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Friday, 18 June 2021

उसने फादर्स डे पर अपने तीनों पिताओं के लिए तीन कार्ड खरीदे!! नीलम भागी Father's Day

  


  दुबई में मेरी सहेली कात्या मूले मुझे अपने साथ शॉपिंग के लिए ले गई। जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे आने वाला था। उसने पढ़ पढ़ के बड़ी भावना से तीन कार्ड खरीदे। जिसमें शानदार बधाई संदेश लिखे थे। तीन र्काड देख कर मैं हैरान! रात को हम दोनों जब बतियाने बैठी तो उसने मुझे अपने परिवार की तस्वीरें दिखाते हुए परिचय करवाया, ये मेरी मम्मी हैं, ये मेरे फादर हैं। ये मेरी माँ के ब्वॉय फैंड हैं। वो बड़े गर्व से बोली कि मेरे बायॅलोजिकल फादर बहुत अच्छे इन्सान हैं। जब माँ की लाइफ में उनका ये ब्वॉय फैंड आया तो मेरे पिता ने मेरी माँ की इच्छा का सम्मान करते हुए, माँ को डिर्वोस दे दिया। लेकिन उनके ब्वॉय फैंड ने उनकी माँ के साथ अच्छा नहीं किया। अब वह अपनी माँ के लिए दुखी होकर बताने लगी कि उनके ब्वॉय फैंण्ड ने अपनी वाइफ को डिर्वोस नहीं दिया। एक हैण्डसम आदमी की तस्वीर  दिखा कर कहा कि काफी इंतजार के बाद माँ ने फिर इनसे शादी कर ली, ये मेरे दूसरे पिता हैं। फिर मेरी बहन का जन्म हुआ। हमारी बहुत अच्छी खुशहाल फैमली थी। इस फादर ने मुझमें और मेरी हाफ सिस्टर में कभी फर्क नहीं किया। पर माँ के बॉय फ्रैण्ड का भी डिर्वोस हो गया। आखिर मम्मी को उनका प्यार मिल गया। अब हम अपने इस फादर के साथ रहने आ गये। तीनों का मेरी लाइफ में बहुत महत्व है। मां से भावनाओं का जुड़ाव है तो इनसे मुझे समझ मिली, मेरा उत्साह बड़ा, हौसंला बढ़ा। फादर्स डे पर मैं तीनो पिताओं को र्काड  भेजती हूँ। यदि जर्मनी में होती हूं तो उन्हें खाने पर ले जाती हूं उनकी पसंद का उपहार देती हूं। उनके साथ समय बिताती हूं। उसने बताया कि मदर्स डे के 40 साल बाद से फादर्स डे मनाया गया। पता नहीं क्यों फादर को अकेला छोड़ दिया गया था? पिता बनना आसान है पर पिता के कर्त्तव्य पूरे करना मुश्किल है। हम जो भी हैं उसमें हमारे पिता का बहुत बड़ा योगदान होता है। पैरों पर खड़ा होना तो पिता ही सिखाता है।

अमेरिका में प्रसव से पहले सरकार की तरफ से breast ब्रेस्ट पम्प आया। उत्कर्षिणी ने उसकी तस्वीर मुझे भेजी। डिब्बे पर पिता बच्चे को बोतल से मां का दूध पिला रहा है। हमने तो तस्वीर में मां को ही बच्चे को दूध पिलाते हुए देखा है। इसलिए इस तस्वीर ने दिमाग में प्रश्न खड़ा कर दिया।


तोे जवाब भी आ गया कि मां ने पम्प करके दूध फ्रिज में रख दिया। बच्चे के दूध के समय मां सो रही है या कहीं गई है तो फादर मां का दूध बच्चे को पिला देंगे,। पैटरनिटी लीव में मां प्रसव के बाद आराम कर सकती है। फादर स्टोर किया मां का दूध बच्चे को पिला देता है।

जनिता चोपनेता च, यस्तु विद्यां प्रयच्छति।

अन्नदाता भयत्राता, पंचैते पितरः स्मृताः।।

फादर डे मनाने से पहले भी हमारे पुराण में इन पाँच को पिता के लिए कहा जाता था जन्मदाता, उपनयन करने वाला, विद्या देने वाला, अन्नदाता और भयत्राता। 

न तो धर्मचरणं किंचिदस्ति महत्तरम्।

यथा पितरि शुश्रूषा तस्य वा वचनक्रिया।।

पिता की सेवा अथवा उनकी आज्ञा का पालन करने से बढ़कर कोई धर्माचरण नहीं है। वाल्मीकि रामायण


