हुआ यूं कि मेरे इकलौते टमाटर के पौधे पर 6 टमाटर लगे और पौधा ढेरों छोटे छोटे पीले फूलों से लद गया। अब मैं भी सपने देखने लगी कि जब मेरा पौधा टमाटरों से लद जायेगा तब मैं इसकी फोटो खींच कर पोस्ट करूंगी। और टमाटरों को पौधे पर ही पकने दूंगी। पौधे को जरा सा हिलाउंगी तो पका हुआ टमाटर टपकेगा ’टप’ और इसके साथ ही मैंने टमाटरों की पौध तैयार करने के लिए 60 मिट्टी 40 वर्मी कम्पोस्ट मिला कर टमाटर के नन्हें नन्हे हाइब्रिड बीजों को इसमें एक सेमी गहरे बोकर मिट्टी से ढक दिया और पानी देकर रख दिया। एक हफ्ते में इसमें अंकुरण हो गया। एक दिन पता नहीं कहां से बंदरों का खानदान आ गया। वे ज्यादातर अमरुद के पेड़ पर उत्पात मचा कर चले जाते हैं। पर उस दिन एक छोटे बंदर ने नीचे आकर सारे टमाटरों को तोड़ा, स्वाद चख चख कर फैंके और पौधे को भी नोचा। उनके जाते ही मैंने पौधे को सैट किया अभी तक तो पौधा बचा हुआ है। पर मुझे तो टमाटरों से लदे पौधे देखने का सपना पूरा करना है। ये पौधा भी मैंने रसोई के कचरे पर मिट्टी डाल कर उगाया था।
टमाटर की पौध 4’’ की हो गई है। मैने कम्पोस्ट बिन जो आधा रह गया था ठंड के कारण कम्पोस्ट अभी पूरी तरह नहीं बना। उसमें ही मैंने 60% मिट्टी 40% वर्मी कम्पोस्ट और दो मुट्ठी नीम की खली मिलाकर कम्पोस्ट पर इस पॉटिंग मिक्स को 6’’ भर दिया। और हाथों से अच्छी तरह दबा दिया। 12’’ की दूरी पर एक में दो टमाटर के पौधे लगाए और पानी देकर दो दिन तक छाया में रखे। जहां सुबह की हल्की धूप आती है। ये जम गए हैं तो अब इनकी जगह बदल दी जहां आठ घंटे सीधी धूप आती है। क्रमश
https://neelambhagi.blogspot.com/2021/03/organic-tomato-from-kitchen-waste.html
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