अमेरिका में दिवाली पर घर में मिठाई तो गीता की पसंद की ही बनेगी. उत्कर्षनी को त्योहार पर घर में मिठाई और पकवानों की महक बहुत पसंद है. गीता बहुत छोटी थी तब से उत्कर्षनी तरह तरह की मिठाइयां घर पर ही गीता की मदद से बनाती है, अब गीता बड़ी हो रही है इसलिए वह अपनी पसंद बताती है. मैं सोच ही रही थी इतने में उत्कर्षनी ने सफेद रसगुल्लों की तस्वीर भेजी. जो बिल्कुल बाजार की तरह लग रहे थे. त्योहार पर मिठाई हमेशा घर पर जरूर बनती है और विशेष पूरी कचोरी वाला खाना भी. साथ ही उत्कर्षनी का फोन भी आ गया, " माँ रसगुल्ले कैसे लग रहे हैं?" मैंने जवाब दिया कि सूरत में तो लाजवाब हैं! स्वाद तो खाने वाला ही बताएगा. हां यह गारंटी है कि तूँ बेस्वाद नहीं बना सकती. मुझसे सफेद रसगुल्ले कभी परफेक्ट नहीं बने इसलिए मैंने उससे पूछा कैसे बनाएं. उसने बताया ढाई लीटर दूध को उबाला गैस बंद करने के बाद, उसमें थोड़ा-थोड़ा करके नींबू का रस डाला और दूध को चलाती रही. जैसे ही दूध फटना शुरू हुआ नींबू का रस डालना बंद कर दिया पांच नींबू का रस लिया था. थोड़ा सा बचा. फिर 2 मिनट तक रखा रहने दिया. उसके पास छान लिया और दबा दबा के छेने से सारा पानी निकाल दिया. इस छैने को थाली में रखकर थोड़ा सा इलायची पाउडर डालकर, गीता को दे दिया. उससे कहा कि अच्छी तरह से छैने को हथेलियां से मसले. वह चाशनी बनाने लग गई. दो कप चीनी में पांच कप पानी डाला चीनी को अच्छी तरह पहले मिलाया ताकि चीनी पतीले के तले में न चिपके. ऊपर जो झाग आया, उसको हटाया. चीनी खौलने लगी. छैना देखा गीता बच्चा है उसने बहुत ही अच्छे से मसला. उसके हाथ लगाते ही वह आटे की तरह बड़ी सी लोई में बदल गया. कोई बेकिंग पाउडर नहीं न ही बाइंडिंग के लिए कुछ मिलाया. 30 मीडियम गोलियां दोनों ने बनाई. अब हाई फ्लेम करके खौलती हुई चाशनी में एक गोली डाली वह फटी नहीं. अब धीरे-धीरे एक-एक करके डाल दीं और ढक दिया 5 मिनट बाद देखा झाग खूब, चाशनी थोड़ी कम लगी थोड़ा सा गर्म पानी और मिला दिया. उसके 8 मिनट के बाद गैस बंद कर दी. कुछ देर बाद रसगुल्ले पतीले से निकाल लिए. उस पर केसर डाल दिया. सफेद रसगुल्ले थे उन्हें सफेद ही रखना चाहिए था. पर गीता दित्या छोटी हैं. उन्हें रंगीन चीज पसंद है इसलिए केसर के धागे डाले. अगर पहला रसगुल्ला डालते ही वह फटता, तब मैं थोड़ा सा बेकिंग पाउडर और एक दो चम्मच सूजी और कॉर्न फ्लोर के डालती. मेरी बेटी उत्कर्षनी, दो राष्ट्रीय पुरस्कारों ( स्क्रिप्ट और डायलॉग लेखन, फ़िल्म गंगूबाई कठियावाड़ी) से सम्मानित, कुक भी लाजवाब है!!
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