आजकल बच्चे जॉब के सिलसिले में घरों से दूर हैं। पिता ज़हन में तो रहते हैं। साल में एक दिन फादर डे मनाने से वे सम्मान से उनके लिए अपनी भावनाएं प्रदर्शित कर, उनका दिन विशेष कर देते हैं।    


Monday, 23 September 2019

उसने मुझे, रिश्ते नये समझाए, विदेश को जानो, भारत को समझो घरोंदा Videsh Ko Jano, Bharat Ko Samjho GHARONDA Part 7 नीलम भागी


उसने मुझे सिगरेट ऑफर की| मैंने कहा,”धन्यवाद, मैं नहीं पीती|” वह फिर हैरान हुई| अब उसने मुझसे पूछा कि वह सिगरेट पी ले तो मुझे बुरा तो नहीं लगेगा। मैंने कहा,”नही|” तो उसने सिगरेट सुलगा ली। पहले उसने लंबे लंबे कश लिये फिर माँ की किसी बिमारी का नाम लिया कि उसने यहाँ किसी डॉक्टर को दिखा कर, इलाज़ करवा कर माँ को भेजा है। डॉक्टर ने उनकी सिगरेट बिल्कुल बंद कर दी है। वाइन की भी कम मात्रा कभी कभी ले सकती हैं। बहन कह रही है कि मैंने डॉक्टर से क्यों नहीं कहा कि फलां फलां व्यंजन जो माँ को पसन्द हैं वो तो वाइन के साथ ही खाये जाते है। मैंने पूछा कि माँ क्या बहन के साथ रहती है? वो बोली नहीं। उससे पता चला कि जर्मनी के एक ही शहर में दोनो अलग अलग रहती हैं। सुनकर मुझे बहुत हैरानी हुई। फिर मैंने एक गवार प्रश्न दागा कि बहन शादी शुदा है? वह बोली नहीं, अब मैं और ज्यादा हैरान हुई। उसने बताया कि बहन माँ का बहुत ध्यान रखती है। अगर कभी माँ बीमार हो तो उसे जैसे ही पता लगता है, वह हॉस्पिटल फोन कर देती है। गाड़ी माँ को ले जाती है। विजिटिंग आर्वस में वह गैट वैल सून का र्काड और बुके ले जाकर, माँ को मिल कर आती है। अब उसने मोबाइल पर फैमली फोटोग्राफ निकाल कर मुझे दिखाये। उसकी माँ से तो मैं मिल चुकी थी। पर उसने परिचय फिर से करवाया। ये मेरी मम्मी हैं, ये मेरे फादर हैं। ये मेरी माँ के ब्वॉय फ्रेंड हैं। वो बड़े गर्व से बोली कि मेरे फादर बहुत अच्छे इन्सान हैं। जब माँ की लाइफ में उनका ये ब्वॉय फ्रेंड आया तो मेरे पिता ने मेरी माँ की इच्छा का सम्मान करते हुए माँ को डिर्वोस दे दिया। लेकिन उनके ब्वॉय फ्रेंड  ने उनकी माँ के साथ अच्छा नहीं किया। अब वह अपनी माँ के लिए दुखी होकर बताने लगी कि उनके ब्वॉय फ्रेंड ने अपनी वाइफ को डिर्वोस नहीं दिया। एक हैण्डसम आदमी की तस्वीर  दिखा कर कहा कि ये मम्मी को पसंद करते थे| काफी इंतजार के बाद माँ ने फिर इनसे शादी कर ली, ये मेरे दूसरे पिता हैं। फिर मेरी बहन का जन्म हुआ। ये मेरी हाफ़ सिस्टर है| हमारी बहुत अच्छी खुश फैमली थी। फिर माँ के बॉय फ्रैण्ड का डिर्वोस हो गया। आखिर मम्मी को उनका प्यार मिल गया। अब हम अपने इस फादर के साथ रहने आ गये। फादर डे पर मैं तीनो पिताओं को र्काड  भेजती हूँ। यदि जर्मनी में होती हूं तो उन्हें खाने पर ले जाती हूं। मैं सोच ही रही थी कि आज तो मैं श्रोता हूँ। अब तो गुड नाइट होने वाली है और गुड नाइट हो गई। दोनों अपने अपने घर आ गई। बेटी आज भी कल की तरह ही मिली। आते ही उसने पूरा वार्तालाप सुनकर कहा कि अब ये जब आपको अगली बार मिलेगी तो इसी टॉपिक को आगे कन्टीन्यू रखेगी।
        अगले दिन वृहस्पतिवार था। यहाँ शुक्रवार और शनिवार की छुट्टी होती है| शाम को वो काम से लौटी, वह बड़ी फुर्ती में थी। मुझे आवाज़ लगाई,” नीलम अपना लॉण्ड्री बैग ले आओ।“ मैं दो लोगो का एक सप्ताह के ढेर मैले कपड़ों का लेकर पहुंच गई। मुझे अच्छा नहीं लग रहा था, चाहे मशीन से धुलाई थी। काम तो करना ही पड़ता है। मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हारी हैल्प करूं। उसने खुशी से मेरा हाथ पकड़ कर चूम लिया। मेरे कपड़ों के ढेर में अपना ढेर मिला कर बोली इनको अलग कर दो। मैंने सफेद,  हल्के रंग के, गाड़े रंगो के तीन ढेर लगाये उसने मुझे एक जाली का बैग दिया उसमें मैंने अण्डर गारमेंट डाल कर बैग का मुंह बांध दिया। कात्या मुले भाग भाग के घर के काम निपटा रही थी। सफेद कपड़े उसने जल्दी से मशीन में डाल कर उसे चालू किया और मुझसे बोली अपने घर के फुटमैट भी ले आओ। मैं भी उतनी फुर्ती से जाकर ले आई। उसने कहाकि अब उसे मेरी मदद की जरूरत नहीं है। मैं आ गई। हर राउण्ड में अपने कपड़े फैला कर मेरे छोड़कर, दरवाजे पर नॉक करके भाग जाती क्योंकि वह एक सेकेण्ड भी नहीं गवाना चाहती थी। मैं जाकर वहाँ लगे स्टैण्ड पर अपने कपड़े फैला आती। मुझे पता था कि ऐसा मेरे साथ चार बार और होगा। बेटी ने आते ही मुझसे दिन भर की रिर्पोट ली। कपड़ों का किस्सा सुन कर वो हंसने लगी और उसने बताया कि उसके घर आने का कोई निश्चित समय नही है इसलिए  वृहस्पतिवार ऑफिस जाने से पहले वह लांड्री बैग उसके किचन के पिछले दरवाजे रख कर चली जाती है| धुले कपड़े वह तह लगा कर देती है। आपको वह बिजी रखने के लिये, वो आपको ठीक करने के लिये सहयोग कर रही है। आपसे अपना कोई काम नहीं करवायेगी। आज रात तक ये अपना पूरे हफ्ते का काम पूरा करके सोयगी| अगर इसे लगा कि ये नही कर पायेगी तो श्रीलंकन हैल्पर घण्टों के हिसाब से अपनी मदद के लिये बुला लेगी। लेकिन काम रात में ही करके सोयगी। दो दिन वीकएंड एंजाय करेगी फिर अगले पाँच दिन गधे की तरह काम करेगी। मैंने भी रात बारह बजे, जब वो अंत में फुटमैट देकर गई, मैं भी उसे फैला कर ही सोई। मैं दिन भर घर में रहती हूं इसलिये बाकि काम मुझे करना नहीं था। क्रमशः

