एक छोटे परिवार में दो बैंगन के पौधों से ही काम चल जाता है। कम जगह में भी जहां धूप आती है ये उग जाते हैं। अब ये आपकी पसंद है कि गोल, लंबे, छोटे, हरे, बैंगनी या सफेद कैसे भी उगाने हैं? मुझे गोल र्भता बैंगन पसंद है लेकिन जब भी मैंने पौधे उगाए तो उनसे लंबे बैंगन ही मिले। खुद से उगाये हैं, ज़ाहिर है स्वाद में लाजवाब तो हैं ही। मैंने फ्लॉर शो के स्टॉल से कवर पर गोल बैंगन की तस्वीर देखकर हाइब्रिड बीज खरीदे। सीडलिंग ट्रे में मैंने 50 कोकोपिट, 30 वर्मी कम्पोस्ट और मिट्टी मिला कर भर दिया। उसमें एक एक बीज रख कर, मिट्टी से बस बीजों को ढक कर पानी छिड़क दिया। ऐसी जगह में रख दिया जहां सुबह शाम की हल्की धूप आये। सात दिन में अंकूरण हो गया। जब इसमें तीन चार पत्ते आ गए। तो रसोई के कचरे से आधे भरे 14’’ के गमलों में 50 मिट्टी, 30 वर्मी कम्पोस्ट, 10 कोकोपिट, 10रेत, एक मुठ्ठी नीम की खली और बोन मील मिला कर गमले को भर दिया। पानी के निकास का पूरा ध्यान रखा। पौध को निकाल कर शाम के समय इन गमलों में लगा दिया। और जमने पर गमलों को सीधी धूप में रख दिया। जब ये पौधा 6’’ का हो गया तो मेन ब्रांच को उपर से थोड़ा तोड़ दिया। नोचना या खीचना नहीं है। नहीं जो पौधा जड़ से उखड़ जाएगा या मुलायम जड़ खींचने से पौधा मर सकता है। अब इसकी साइड ब्रांच यानि उपशाखाएं फूट कर निकलेगीं। दो महीने के बाद उपशाखाओं को भी आगे से थोड़ा थोड़ा तोड़ दिया है जिससे और शाखाएं फूंटी। मतलब जितनी शाखाएं उतने फल और फूल। अब इसमें हर महीने गोबर की खाद डाली है। तीसरे महीने फूल आ गये। इसमें सेल्फ पॉलीनेशन भी होता है। फल को ज्यादा दिन न लगा रहने दिया। कैंची से बैंगन को शाखा से काटती रही। ज्यादा दिन तक फल को पेड़ से लगा रहने देनेे से बीज बढ़़ जाते हैं। तीन से चार महीने फल देने के बाद पत्तियां पीली पड़ने लग गईं। तब नीचे की टहनियां छोड़ कर उपर की काट दीं। 6 महीने बाद ये फिर पहले की तरह फूट गई हैं। बैंगन बेड कोलेस्ट्रोल को कम करता है इसलिए मेरे घर में इसके पोधे हमेशा रहते हैं|
3 comments:
Kaafi informative blogpost
King of vegetables brinjal
Thanks 👍
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