कड़वा बेस्वाद सेहत के नाम पर मैं नहीं खा सकती। हुआ यूं कि मेरे मैडीकल टैस्ट की रिर्पोट आई तो डॉक्टर ने एक घण्टा पैदल चलना बताया और साथ ही कहा कि इससे मामूली डायबटीज भी ठीक हो जायेगी। जिसको भी ये बताया उसने मेथी के एक चम्मच दाने धोकर रात भर पानी में भिगो कर सुबह खाली पेट उसका पानी पीकर, बीज खाने को कहा।
पहले दिन पानी तो मैने पी लिया, कड़वे बीज नहीं चबाए गये तो मैंने उन्हें गमले में डाल दिया। फिर मैंने पांच चम्मच मेथी भिगो कर अगले दिन उसका पानी पी लिया और उसे साफ सूती बांध कर कपड़े को सूखने नहीं दिया। उसमें अंकुर निकल आए।
रोज रोज भिगोना नहीं पड़ेगा इसे फ्रिज में रख देती हूँ, सुबह एक चम्मच खा लिया करुंगी ये सोचकर एक चम्मच अंकुरित मेथी दाने को मुंह में डाला। वही प्रॉब्लम कि बेस्वाद नहीं खा सकती। इनको भी गमलों में डाल दिया।
आलू मेथी की सब्जी़, सरसों के तेल से लोहे की कढ़ाई में बनी मुझे बहुत पसंद है। मेथी का मौसम आते ही मैं मेथी के मक्का और गेहूं के आटे के परांठे, चिले बनाती हूं। मेथी, मटर, मलाईं हल्दी नमक के साथ भून कर, बाद में उसमें बारीक कटी हरी मिचर््ा डाल कर गैस बंद कर देती हूं। ये सादी रोटी के साथ बहुत अच्छी लगती है।
एक कप मेथी में 13 कैलोरी होती हैं। इसमें आयरन, विटामिन ए, के, सी, कैल्शियम, बीकॉमप्लैक्स, फॉलेट, राइबोफ्लैविन फाइबर होता है। ये हड्डियो, पाचन, र्हाट के लिये बहुत मुफीद है। डायबटीज कंट्रोल में सहायक है। आप बनायेंगे तो पड़ोसी खूशबू का आनन्द उठायेंगे। छोटे पत्तों वाली कसूरी मेथी को मैं धो कर सूखा लेती हूं। ये कई व्यंजनों का स्वाद बड़ा देती है। इसलिये गुणकारी मेथी मुझे बहुत पसंद है। पर मेथी दाने खाने नहीं पसंद।
मैंने देखा जो भीगे दाने मैंने गमलों में डाले थे तीसरे दिन उनमें अंकुर फूट गए सातवें दिन उनमें सफेद मुलायम तने पर दो हरे पत्ते लग गए जो बड़े अच्छे लग रहे थे।
बहुत नाज़ुक कुछ तो पानी देने पर ही धराशायी हो गए।
ठीक से बीज दबाए नहीं थे शायद इसलिये जड़ों ने मिट्टी को अच्छे से नहीं पकड़ा।
अब मैंने मिट्टी में 40% वर्मी कम्पोस्ट, थोड़ी सी नीम की खली और रेत मिला कर जो भी जिस तरह के भी पॉट थे
उनको इस मिट्टी से भर लिया और बीज मैं हमेशा विश्वसनीय जगह से ही मंगाती हूं। इन बीजों को मिट्टी में फैला दिया। इसको आधा सेंटीमीटर इसी मिट्टी से ढक कर हाथों से थोड़ा दबा दिया। अब मेथी दाना खाने से बच गई। इनसे मुझे अपने लिये रोज के थोड़े पत्ते लाजवाब व्यंजन बनाने को मिल जाते हैं और इन्हें देखने से खुशी मिलती है। परिवार के लिये मैं सब्जी वाले से लेती हूं। वजन न बड़े इसलिये आलू की जगह मेथी में, गाजर, गोभी, मटर , पालक के साथ सब्जी बनाती हूं।
पौष्टिक मठरी
एक किलो मेथी के पत्ते तोड़ कर, अच्छी तरह धोने के बाद जब पानी टपकना बंद हो जाए तो परात में डाल कर, स्वाद के अनुसार नमक मिला कर गेहूँ का आटा, कूटी काली मिर्च और पिघला देसी घी या तिल का तेल मोइन के लिए डाल कर छोड़ दें। दो घण्टे बाद इस आटे में और आटा थोड़ा थोड़ा मिलाते हुए सख्त गूथ लें और इसको हाथों से या चकले पर मोटाई और साइज़ अपनी इच्छानुसार मठरी बना कर अवन में बेक करले या तल लें। मैं यात्राएं बहुत करती हूं। अपने साथ बेक्ड बना कर ले जाती हूं। दो चाय के साथ खाने से काफी समय तक भूख नहीं लगती।
मेथी पकोड़ा कढ़ी
मेथी के पत्ते तोड़ कर, अच्छी तरह धोने के बाद जब पानी टपकना बंद हो जाए तो इन्हें बोल में
डाल कर, स्वाद के अनुसार नमक मिला कर बेसन, बारीक कटी हरी मिर्च डाल कर छोड़ दें। एक घण्टे बाद इसे अच्छी मिलाते हुए इसको हाथों से बाइंड कर लें अगर जरुरत हो तब ही कम से कम बेसन मिलाएं। हथेली पर पानी लगा कर इसे गोल आकर देकर तल लें। दो दिन फ्रिज में रक्खी छाछ में बिना घी डाले सूखा हल्का बेसन भून कर मिला लें। हल्दी नमक मिला कर चलाते हुए उबाल कर काढ़़ लें। फिर इसमें मेथी पकौड़े डाल कर एक मिनट बाद गैस बंद कर दें। देसी घी या तेल में हींग और मिर्च का छौंक लगा कर ढक दें।
सर्दियों में मेथी दाने के कड़वे लड्डृ मेरी अम्मा खाती हैं और नाचनी मेथी मुठिया मैं। इसकी जड़ और तने कम्पोस्ट पिट में।
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