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Saturday 23 May 2020

हैरान करती बातें, सिंगापुर यात्रा Singapore part 5 Neelam Bhagi नीलम भागी


                            रात में जगमगाते सिंगापुर की सड़क पर हम घर की ओर जा रहे थे। घर पहुंचते ही र्काड से दरवाजा खोला। शिखा मुझे कहीं नज़र नहीं आई। खाने के लिए उसे मना करके गए थे। अमन रेया के लिए दूध बनाने लग गए। अपर्णा उसके कपड़े बदलने लगी। हम रेया से खेलने लगे। साढ़े आठ बजते ही अपर्णा रेया को लेकर  कॉट पर लिटा आई। नौ बजे अमन भी अपने बैड रुम में चले गए। अर्पणा दिखी नही तो मैं भी अपने बैड रुम में आ गई। मुझे याद आया कि जब मैं इण्डिया से आ रही थी तो मुझे मेरी बड़ी बहन डॉ0 शोभा(अर्पणा की मां) ने कहा था, नीलम अपना लैपटॉप लेकर जाना, तू घूमने जा रही है। ढाई घण्टे का समय जो यहां से आगे है न, उसमें , लैपटॉप तेरे  बहुत काम आएगा। मैं साथ में ले आई। मैं अभी बैड पर लेटी ही थी। अर्पणा दो कप चाय लेकर आ गई। चाय देखते ही मैं बोली,’’बेटी रात को चाय से मेरी नींद भाग जायेगी।’’अर्पणा बोली,’’आपके अभी साढ़े आठ बजे हैं। मैं आपसे बातें करने आई हूं। चाय पीकर नींद भगाने आई हूं। उसकी हमेशा से आदत है कहीं से भी घर आती थी तो घर में सब से मिल कर, हमारे यहां बतियाने आ जाती। मैंने पूछा,’’शिखा सुबह टाइम से आ जाती है न।’’अर्पणा ने जवाब दिया कि वो यहीं रहती है। उसकी सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक ड्यूटी रहती है। हम लोग सात बजे तक घर आ जाते हैं। वो हमें डिनर सर्व करके, किचन साफ करके, आठ बजे अपने रुम में चली जाती है। , मासी हम दोनों को ऑफिस में लंच सर्व होता है। शिखा इण्डिया से नार्थ ईस्ट की लड़की है। जो कुछ भी खाने की इच्छा हो इससे बनवा लेनां। दो दिन हमारा ऑफ है। मैं  पैदल की कुछ जगह आपको ले जाउंगी। आप वहां वॉक पर निकल जाया करना। रोज डिनर के बाद हम दोनेा वॉक पर जाया करेंगे। मैंने आप को इन दिनों इसलिए बुलाया है क्योंकि चाइनीज़ न्यू इयर आने वाला है। आपके यहां रुकने तक मुझे ऑफिस से कहीं भी ट्रैवल पर नहीं जाना है। सुन कर मैं खुश हो गई। ये हमेशा मुझे सिंगापुर बुलाती थी, मैं ये सोच कर नहीं आती थी कि ये तो आज इस देश, कल उस देश, विदेश में मेरा दिल कैसे इसके बिना लगेगा? अब तो यहां आने का मजा़ ही आ गया। वह बोली,’’मासी, यहां क्राइम रेट ज़ीरो है। आप बेफिक्र घूमना। घूमोंगी तो आपको पता चलेगा कि बिना डर कहीं भी जा सकते हो। यहां के नियम तोड़ने पर बहुत ज्यादा जुर्माना है। इंगलिश यहां सभी जानते है। समझ लो प्रधान भाषा, आपका काम चल जायेगा। मलय, चीनी और तमिल भी बोली जाती है। क्योंकि यहां चीनी , मलय और भारतीय रहते हैं। मैंने कहा,’’बेटी, अब तूं जाकर सो जा, ऑफिस भी गई है, घूमने भी गए हैं। वह गुड नाइट करके चली गई। क्रमशः

4 comments:

Meena Joshi said...

बहुत खू़ब

डॉ शोभा भारद्वाज said...

पाठक आपके साथ सिंगापुर वहां के कलचर को जान रहे हैं उनमें से में एक हूं

Neelam Bhagi said...

हार्दिक धन्यवाद प्रिय मीना

Neelam Bhagi said...

हार्दिक धन्यवाद डॉ शोभा