2021

मरीज़ को भी सोचना ...... मैं कोरोना से ठीक हुई Be Positive and follow covid 19 protocols! I have survived covid! Whay can"t you? Part - 11 Neelam Bhagi


 अब वहम के कारण नारियल खरीदना बंद कर दिया। विटामिन की गोलियां बचीं थीं बाकि सब कोर्स खत्म हो गया था। सौ के आस पास बुखार रहता था। डॉक्टर ने रात की गोली पांच दिन और खाने को कहा और कुछ ब्लड टैस्ट लिखे। ब्लड सैंपल लेने वाला अगले दिन ही आ गया। रुम से बाहर आकर ही मैंने सैंपल दिया। उसके जाते ही मैंने लिक्विड हैंडवाश से हाथ धोए। मेरे हाथों से डिटोल की गंध आने लगी। ये देख फिर साबुन से हाथ धोए तो  हाथों से महक आने लगी। मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसी समय अंकुर का फोन आया, उसने पूछा,’’ब्लड सैंपल ले गए।’’मैंने कहा,’’हां, और मुझे गंध आने लगी है।’’सुन कर वह भी खुश हुआ कहने लगा अब आप जल्दी ठीक हो जाओगी। अपना ध्यान ऐसे ही रखना। गंध आने का जैसे ही घर में पता चला सब खुश। मुझे याद आया कि आज अनिल का फोन नहीं आया है। मैंने उसे फोन किया और बताया कि मुझे स्मैल आने लगी है। उसने पूछा,’’बुखार उतर गया!’’मैंने कहा कि जब खुशबू आने लगी है तो बुखार भी चला जायेगा। मैंने पूछा,’’ तेरी आवाज़ को क्या हुआ? तूं ठीक है न।’’ वह बोला,’’नहीं, मुझे बुखार हो गया। सुबह शॉप के लिए घर से निकला तो तबियत कुछ खराब सी लगी। मैं तुम्हारी तरह नहीं कि दो चार दिन ऐसे ही निकाल दो कि मुझे ऐसा लग रहा है या वैसा लग रहा। कोरोना के डॉक्टर का क्लीनिक मुझे कोई पता नहीं था। ऑनलाइन इलाज़ की मुझे कुछ समझ नहीं आया। मैं तो सरकारी अस्पताल को चल दिया। मैने पर्ची बनवाई। मेरा दुसरा नम्बर था। काफी दूरी पर डॉक्टर बैठे थे। मैंने जो बताया उसे सुन कर 5 दिन की दवा देदी। खा रहा हूं।’’सुनकर मैंने यही कहाकि अपना घ्यान रखना और अपने को सबसे अलग रखना। अब आराम कर। छोटा भाई हमारे घर से दस किमी दूर रहता है। मैंने घर में बताया कि अनिल को भी बुखार हो गया, उसने दवा ले ली है। अम्मा को नहीं बताना कि छोटा बिमार है। परिवार फिर चिंतित हो गया। शाम को मेरा टैम्परेचर नार्मल हो गया। मैंने तुरंत अपनी भतीजी को फोन किया कि अनिल जब जागेगा, उसे कहना कि मेरा बुखार उतर गया है। मैंने मन में सोचा कि मेरा टैम्परेचर टूट गया सुन कर उसे हिम्मत मिलेगी कि ठीक भी होते हैं। जब मैं होम आइसोलेशन में गई तो मैंने सोचा कि मैं अपनी एक पोशाक धोउंगी और दूसरी पहनूंगी। पर ऐसा करने की हिम्मत ही नहीं थी। कपड़े खूब हो गए। जिस दिन नहाई उस दिन दिन भर सोती रही। सोकर उठी तो अपने आप को ठीक लग रहा था। जरा सा कुछ करने पर मसलन चादर बदलने लगीं। डबल बैड पर आधी ही बदली। खांसी  उठने लगी। लेट गई, दो बार में अच्छे से बिछा ली। बड़ी गंदी बिमारी है अपनी तरफ से मैं पूरी कोशिश कर रही थी कि मुझसे ये वाइरस किसी और को न लगे। कपड़ों का ढेर देख कर मैंने घर में कहा कि मशीन में अपने कपड़े धो लो फिर मैं अपने डालने जाउंगी। मेरे कपड़े धुलने के बाद कोई 3 दिन तक वाशिंग मशीन नहीं इस्तेमाल करेगा। पिछले आंगन में मशीन है वहां धूप आती है। मैं मास्क लगाकर गई बिना कुछ छुए मशीन में कपड़े धोने लगा दिए। धुलने पर वहीं मैंने फैला दिए। तीन दिन मशीन और कपड़ों में खूब धूप लगी। ब्लड रिर्पोट भी आ गई। अब एक नई 30 गोलियां खानी थी, 15 दिन तक सुबह और शाम और साथ में विटामिन की। विटामिन की गोलिया तो होम डिलिवरी में आ गई पर वो 30 गोलियां नहीं आई। अंकुर का मैसेज़ आया कि वो दवा भी जल्दी आ जायेगी अरेंज कर रहा है। जरा उनकी शार्टेज है। नीलम भागी क्रमशः      


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