राधाष्टमी का त्योहार परंपरागत रूप से ब्रज, बरसाना, मथुरा वृंदावन के आसपास के क्षेत्र के साथ उत्तर भारत में मनाते हैं। मंदिरों में कीर्तन का आयोजन किया जाता है। महान शास्त्रीय संगीतकार, संगीतज्ञों के आराध्य, ध्रु्रपद के जनक, स्वामी हरिदास का जन्म भी इसी दिन हुआ था। बैजू बावरा, तानसेन जेैसे दिग्गज संगीतज्ञ उनके शिष्य थे। इनके जन्मोत्सव पर विश्वभर के शास्त्रीय संगीतज्ञ उन्हें भावांजलि देने, स्वामी हरिदास संगीत एवं नृत्य महोत्सव में आते हैं। हमारे सेक्टर की होम मेकर महिलाएं भी छाया देवी परिवार नोएडा द्वारा आयजित राधा अष्टमी उत्सव में, राधा कृष्ण के प्रति अपने प्रेम और भक्ति भाव को उनकी लीलाओं का कीर्तन में गा नाच कर करती हैं। जो नाचती गाती नहीं वे तालियों से साथ देती हैं। ये भी नवधा भक्ति है।

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