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Friday, 22 July 2022

मेरी पहली चिंतक बैठक का अनुभव और पहला प्रशिक्षण शिविर भाग 1 नीलम भागी Neelam Bhagi

 


         श्रीधर पराड़कर जी(राष्ट्रीय संगठन मंत्री) को मैंने पहली बार प्रेरणा शोध संस्थान सेक्टर 62 नोएडा में नारद जयंती के अवसर पर सुना था। उसके बाद से मुझे जब भी उन्हें सुनने का मौका मिला, मैं वहां पहुंची। इन्द्रप्रस्थ साहित्स परिषद चिंतक बैठक 22 मई 2022 को प्रवासी भवन, दीनदयाल उपाध्याय मार्ग दिल्ली में 9 से 5 बजे आयोजित की गई। जिसके मार्ग दर्शक-श्रीधर पराड़कर जी रहे। उन्होंने साहित्य परिषद-चिंतन बैठक में संगठनात्मक व्यवस्था, साहित्यकार, कार्यकर्ता उद्देश्य, लक्ष्य, कार्यक्रम, इन विषयों पर अलग अलग सत्र में चर्चा की, हमने दिन भर उन्हें सुना। इसमें उन्होंने सबको शामिल किया। जो भी सत्र में विषय से संबंधित प्रश्न करता, उसे उसका संतोषजनक जवाब मिलता। मैं तो सुनती ही जा रही थी क्योंकि मैं उन सब की तरह इतना नहीं जानती हूं। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् के 16 वें अधिवेशन हरदोई में जो साहित्यकार गए थे, उन्होंने उनसे उनका अनुभव पूछा। सबने जिसका जो प्रिय साहित्यकार है, उनको सामने सुनना और देश भर से आए साहित्यकारों से परिचय करने को सुखद अनुभूति बताया। पर मुझे तो सभी सत्र के साहित्यकारों को सुनना अच्छा लगा था। तभी तो मुझे अधिवेशन में जाना सबसे जरुरी काम लगता है। पराड़कर जी ने शायद जबलपुर अधिवेशन में कहा था कि साहित्यकार को यात्राएं करनी चाहिए। अपनी सार्मथ्य के अनुसार मैं यात्राएं करने लगी। यात्रा में जो देखती हूं और महसूस करती हूं, वह लिख लेती हूं। कोरोना काल में यात्राएं बंद थी तो कुकिंग और बागवानी मन से करती थी तो उस पर लिखने लगी। चितंन बैठक में मैंने हाथ भी नहीं खड़ा किया था तब भी सबके अनुभव सुनने के बाद, प्रवीण आर्य जी(राष्ट्रीय प्रचार मंत्री) ने अंत में मेरा नाम पुकार दिया,’’नीलम जी आप अपना अनुभव बताइए।’’मैंने कोशिश करके अधिवेशन की प्रमुख झलकियां, संास्कृतिक कार्यक्रम, परिवेश पर काफी बताया पर जिन मनीषी, विद्वानों को सुना, उनके बारे में बताने की मुझमें योग्यता नहीं है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद से जबसे जुड़ी हूं। कार्यक्रम में पहुंचने की सबसे पहले मेरी स्वीकृति होती है। मैं विज्ञान की छात्रा रही हूं। इसलिए इन आयोजनों में जाने से मैं कुछ सीख कर ही लौटती हूं। ये नहीं लिख सकती कि क्या सीखती हूं! 

   मैसेज़ आया अखिल भारतीय साहित्य परिषद के उत्तर क्षेत्र का दो दिवसीय अभ्यास वर्ग हरियाणा प्रांत की जिला जींद इकाई के माध्यम से छोटू राम किसान महाविद्यालय में 11, 12 जून को संपन्न होगा। जो जायेंगे वे अपनी स्वीकृति दे दें। हमेशा मैं स्वीकृति के साथ अपनी टिकट भी ग्रुप में पेस्ट कर देती हूं। इस बार सबसे पहले स्वीकृति तो भेज दी पर जींद पास होने के कारण रिजर्वेशन पर ध्यान नहीं दिया। यहां तो प्रवीण जी एक एक जाने वाले से पूछ रहें हैं कि कैसे जा रहे हो? साथ ही गाड़ियों के समय, नम्बर भाड़ा आदि भी ग्रुप में आ रहा है। स्वयं न करवाना हो तो भुवनेश सिंघल जी( महामंत्री दिल्ली) को डिटेल भेजो वो रिजर्वेशन करवा देंगें। नौएडा से अक्षय कुमार अग्रवाल जी को मैंने फोन करके पूछा कि वे प्रशिक्षण शिविर में जा रहें हैं तो अपने साथ मैं उनकी भी टिकट बुक करवा लेती हूं। उन्होंने कहा कि नरवाना में उनकी कुल देवी है। उन्होंने वहां जाना है। अब प्रशिक्षण शिविर भी जींद में है। वे गाड़ी से जायेंगे। 11 की रात को अपने कजन के घर नरवाना में रुकेगें। सुबह दर्शन करके सत्र से पहले आ जायेंगे। मतलब कोई भी सत्र नहीं छोड़ेंगे और कुल देवी के दर्शन भी कर आयेंगे। मैंने कहा कि 11जून की सुबह गोल चक्कर से मुझे भी ले लेना। उन्होंने कहा कि कोई और भी जाने वाला हो तो उसे भी ले लेना। क्रमशः