Search This Blog

Sunday 18 February 2024

इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती द्वारा आयोजित 'बहुभाषी भारत' पर संगोष्ठी

 



आज नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में इंदप्रस्थ साहित्य भारती दिल्ली सम्बद्ध अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा विषय बहुभाषी भारत पर एक गोष्ठी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अवनिजेश अवस्थी जी ने की । कार्यक्रम का संचालन संजीव सिन्हा जी ने किया। मंच पर कार्यकारी अध्यक्ष विनोद बब्बर जी, तिलक चांदना जी, राष्ट्रीय प्रचार मंत्री प्रवीण आर्य जी , उपस्थित रहे।

 पवन पुत्र जी ने बताया भारत का जो मूल मंत्र है वो भाषायी एकात्मकता है। हम कितनी भी प्रगति करें हमे अपने मूल से जुड़े रहना है भारत मे कभी भाषा या बोली पर कभी संघर्ष नही रहा उन्होंने बताया कि सभी को जब किसी प्रदेश का साहित्य पढ़ना या समझना होती है तो वो भाषा सीखते है उन्होंने बताया कि भारत की 1633 भाषाएं है ये भारत की आत्मा है।

मनोज शर्मा 'मन' 




















No comments: