94 साल की अम्मा एक हाथ में डण्डी और दूसरे में झाड़ू लेकर शाम को आंगन जरुर बुहारती हैं। शुरु में मेड ने उनके हाथ से झाड़ू लेने की कोशिश की। उसे अम्मा ने कहा,’’बेटी बैठे रहने से मेरे हाथ पैर बिल्कुल रह जायेंगे।’’मैंने उसे मना कर दिया क्योंकि डॉक्टर ने मुझे कहा है कि ये इनकी बोनस उम्र है, जैसे करती हैं करने दो। अब वे धुले कपड़े जैसे जैसे सूखते जायेंगे, उन्हें उतार कर तह लगा देतीं हैं। कहीं से उधड़ा हो या बटन टूटा हो तो अपने आप सुई में धागा डाल कर रिपेयर कर देतीं हैं।
अम्मा जब 60 साल की थीं तब उनके घुटनों में भयानक दर्द शुरु हुआ। डॉक्टर ने आयुवैदिक गोलियां लिख कर दी। जिनका वे लगातार सेवन कर रहीं थीं। एक दिन आशा भाभी मिलीं उनके साथ बतियाते हुए मैं दवा खरीदने लगी। उन्होंने पूछा,’’किसके लिए दवा?’’ मैंने कहा कि अम्मा के घुटनों में तकलीफ है उनकी है। सुनते ही उन्होंने मुझे दवा नहीं खरीदने दी। एक शहद की बोतल और लहसुन खरीदवा कर घर आते ही अम्मा से बोली,’’अम्मा हम तो गांव में पली बढ़ी, स्कूल की शक्ल नहीं देखी, गांव में शादी हुई। इनकी नौकरी के कारण यहां आ गई। हमारे गांव में बुढ्ढे बुढ़िया मिट्टी की हण्डिया या कांच के बर्तन में शहद में लहसुन छील कर डाल देते हैं। सुबह खाली पेट शहद में डूबी लहसून की कलियां एक चम्मच से दो कलियां निकाल कर खा लेते हैं। जब चार दिन का रह जाये तो दूसरा बना लेते हैं। इसे हमेशा खाते हैं। बातें करते हुए उन्होंने लहसुन छील कर तैयार भी कर दिया। हमारे घर तब पहली बार लहसुन आया था। मंदिर वाले घर की अम्मा कैसे खायेंगी!! मैं सोच रही थी। मैंने साथ में पहली बारा छिलवाया, मेरी अंगुलियों में छाले पड़ गये। इसमें सल्फ्यूरिक एसिड जो होता है। इसकी तीखी गंध सल्फर के यौगिकों के कारण होती हैे। अम्मा घुटनों से कितनी परेशान रहीं होंगी कि तुरंत दो कलियां चम्मच में शहद पर रख कर जल्दी जल्दी चबा कर पानी के साथ निगल गईं। भाभी साथ में बोलती जा रहीं कि अंग्रेजी दवाई की तरह तुरंत फरक नहीं होगा पर घुटने चलने लायक रहेंगे। बीस साल की लड़की जैसे होंगे! ऐसा नहीं सोचना। उस दिन से शहद डूबी लहसुन की कलियां जरुर लेतीं। कहीं आती जातीं तो अपनी छोटी सी शीशी साथ ले जातीं थीं। अब हमें भी लहसून की गंध सहन होने लगी। और कच्चे लहसुन का चटनी में प्रयोग शुरु हुआ। उसके बाद गमलों में बोया जाने लगा। जब अचानक खत्म हो जाता तो गमले से तोड़े इसके पत्तों से काम चल जाता है।
वैज्ञानिक कारण तो नहीं जानती पर शहद लहसुन का घरेलू नुस्खा अम्मा पर फिट बैठ गया। Ab to हरे lahsun ki Chatni bhee khane Lagi Hain
क्रमशः
2 comments:
Thanks for sharing such an informative post.
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हार्दिक धन्यवाद
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