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Wednesday, 21 February 2024

राम की पैड़ी सरयू जी, श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या धाम की यात्रा भाग 3 नीलम भागी Ram ki Paridh Neelam Bhagi


चालक भरत कुमार  रास्ते के बारे में भी बताता जा रहा था और अयोध्या जी का वर्णन भी करता जा रहा था यानि ₹30 सवारी में वह गाइड का काम भी कर रहा था। मैंने उससे पूछा कि राम मंदिर बनने से क्या फर्क पड़ा है? उसने जवाब दिया, "अब राम जी टिक गए हैं तो हमारा भी काम बन गया है। पहले दाल रोटी भी मुश्किल से निकलती थी, अब खूब सवारी है। जितने चक्कर लगाओ, उतना कमाओ। कई बार तो बाहर से ऐसी सवारी मिल  जाती है कि 3000 तक बन जाते हैं। अधिक चक्कर लगाने हैं, शायद यही कारण था,  रिक्शा बहुत तेज चल रहे थे। रेलवे क्रॉसिंग आ गया तो थोड़ी देर इंतजार करते थे फिर बैक करके दूर के रास्ते से चल रहे हैं। यानि समय बचाना। किसी गली में जरा सा ट्रैक्टर आ गया। बैक करके दूसरा रास्ता। उसने हमें सरयू जी के किनारे ऑटो रोक कर कहा," ( बस वो  घाट है, इसके किनारे टहलते चले जाओ, आरती स्थल पर पहुंच जाओगे। गुप्ता जी यहां पहले टूर ला चुके हैं इसलिए उन्होंने कहा,"  राम पैड़ी के पास पहुंचाओ। वह  चल पड़ा। राम की पैड़ी से काफी पहले पुलिस ने वाहनों को रोक रखा था। आप पैदल जा सकते हैं क्योंकि बहुत भीड़ थी। बस सब चलते जा रहे हैं। साथी सब  स्नान की तैयारी से आए थे। अब शबरी घाट और कई सारे घाट आए। हम वहां गए जहां पर लेजर शो  होता है। वहां पहुंच कर साथियों ने सरयू जी में स्नान किया। शाम का समय है लेजर शो भी देखेंगे और और सरयू जी की आरती में भाग लेंगे।  जहां पर प्राकृतिक रूप में सरयू जी हैं। राम पैड़ी स्थान बहुत खूबसूरत है। सफाई बहुत उत्तम है। महिलाओं के चेंज करने के लिए केबिन बने हुए हैं जगह-जगह तिलक लगाने वाले घूम रहे हैं और एक बच्चों के लिए रिमोट से चलने वाली बड़ी गाड़ी है। आप अगर बच्चे लाते हैं, उनको उसमें बिठा दीजिए, बच्चा आसपास के नजारे देखेगा और आप साथ-साथ  घूम सकते हैं। कोई प्रैम लाने का झंझट नहीं। शाम के समय खूब ठंडी थी ये सब नहाए। राम की पैड़ी के पास में ही भगवान राम के पुत्र द्वारा निर्मित नागेश्वर नाथ  मंदिर है। दंत कथा है कि कुश सरयू जी में  स्नान करते थे। एक दिन उनका बाजूबंद गिर गया। जो एक नाग कन्या ने जल से निकाल कर, उन्हें दिया। कुश ने  नागनाथ को समर्पित यह मंदिर बनवाया। वर्तमान 1750 का बना हुआ है। शिवरात्रि को यहां विशाल मेला लगता है। अब आरती स्थल की ओर  चल पड़े। यहां सरयू जी प्राकृतिक रूप में है। जगह-जगह पंडितों के स्थान हैं। आप नाव में सैर करने जा सकते हैं। हमारे सब साथी गए, मैं नहीं गई, मुझे डर लगता है। आरती के लिए भीड़ बढ़ती जा रही थी। जैसे मेरे साथी आए।  हम  भी आरती स्थल के पास सेटल हो गए। यहां दिल्ली से आए आचार्य अनमोल भी मिल गए। उन्होंने कहा," आरती खत्म होने पर भीड़ एकदम छूटेगा।" खत्म होने से थोड़ा पहले हम लोग यहां से निकल लेते हैं। 

https://youtu.be/UKwuWlKmhzY?si=Lc6preQj40zIWUxH

अब हम फिर राम की पैड़ी में आ गए। यहां लेजर शो हो रहा था। बहुत ही खूबसूरत लग रहा था। कुछ देर देखा और पहचान के लोग मिलते जा रहे थे। बहुत बड़ा ग्रुप हो गया है। हम लोग  हनुमानगढ़ी की ओर चल पड़े। रास्ते में प्रसाद पूजा की सामग्री, खाने पीने की दुकान आदि खूब थी। यहां से 4 ई रिक्शा से हनुमानगढ़ी के लिए चल दिए। 

https://youtu.be/bNIJHpjshY4?si=8P6Sxv3oJM20u4AK

क्रमशः