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Thursday 29 February 2024

अम्मा जी मंदिर, Amma Ji Temple श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या धाम की यात्रा भाग 7 नीलम भागी

 


जगह-जगह जाम के कारण ऑटो वाले उपाध्याय जी जाम देखते ही अपना ऑटो किसी गली में मोड़ देते थे।  मैंने उपाध्याय जी से पूछा कि जब हम अम्माजी मंदिर देख लेंगे तो उसके बाद वे हमें तुलसी स्मारक  भी ले जाएंगे? वह बोले," जिन लोगों ने मुझे सुबह से हायर किया हुआ है, उन्हें अम्मा जी, मंदिर तुलसी स्मारक से कोई मतलब नहीं है जो वे घर से सोच कर आएं हैं कि क्या देखना है? वही  यह दर्शन करेंगे। मैं आपको अम्माजी मंदिर छोड़ दूंगा।" और मुझे बड़ी हैरानी हुई, जब अम्मा जी मंदिर के आगे हम उतरे, उन्हें कोई यहां से मतलब नहीं था। उपाध्याय जी ने बताया," इनका लास्ट पॉइंट है, अगर मैं फ्री हो गया तो आपको यहां से ले जाऊंगा।" और वे चले गए। मंदिर इस समय बंद था। छोटे दरवाजे से मैंने  जाकर, झांक कर देखा। मैनेजर एस. लक्ष्मी रंगराजन जो श्रीरंगम तमिलनाडु से हैं, ने मुझे कहा," मंदिर तो अब 4:00 बजे खुलेगा। आप कहां से आए हैं?" और उठकर हमारे पास आए। उन्होंने हमें मंदिर के बारे में जानकारी दी और मंदिर  परिसर घुमाया। बंद दरवाजे से ही हमने दर्शन कर लिए और वीडियो बनाया।  सरयू जी के करीब यह प्रसिद्ध दिव्या देश मंदिर जैसा  भगवान राम का मंदिर है। इसमें  श्री राम, सीता जी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी की और कई मूर्तियां हैं। अयोध्या जी में यह मंदिर अलग लगा, दक्षिण भारत शैली का। एकदम साफ सुथरा मंदिर, अंदर जाते ही एक अत्यंत आध्यात्मिक माहौल था। इस मंदिर में पूजा भगवद रामानुज संप्रदाय श्रीवैष्णव परंपरा से होती है। योगी श्री पार्थसारथी अयंगर जो अत्यंत विद्वान संस्कृत, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ भाषा के प्रकांड पंडित रहे हैं, उन्होंने इस पवित्र भूमि पर इसका निर्माण करवाया। योगी जी ने 1893 में शिकागो विश्व धर्म कांग्रेस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। श्री सरस्वती ट्रस्ट बनाया और सब संपत्ति मंदिर के लिए लगा दी। इस मंदिर के निर्माण में उनकी पत्नी सिंगरम्मा का विशेष योगदान रहा। उन्हें इतना प्यार मिला कि भगवान राम का मंदिर है पर लोग प्यार से इसे अम्मा जी टेंपल कहते हैं।  यहां के बारे में मैंने जो भी पूछा, मैनेजर साहब ने जानकारी दी। आप वीडियो देखकर जान जाएंगे 
https://youtu.be/IGRnVYujZC8?si=enSUW6Y8y7ndeoQl
जब भी अयोध्या आएं तो इस मंदिर को देखना न भूले। दक्षिण भारत का एहसास होता है। मैं तो ठान के ही आई थी कि मुझे यहां आना है। बस समय का नहीं पता था। सुबह 7:00 से 12:00 तक और शाम को 4:00 से 8:00 तक आप दर्शन कर सकते हैं। मंदिर का पता है अम्मा जी मंदिर  निर्मोचन चौक रास्ता के पास, गोलाघाट रोड, अयोध्या धाम। वैसे ऑटो वाले पहुंचा देते हैं। सबसे ज्यादा खुशी मुझे यह हुई कि हम मंदिर से बाहर निकले, उपाध्याय जी अपनी सवारी को पहुंचा कर, हमें लेने आ गए जबकि इधर की कोई सवारी भी नहीं थी। उन्होंने पूछा," आप कहां जाएंगे?" मैंने जवाब दिया," तुलसी स्मारक ।" वे हमें वहां ले गए। जहां तक ऑटो ले जाने की परमिशन थी फिर उन्होंने कहा," बस आपको आगे  पैदल जाना पड़ेगा।" हमने पूछा," कितने पैसे।"वे बोले," जो दिल करे दे।" भाड़ा चुका कर हम भीड़ के सागर में तुलसी स्मारक की ओर चल दिए।

क्रमशः








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