Search This Blog

Showing posts with label Sardar sarover Dam. Show all posts
Showing posts with label Sardar sarover Dam. Show all posts

Wednesday, 22 May 2019

नीलकण्ठ धाम से स्टैचू ऑफ यूनिटी गुजरात यात्रा भाग 14 Statue Of Unity Gujrat Yatra 14 नीलम भागी

नीलकण्ठ धाम से स्टैचू ऑफ यूनिटी गुजरात 
यात्रा भाग 14
नीलम भागी
पौ फटने से पहले हम बस में बैठे तो उस समय आसमान नीला था। जैसे जैसे रोशनी हो रही थी आसपास का दृश्य बड़ा मोहक हो गया। रात को अंधेरे में देख नहीं पाये थे। अब देख रहे थे। छोटी छोटी पहाड़ियां दिख रहीं थीं। शायद नर्मदा जी के कारण हल्का सा कोहरा भी छाया हुआ था। बस केवाड़िया की ओर बढ़ती जा रही थी, साथ ही सूरज निकलता जा रहा था। ये दूरी लगभग 40किमी. है, जिसको 50 मिनट में तय कर लिया गया है। अब बस रोक कर हम नाश्ते के लिये उतरे। सभी रैस्टोरैंट अभी खुल ही रहे थे। उनमें साफ सफाई हो रही थी। एक रैस्टोरैंट में पीछे रिहायश भी थी। वो चाय और नमकीन परांठे बनाने को राजी हो गये। हम बैठ गये। हमने 4 बजे अहमदाबाद से द्वारका जी की गाड़ी पकड़नी थी, कुछ को दिल्ली की। नाश्ता करके हम बस में बैठे साथ ही गाइड आ गया। सात किमी़ की दूरी से लौहपुरूष उपप्रधानमंत्री गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल दिखने लगे। हम उनके पास जाते जा रहे थे। उतनी ही उनकी मूर्ति विशाल होती जा रही थी। मेरी आँखें भारत को एक करने वाले सरदार पटेल पर लगीं थी और कान गाइड को सुन रहे थे। उसने बताया कि सरदार पटेल के जन्मदिवस  31 अक्तूबर 2013 को तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इस विशालकाय मूर्ति का शिलान्यास किया था। यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से साधू आइलैंड 3.2किमी दूर, नर्मदा नदी में एक साधू बेट टापू पर है । जो भारत के गुजरात राज्य के भरूच के निकट नर्मदा जिले में स्थित है। नर्मदा जी के दोनों ओर सतपुड़ा और विंध्याचल की पहाड़ियाँ हैं। सामने हरियाली से ढकी पहाड़ियां दिख रहीं थीं नीचे नर्मदा जी बह रहीं हैं और सरदार पटेल का चेहरा, सरदार सरोवर की ओर है। हम बस से उतर कर लाइन में लग गये। गाइड केे साथ देवेन्द्र वशिष्ठ टिकट लेने गये। ये 9 बजे सेे सायं 6 बजे तक खुलता है। 3 साल से कम बच्चे निशुल्क है और 3 साल से 15 साल तक का किराया 60रू है। 350रू के टिकट में डेक व्यू, इसमें ऑब्जर्वेशन, डेक में एंट्री के साथ वैली ऑफ फ्लावर, सरदार पटेल मेमोरियल म्यूजियम, ऑडियोविजुअल गैलरी के साथ एसओयू साइट के साथ विहंगम दृश्य और सरदार सरोवर डैम घूम सकेंगे। टिकट आते ही हमारी एंट्री हुई। सफाई व्यवस्था अति उत्तम, टॉयलेट ऐसे जैसे अभी बने हों। अब हम सब गाइड को घेर कर चल रहे थे। वो हमें बता रहे थे कि सरदार पटेल के जन्मदिवस 31 अक्टूबर 2018 यानि उनकी 143वीं जयंती को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टैचू ऑफ यूनटी का उद्घाटन किया था।
विश्व की सबसे ऊंची 58 मीटर के बेस पर 182 मीटर के सरदार पटेल हैं। कुल ऊंचाई 240 मीटर(790 फीट) है। इस्पात के सांचे और कई मिश्रणों से बनी मूर्ति पर कांस्य शीट है। हम देख रहे थे उनकी शॉल की सल्वटें और चेहरे की भावभंगिमा मैटल में साफ दिख रहीं थीं। इसे बनाने में लगभग 44 महीने का समय लगा है।               
 पहले एस्केलेटर से उपर गये। दो लिफ्ट से और ऊपर गये। 150 मीटर से ऊपर सिर्फ मेंटेनेंस वाले ही जा सकते हैं। पर्यटक नहीं। मूर्ति का त्रि स्तरीय आधार है। जिसमें प्रर्दशनी फ्लोर, छज्जा और छत शामिल है। छत पर स्मारक उपवन, विशाल संग्राहलय तथा प्रदर्शनी हॉल है जिसमें सरदार पटेल के जीवन तथा योगदान को दर्शाया गया है। उनके जन्म से लोहपुरूष बनने की जीवन यात्रा, देखते हुए इतिहास को जीने का मौका मिलता है। उनकी व्यक्तिगत जिंदगी, गुजरात से उनके जुड़ाव को देखा जा सकता हेै। इसके आस पास टैंट सिटी, सामने सरदार सरोवर डैम, नौका विहार, 360डिग्री व्यू गैलरी, जाली से सरदार सरोवर बांध देखना, ये आकर्षण हैं। नदी से पाँच सौ फीट ऊंचा आब्जर्वर डेक का भी निर्माण किया गया है। जिसमें एक ही समय दो सौ लोग मूर्ति का निरीक्षण कर सकते हैं। सूरज की किरणे भी मूर्ति की छटा को आर्कषक बनाती हैं।  गुजरात का पर्यटन सोमनाथ, द्वारका जी और गिर वनों के कारण 17 प्रतिशत प्रतिवर्ष बढ़ रहा है। अब सरदार पटेल की मूर्ति को देखने तो आना ही है। स्टेच्यू आफ यूनिटी के बारे में
1-वहां टेंन्टस में भी दो स्थानों पर सरोवर के नजदीक ठहरने की भी व्यवस्था है।
2-रात्रि में लाईट शो होता है।
3-डैम में काम चलने के कारण पानी डैम पर रोक दिया है।जो कुछ दिन में पूरा होने के बाद डैम से नीचे आकर स्टेच्यू के नीचे से होकर बहेगा जिससे उस स्थान एवं स्टेच्यू की भव्यता बढीं जायेगी।
4-कुछ बच्चे टेंट गांव की ओर जाने वाली सडक पर पुल के उपर  खडे होकर सेल्फी लेते हैं जो खतरनाक है।इससे बचना चाहिये।
बापू के अनुयायी, अदम्य इच्छाशक्ति के धनी, एकता अखण्डता के बेमिसाल उदाहरण, एक भारत श्रेष्ठ भारत के निर्माता की ये मूर्ति उन्हें श्रद्धांजली है। क्क्रमशः









सरदार पटेल के पैर की अंगुली के साथ