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Tuesday, 26 May 2020

यहां व्यायाम करना आदत है सिंगापुर यात्रा भाग 6 Singapore Part 6 Neelam Bhagi नीलम भागी



अर्पणा रात डेढ़ बजे सोने चली गई। मेरे तो अभी 11 बजे थे। 12 से पहले मैं कभी सोई नहीं। मैं गई रेया को उसकी कॉट से उठा लाई और अपने साथ लिटा लिया। उसने नींद में मुझे देखा, एकदम उठ गई। मेरे गले में दोनो बाहें डाल कर, बहुत प्यारी मुस्कान देकर बोली,’’नो नो नो, कम कम कम, एओ एओ।’’ बस इतना ही वह बोलना जानती थी। मुझे खुश देखकर, खुशी में बार बार यही बोलती जा रही थी। इतने में धीरे से दरवाजा खुला, अर्पणा मुस्कुराते हुए आई और रेया को उठा लिया ओर बोली,’’मैं आपके पास से गई थीं। ये गहरी में नींद सो रही थी। मैं भी जाकर सो गई। हम इसे देखते रहते हैं। नींद में बेड से गिर ना जाए, कॉट से बच्चा गिरता नहीं है। अमन ने देखा तो रेया अपनी कॉट पर नहीं थी। उसने मुझे जगा कर कहा। मैं समझ गई कि मासी इसे बिगाड़ कर जायेंगी। सुन कर मैं भी हंस पड़ी। वो उसे लेकर चली गई। अब मेरा भी सोने का समय हो गया। मैं सुबह उठी ब्रेकफास्ट किया। अब रात से रेया को मैंने एओ कहना शुरू कर दिया| उसे स्विम सूट पहनाया। उसने स्विमिंग की तैयारी की। बैग एओ की प्रैम में रक्खा, एओ को उसमें  बिठा कर हम स्विमिंग पूल की ओर चल दिए। एओ की कमर में स्विम  र्गाड डाला और पानी में छोड़ दिया, साथ ही अर्पणा उतर गई। मैं हैरान होकर उसे हाथ पैर चलाते, किलकारियां मारते देख रही थी। बहुत छोटी छोटी बच्चियां तैर रहीं थीं। वीकएंड पर तो यहां जिधर देखो, सभी को व्यायाम करते ही देख रही थी। थोड़ी देर में शिखा आई। एओ को ले गई क्योंकि उसके सोने का समय होने वाला था। मैं चेयर पर बैठी आस पास देख रही थी। अर्पणा मेरे पास आकर बोली,’’एओ तो गई। अब जितनी देर मैं स्विमिंग करुंगी, आप पूल के चारों ओर चक्कर लगाओगीे।’’ मैं लगाने लगी। अर्पणा जब बाहर आई तो मै बुरी तरह से थक गई थी। घर की ओर चलते हुए मैंने उससे पूछा,’’यहां की महिलाएं तो एक ही सांचे में ढली हुई्र लगती हैं।’’ जवाब में अर्पणा बोली,’’यहाँ की महिलाएँ बहुत मेहनती, स्टाइलिश और फिट हैं। वे व्यायाम जरुर करती हैं। वीकएंड है, रात पार्टी की है, अब लेट आईं हैं, पर एक्सरसाइज इनकी आदत में शामिल है इसलिए करेंगी जरुर। यहां बेटी अभी खड़ा होना नहीं जानती लेकिन माँ उसे स्वीमसूट पहनाकर अपने साथ स्वीमिंगपूल में तैराती है। मैं भी तो लाई हूं न। तीन साल की उम्र से बैले आदि डाँस सिखना, अनुशासित दिनचर्या और अच्छी शिक्षा की शुरुआत हो जाती है और आलस्य का इनमें नामोनिशान नहीं रहता। पढ़ाई के साथ ,भाषाएँ सीखना, घूमना, नये नये गैजेट का इस्तेमाल कर, अपने को पूरी तरह काबिल बनाती हैं। शादी के लिए तब तक इन्तजार करती हैं जब तक अपनी योग्यतानुसार श्रेष्ठ साथी नहीं मिलता, जिससे जीवन सुरक्षित हो। वे इतना कमायें की बच्चों के लिए घर, शिक्षा और लग्ज़री मुहैया हो। इसलिए बर्थ रेट यहाँ बहुत कम है।
  गर्म देश है महिलाएँ ऑफ व्हाइट रंग के कपड़े ज्यादा पसंद करती हैं। कानून व्यवस्था दुरुस्त होने से महिलाएँ कुछ भी पहन कर, कभी भी, कहीं भी आती जाती हैं।  इन्हें नख से शिख तक सजने संवरने, स्पा और ब्यूटीपार्लर जाने का बहुत शौक है। क्रमशः



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