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Wednesday 16 November 2022

अखिल भारतीय साहित्य परिषद की मीडिया प्रभारी राष्ट्रीय बैठक, झांसी यात्रा भाग 4 नीलम भागी Jhansi Yatra Part 4 Neelam Bhagi

 

अब तक मैं परिषद के जिस भी कार्यक्रम में गई हूँ उसमें एक बतियाना सत्र श्रोताओं का अपने आप बन जाता है। जिसका कोई फॉर्मेट नहीं होता। ये चाय पर या भोजन पर समूहों में अलग अलग होता है। मसलन पवन पाण्डे पाली(राजस्थान) ने, अपना परिचय देते हुए बताया कि वे जहाँ से हैं वहाँ पानी ही बहुत कमी रहती हैं। भू जल स्तर बहुत गिर गया है। वाटर हारवेस्टिंग की ज़रुरत पर बात होने लगी। उनकी चर्चा सुनते हुए मेरी आँखों के आगे पानी बर्वाद करने वाले लोग आने लगे, उनको क्या नाम दें? पाठक बताएं।

और हमारी बैठक का समय हो गया और हम हॉल में गए।






बृजलता जी की गाई बिना किसी साज के सरस्वती वंदना के शब्द, स्वर और भाव ने ऐसा समां बांधा कि समापन पर मेरी तंद्रा टूटी। 

   ’किसी भी देश की सभ्यता और संस्कृति को आगे बढ़ाने में मीडिया का अहम योगदान होता है। वर्तमान में सोशल मीडिया ने प्रिंट मीडिया के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर दी हैं। ऐसी स्थिति में पत्रकारों को अपनी लेखनी का प्रयोग अत्यंत सूझबूझ के साथ करना होगा जिससे लोग सूचना और समाचार में अंतर स्पष्ट कर सकें।’ उक्त विचार भारतीय जनसंचार संस्थान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के महानिदेशक डॉ0 संजय द्विवेदी ने झांसी परिपेक्ष में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य परिषद की बैठक में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भारतीय भाषाओं का देशव्यापी राष्ट्रीय संघटन अखिल भारतीय साहित्य परिषद की 8 अक्टूबर को मीडिया समूह की राष्ट्रीय बैठक का आयोजन ओरछा तिगेला स्थित रॉयल गार्डन में किया गया। इस बैठक में देशभर के 15 राज्यों के सैंकडा़ से अधिक प्रतिष्ठित पत्रकारों ने सहभागिता करते हुए पत्रकारिता, समाज, संस्कार सहित राष्ट्रीय चिंतन से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा परिचर्चा करते हुए देश के विकास व संस्कृति के उत्थान में मीडिया का दायित्व कैसा हो इस पर मंथन व मनन किया। बैठक के मुख्य अतिथि परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री व देश के वरिष्ठ लेखक श्रीधर पराड़कर ने वर्तमान समय के पत्रकारों से ईमानदारी व सत्यता के साथ समाचार लिखने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज की धूरी होते हैं। इन्हें अपने दायित्वों का निर्वाह सजगता पूर्वक करना चाहिए। मुख्य वक्ता के रुप में डॉ0 संजय द्विवेदी, मुख्य अतिथि श्रीधर पराड़कर अन्य अतिथियों में परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री ऋषिकुमार मिश्रा, राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ0 पवनपुत्र बादल, उत्तर प्रदेश के महामंत्री डॉ0 महेश पाण्डेय बजरंग रहे। बैठक में डॉ0 संजय द्विवेदी ने सूचना, समाचार व प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की बारीकियां बताते हुए आम जनमानस को पत्रकारिता और पत्रकार के दायित्व बताए। उन्होंने संस्कृति, संस्कार व लेखन का आपस में संबंध कैसा और किस प्रकार हो, इस पर चर्चा भी की। इसके अलावा अन्य आमन्त्रित वक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त कर पत्रकारों को समाज हित में आगे आने का आह्वाहन किया।  बैठक में प्रवीण आर्य जी(राष्ट्रीय प्रचार मंत्री),डॉ दिनेश प्रताप सिंह, प्रो0 नीलम राठी, डॉ0 साधना बलवटे(राष्ट्रीय मंत्री), लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार डॉ0 अतुल मोहन संह, परिषद् के कानपुर प्रांत के अध्यक्ष डॉ0 प्रहलाद बाजपेयी, प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ0 पवन गुप्ता तूफान, प्रांतीय संगठन मंत्री डॉ0 महेन्द्र शुक्ला, प्रांतीय मंत्री शिव कमल मिश्रा, डॉ. नृत्यगोपाल शर्मा (मीडिया प्रमुख दिल्ली प्रांत) शिवमंगल सिंह, रीता तिवारी लखनऊ, आदि राज्यों के लोग मौजूद रहे। स्थानीय लोगों में परिषद के जिला अध्यक्ष प्रताप नारायण द्विवेदी, महामंत्री विजय प्रकाश सैनी, उपाध्यक्ष के. एन. श्रीवास्तव, बृज लता मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन क्रमवार डॉ0 पवनपुत्र बादल, ऋषि कुमार मिश्र व अन्य लोगों ने अलग अलग सत्रों में किया।


अतिथियों का स्वागत धीरज मिश्रा व रवि मिश्रा एवं आभार व्यक्त डॉ0 महेश पाण्डे बजरंग ने किया। क्रमशः    



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