यहाँ पार्क में बैठने की सुविधा बहुत है. पत्थर के और लोहे के मेज के साथ में कुर्सियां बेंच की तरह लगी होती हैं और ज्यादातर के ऊपर पेड़ होता है. प्रशांत महासागर से ठंडी हवा तो आती ही रहती हैं. बच्चे पार्क में खेलते रहते हैं. जिसको बैठना होता है, वह आराम से बैठ जाता है, सामान वहां रख देता है. यह एक परिवार की साइकिलें रखी हैं.
जिसमें कार्गो बाइक भी है जो सामान रखने या बच्चे को बिठाने के काम आती है. दो साइकिलों के करियर के साथ बॉक्स भी लगे हुए हैं. यह पांच लोगों का परिवार है. पति-पत्नी और दो बेटे, एक बेटी. जाने से पहले मां आती है. एक साइकिल को कार्गो बाइक के साथ बड़ी मजबूती से बांधती है. जिस बच्चे की साइकिल बंधती है, वह जाकर कार्गो में बैठ जाता है. अब बाकि परिवार भी आ जाता है, अपना अपना सामान लेकर, उसको भी कार्गो में रख देता है या अपने बॉक्स में. अब पूरा परिवार साइकिल चलाते हुए चल देता है. महिला की साइकिल के आगे कार्गो लगा हुआ है उसमें बच्चा बैठा हुआ है और उसकी साइकिल भी टंगी हुई है👍 . सब ने हेलमेट पहने हैं. 3 घंटे तो हमें पार्क में हो गए थे. यह हमसे पहले से आए हुए थे. वीकेंड पर इसी तरह घूमने निकलते हैं. व्यायाम भी हो जाता है, खेल भी हो जाते हैं और पूरा परिवार साथ रहता है. उनके बच्चे बड़े हैं. काम यहां सब मिलकर ही करते हैं.👍
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