14’’इंच का मेरे पास कोई गमला नहीं था और टमाटर की पौध 4’’की हो गई । मैने कम्पोस्ट बिन जो आधा रह गया था ठंड के कारण कम्पोस्ट अभी पूरी तरह नहीं बना था। उसमें ही मैंने 60% मिट्टी 40% वर्मी कम्पोस्ट और दो मुट्ठी नीम की खली मिलाकर कम्पोस्ट पर इस पॉटिंग मिक्स को 6’’ भर दिया। और हाथों से अच्छी तरह दबा दिया। 12’’ की दूरी पर एक बिन में दो टमाटर के पौधे लगाए और पानी देकर दो दिन तक छाया में रखे। जहां सुबह की हल्की धूप आती है। ये जम गए तो इनकी जगह बदल दी जहां आठ घंटे सीधी धूप आती है। तीनों टमाटर के पॉट एक साथ रखे। बीस दिन बाद इसमें अण्डे के छिलके डाल दिए। एक महीने बाद फूल आने लगे और पौधों में खूब टमाटर लग रहे हैं। सहारे के लिए मैंने डण्डी गाड़ कर पौधे को सहारे के साथ सूती पट्टी से बांध दिया हैं। अभी तक तो कोई खाद नहीं दी। जड़े शायद जो रसोई के कचरेे से कम्पोस्ट बन रहा था, वहीं से पोषण ले रहीं हैं
। पौधे को फल के समय ज्यादा पोषक तत्वों की जरुरत होती है पर यहां तो मुझे फल और पौधा दोनों स्वस्थ लग रहें हैं। कुछ पत्तियों पर सफेद धारियां सी आ गई हैं। उन्हें निकाल कर नीम ऑयल का स्प्रे करुंगी। अपने हाथ से लगाए टमाटरों को देख कर मन बहुत खुश होता है। दिन में दो बार छत पर इन्हें देखने जाती हूं।
टमाटर लगाने का तरीका जानने के लिए इस लिंग पर जाएं
https://neelambhagi.blogspot.com/2021/02/organic-tomato-from-kichen-waste-neelam.html
मुझे करोना हो गया था 2 महीने तक मैं छत पर नहीं गई जब गई, देखा सारे मेरे पौधे सूखे हुए थे बस एक सुखा टमाटर का पौधा टंकी की साइड में ,उस पर लाल लाल सूखे टमाटर लगे हुए थे पर कोई टमाटर गला हुआ नहीं था शायद मेरी मेहनत का इनाम देने के लिए वह बचे थे बंदरों से। उसे सब्जी में डाला उस सब्जी का स्वाद में लिख नहीं सकती, बहुत ही लजीज सब्जी बनी। इन टमाटरों को मैंने भून कर नहीं डाला। ऐसे ही डाल दिया था सब्जी में। पता नहीं धूप में ड्राई होने से इनका स्वाद बेहद लजीज था। जिस भी सब्जी में डालते सब्जी का स्वाद दुगना हो जाता।
2 comments:
Bahut aacha laga aap se inspired ho kar kuch maineh bhi easa hi kiya
Dhanayawad aap ka ek aachi raha dekhane ke liya 🙏
धन्यवाद शीबा
Post a Comment