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Tuesday, 11 May 2021

मैं कोरोना से ठीक हुई नीलम भागी Be Positive and follow covid 19 protocols! I have survived covid! Whay can"t you? Part - 2 Neelam Bhagi

बे वजह तो मैं कहीं नहीं जाती थी लेकिन जहां जाना होता वहां जाती। पर्स में सेनेटाइजर और मास्क जरुर रहता। जो कुर्ता पहनना होता उसकी जेब में भी मास्क पहले रखती ताकि गेट से बाहर निकलते ही मास्क लगा लूं, मास्क भूलने का तो सवाल ही नहीं पैदा होता! 34वां गार्डन टूरिज्म फैस्टिवल र्गाडन ऑफ फाइव सेंसेज उद्यान मेले से गार्डिनिंग का सामान और बीज ले आई। हुनर हाट दिल्ली घूम आई और शिल्प हाट नौएडा में आयोजित सरस मेले में भी गई। इन मेलों में जाने का मकसद र्गाडनिंग के लिए कुछ नया देखना था क्योंकि लॉकडाउन में पौधों का श़ौक़ लग गया था। सर्दियों में टैरेस गार्डिनिंग शुरु की जिसमें किचन वेस्ट से हरी पत्तेदार सब्ज़ियां उगाईं, जिनका रिज़ल्ट गज़ब का रहा। अब मैं गर्मियों की सब्ज़ियां लगाने में व्यस्त हो गई जिससे कोरोना के आंकड़े देखने का याद ही नहीं रहता था। 7 मार्च को मैंने वैक्सीन भी करवा लिया। दूसरी डोज़ 8 अप्रैल को लगवाने को कहा गया। आधा घण्टा वैक्सीन लगाने के बाद बिठा कर कहा कि घर जाकर अगर बुखार लगे तो बुखार की गोली खा लेना। मुझे कुछ नहीं हुआ। सरस आजीविका मेला देखने जाती तो अंधेरा होने से पहले कल्चरल प्रोग्राम बीच में छोड़ कर, आटो पकड़ कर घर आती। मास्क उतार कर हाथ धोकर, जल्दी से छत पर जाकर पौधों में पानी लगाती कि मेरे पौधे न मर जायें क्योंकि इस बार गर्मी जल्दी आ गई। सुबह शाम धूप न होने पर टैरेस पर पौधों में मस्त रहना, मेरी आदत बन गई। नीचे उतरते समय मेरे हाथ में कोई हरी सब्ज़ी होती। 13 अप्रैल को मैं आखिरी बार छत पर गई थी। तापमान ज्यादा होने पर भी, तब भी मेरे कंटेनर में पालक, मेथी, सौंफ और लाल चौलाई थी। कैसे और कब तक ये चलेंगी? उसके बाद मुझे ये लिखना था। भिंडी और टमाटर खूब लगे हुए थे। बैंगन मिर्च के पौधे बढ़ रहे थे। अचानक मुझे अपने पर गर्व होने लगा कि मैंने जो भी पौध ट्रांसप्लांट किए, उनमें से एक भी पौधा मरा नहीं। मुझे इसका वीडियो बनाना चाहिए। 8 अप्रैल को मैसेज़ आया कि दूसरा टीका भी लगवा लो। मैं सेकेण्ड डोज़ के लिए गई तो कह दिया कि दो हफ्ते के बाद लगेगा। मैं सीढ़ियों पर थी हमारे सेकण्ड फ्लोर पर रहने वाले हेमू ने नमस्ते की। मैंने पूछा,’’ अरे बेटा, ऑफिस नहीं गए!’’ उसने कहा कि नहीं मैं घर से काम कर रहा हूं। मैंने कहा,’’जब तुम्हारे पास टाइम हो एक वीडियो बनाना है।’’ उसने जवाब दिया कि अभी बना देता हूं। फिर काम पर बैठ जाउंगा। मैं तो किचन वेस्ट लेकर अपने पौधों के पास जा ही रही थी। सीढ़ियां खत्म होते ही सामने आठ ट्रे पौदीने की, और आगे पौधों में टमाटर लदे हुए। एक महीने के भिंडी के पौधे जिनमें 4 पत्ते और 3 भिंडिंयां। वो हैरान होकर कहने लगा,’’खाद बीज तो बहुत बढ़िया हैं।’’ मैंने जवाब दिया कि खाद किचन वेस्ट और पत्तियों से बनाई है, बीज तो बढ़िया ही लेती हूं। मैंने उसे अपना मोबाइल दिया। वो बोला कि वह उसके मोबाइल से ही बनायेगा। दस मिनट का उसके पास समय था। मेरा अपना अनुभव था कहीं से पढ़ना सुनना नहीं था। फटाफट बना कर, वह जाते जाते बोला कि उसकी मीटिंग है वो वीडियो सैंड कर देगा। पानी लगा कर मैं नीचे आकर घर के कामों में लग गई। पर मेरे पास अधूरे वीडियो आए। उसने जो भी कारण बताया मुझे समझ नहीं आया। ब्रेक में उसने आकर मुझे सिखाया जब वीडियो लोड होने लगा तब मुझे ध्यान आया कि इसने मास्क नहीं लगा रखा, सोचा जल्दी में आया है, घर में कौन मास्क लगा कर ऑफिस का काम करता है!! मैं तो अपने घर में हूं घर में कौन मास्क लगा कर घूमता है!! वीडियो लोड होते ही वह चला गया। वहम तो आया पर साथ ही याद आया कि इसने तो सैंपल के समय ही वैक्सीन करवा लिए थे। क्रमशः         


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