Friday, 20 September 2019

’ नो मैन विल किस यू।’ विदेश को जानो, भारत को समझो घरोंदा Videsh Ko Jano, Bharat Ko Samjho GHARONDA Part 6 नीलम भागी



कमरा खुला देख मैं हैरान, देखा बेटी टेबुललैंप जलाये पढ़ रही थी। मुझे देखते ही ठहाके मार कर हंसने लगी। उसने बताया कि जब वह आई कात्या मूले दारूबाजी कर रही थी और आपके हाथ में भी गिलास था और आप भी धीरे धीरे सिप कर रहीं थीं। मैंने सोचा कि मम्मी को एंजाय करने दो और छिप कर आ गई लाइट भी नहीं जलाई। मैंने उसे लस्सी का गिलास दिखाया। उसने मुझसे दिनभर का वृतांत सुना और अपना सुनाया और बतियाते हुए हम सो गई । सुबह वो आँख बंद कर मेरे हाथ से दूध पी रही थी। कात्या मूले आई, वो बहुत गंभीर थी। आते ही वो बोली,’’नीलम मुझे तुम्हारे लिए डेंटिस से एपाएंनमेंट लेना है, बोलो कबका लूं?’’ मैंने जवाब दिया कि मेरे दाँत तो बिल्कुल ठीक हैं। मुझे कोई तकलीफ नहीं है। वो बड़ी गम्भीरता से बोली,’’ तुम्हारे सामने के दाँत पर एक निशान है। जो देखने में अच्छा नहीं लगता। इसलिये नो मैन विल किस यू।’’ यानि कोई पुरूष तुम्हारा चुम्बन नहीं लेगा। सुनते ही बेटी के मुंह का दूध नाक में चला गया, वो हंसती खांसती हुई बाथरूम की ओर दौड़ी। मैं जानती हूं, मैंने कैसे अपनी हंसी रोक कर अपना गंभीर चेहरा बना कर उसे धन्यवाद कर, समझाया कि मैंने इस निशान की ओर कभी ध्यान ही नहीं दिया। अब इण्डिया जाते ही इस निशान को दूर करूंगी। वो मुझसे प्रामिस कर चली गई। उसके जाते ही बेटी खूब हंसते हुए बोली कि मैं बचपन से देखती आ रहीं हूं, न घर में किसी ने र्चचा की न मैंने कभी सोचा। हैरान मैं इस बात पर की आपके लिये उसने ऐसा कहा, आपने उसकी तरह ही गंभीरता से जवाब दिया। मैंने कहा कि मैं अपने किसी भी व्यवहार से अपनी इतनी प्यारी हमर्दद दोस्त को खोना नहीं चाहती। बेटी के आफिस जाते ही, मैं नहाने चल दी क्योंकि कात्या मुले के कुत्ता घुमाने का समय होने वाला था। सुबह शाम वो सैर का मेरा एक घण्टा जरूर पूरा करवाती थी। बाकि मैं जो मरजी करूं। नीलम नीलम की आवाज सुनते ही मैं चल दी। आज उसका प्रश्न था कि मेरे दाँत पर यह निशान कैसे पड़ा और कब से है? मैंने बताया कि मेरठ में हमारे आंगन में नीम का पेड़ था। सुबह मेरी दादी एक टहनी तुड़वाती और सबको एक एक दातुन देती। दातुन समझाने में मुझे बड़ी मशक्त करनी पड़ी। दातुन पर टूथ पेस्ट लगा कर सब दांत साफ करते थे। दादी के मजबूत दांत देख, हम इसलिये कड़वी दातुन सब करते थे। मुझे टायफायड हो गया। मुंह का स्वाद गंदा, उपर से कड़वी दातुन मुझसे नहीं होती थी। मैं बाद में करूंगी कह कर, दातुन रख लेती और बाद में फैंक देती। बुखार तो चला गया। एक दांत पर निशान दे गया। कभी किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। पूरी वार्ता सुनकर उसे मेरी मां पर गुस्सा आया, जिसने अपनी ब्यूटीफुल बेटी की, ब्यूटी पर दाग लगाया। मैंने उसे समझाया कि हमारे यहाँ दादी की आज्ञा का पालन होता था। माँ को काम करने का अधिकार था, फैसला लेने का नहीं। अब हम घर लौटे। मैं अपने काम निपटाने में लग गई। कात्या मूले भी तैयार होकर निकल गई। पूरे विला में मैं अकेली और खुला हुआ मेन गेट। यहाँ अकेले डर नहीं लगता था। काम भी खत्म हो गया और बेटी की पसंद की दाल सब्जी और रायता भी बना लिया। अब मैं पढ़ने बैठी फिर सोई। उठी और चाय पी, तब तक धूप कम हो गई फिर मैं स्टोर की ओर चल दी, नया फल और सब्जी की तलाश में अब ये मेरा पसंदीदा काम हो गया था और तरह तरह के दहीं के फ्लेवर लाना। यहाँ के दूध से दहीं नहीं जमता था। इसलिये दहीं खरीदना पड़ता था। नई सब्जी को बनाने की विधि, वहां खरीदारी करने आई किसी भी महिला से पूछती तो वो बड़े प्यार से समझती| उंटनी का दूध,  दहीं भी लाई। बेटी ने नहीं इस्तेमाल किया। मुझे ही खत्म करना पड़ा। कात्या मूले भी अब तक नहीं लौटी थी। अंधेरा होने पर मैंने अपनी तरफ की बाहर की लाइट जला दीं। उसके लॉन वगैहरा का मुझे स्विच नहीं मालूम था। इसलिए वहाँ अंधेरा था। अकेले में मैं पढ़ती थी क्योंकि बेटी जब तक घर में रहती थी, टी.वी. नहीं बंद होता था। साढ़े आठ बजे के करीब कात्या मूले आई। लॉन जगमगा उठा। साढ़े नौ बजे के बाद, नीलम नीलम का स्वर गूंजा, मैं तुरंत उसके सामने। उसका पहला प्रश्न,  तुमने दाल खाई? मेरी हाँ सुनते ही वह खिल गई। अब हम कुत्ता घुमाने चल दीं। आज उसे एक फोन आया। जिसमें वह र्जमन में बात कर रही थी। बीच बीच में लड़ती हुई भी लग रही थी। घर लौटने तक उसका फोन बंद हुआ। हम लॉन में बैठ गये। फोन के  बाद वह काफी तनाव में दिखी। फिर र्नामल होकर मुझसे बोली कि बहन का फोन था। क्रमशः