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Thursday, 30 July 2020

न भइया न भइया न न न.................. Na Bhaiya, Na Bhaiya Na Na Na ..............Neelam Bhagi नीलम भागी

   
मैं एक बहुत समझदार महिला हूँ। इसलिये मैं गहने छिपा कर नहीं रखती, उन्हें पहन कर रखती हूँ। हुआ यूँ कि मैं शोपिंग के लिये जा रही थी। दो चेन स्नैचिंग के लिए सैल्फ एमप्लाएड युवकं, जिसमें एक बाइक चला रहा था। दूसरा पीछे बैठा था, आए। पीछे बैठे युवा ने मेरी चेन पर पीछे से झप्पटा मारा। मैंने जितनी गर्दन पीछे की ओर मोड़ी जा सकती थी, मोड़ी और साथ ही मेरे मुहं से ये शब्द जोर जोर से निकले,’’न भइया न भइया न न न..............पाँच लड़के जो आपस में खड़े बतिया रहे थे। अचानक बहना की पुकार सुनकर, उन्होंने सड़क पार देखा, एक बहन भइया-भइया कर रही है और हैलमैट पहने भाई बहन को परेशान कर रहे हैं। वे उस ओर क्या बात है? कहते हुए दौड़े। उन्हें अपनी ओर आता देख, वे बाइक सवार झपटमार भइया, भाग गये। चौराहा है, एकदम भीड़ इक्ट्ठी हो गई। मैंने आगे से चेन पकड़ ली थी। दुप्पट्टे के कारण और उन पाँचों के वक्त पर पहुँचने के कारण, चैन टूट गई पर बच गई थी। गर्दन पर खरोंच और घबराहट लिये मैं खड़ीं थी और बार बार उन पाँचों का धन्यवाद कर रहीं थी।
    सामने के दुकानदार ने मुझे बैठने को कुर्सी दी। पानी पिला कर, मेरे घर फोन किया। क्या हुआ? कहती हुई, सड़क से गुजरने वाली और आसपास रहने बाली महिलाएँ आती जा रहीं थी और चेन खींचने से संबंधित अपने अनुभव सुनाती जा रही थीं। जो भी अपना अनुभव सुनाती, वो अन्त में यह जरुर कहती कि इसलिये वो चेन नहीं पहनती है। एक महिला बोली,’’चेन तो बनी ही खींचने के लिये है। आगे पीछे जहाँ से भी चेन दिखे, झपटमार आएँ, चार अँगुलियाँ चेन में डालें और खींच कर गाड़ी पर भाग जायें इसलिए मैं तो अँगुठी पहनती हूँ।’’अपनी अंगुठियों से सजी, अंगुलियाँ दिखाते हुए उसने कहा। तभी एक अंगुठीविहीन महिला ने अपने हाथ दिखाकर कहा कि अमुक नगर में तो, झपट मार अँगूठी वाली अँगुली काट कर ले जाते हैं। अँगुली फेंक देते हैं और अंगुठी रख लेते हैं। जिन महिलाओं ने अंगुलियाँ अंगुठियों से भर रखी थीं, सुनकर वे परेशान हो गई। एक चश्मेंवाली समझदार सी दिखने वाली महिला ने अपनी कलाई में पहनी चार खूबसूरत चूड़ियाँ दिखाकर कहा,’’इसलिये तो घूमने जाते समय, मैं तो आर्टीफिशियल ही पहनती हूँ।’’देखते ही सब महिलाएं कोरस में बोल उठी,’’हाय ये सोने की नहीं है पर सोने की लगतीं हैं।’’अब चशमावती सब पर छा गई। 
   तब एक महिला बोली,’’मेरी सहेली है न, नकली जेवर पहन कर जा रही थी। झपट मारों ने जेवर झपट लिये। अब देखो न, उन्हें तो बहुत नॉलेज़ होता है, असली और नकली का। कुछ दूर जाते ही उन्होंने जेवर चैक किये। जैसे ही उन्हें पता चला कि जेवर नकली हैं, उनके साथ तो धोखा हुआ हैं। उसी समय वे वापिस आये और उन्होंने मेरी सहेली के जोरदार  थप्पड़ मार कर कहा,’’आर्टीफिशियल पहन कर हमें धोखा देती है।’’महिलाओं के तीन घेरे थे। मुझे लगता है सभी में ऐसे ही अनुभव सुनाए जा रहें होंगे। मैं तो एक ही ग्रुप की बातें सुन सकती थी। जिसने मुझे घेर रक्खा था। 
  जिस सड़क से झपटमार भागे थे, उस सड़क के लोगों को बहुत दुख था कि अगर उन्हें पता होता कि वे झपटमार हैं तो वे उनकी बाइक पर पत्थर मारते, जिससे गाड़ी का बैलेंस बिगड़ता और वे उन्हें पकड़कर 
पुलिस के हवाले करते। इतने में उत्कर्षिनी आ गई। आते ही उसने कहा,’’आपको कितनी बार समझाया कि चेन मत पहना करो।’’ और डाँटते हुए मुझे घर ले गई।  

4 comments:

डॉ शोभा भारद्वाज said...

जेब कतरों झपटमारों की मेहरबानी से नकली आभूषणों का व्यापार फल फूल रहा है कुछ मेहरबानी एकता कपूर के सीरियलों की भी है ओरते नकली गहनों से लदी रहती हैं

Neelam Bhagi said...

Padhne ke liye Hardik dhanyvad,

kulkarni said...

ati sundar

Neelam Bhagi said...

हार्दिक धन्यवाद