Search This Blog

Saturday, 19 July 2025

बच्चे का पुस्तक प्रेम! नीलम भागी अमेरिका प्रवास

 


उत्कर्षनी को बचपन से ही किताबें पढ़ने का बहुत शौक है। किताब हाथ में लेते ही पढ़ कर छोड़ती थी। गीता भी पढ़ने की शौकीन है। मैंने दित्त्या को दो किताबें दीं। अभी उसे अक्षर ज्ञान भी नहीं है। प्री स्कूल खत्म किया है, अब समर कैंप में जाती है। पर इन किताबों को अपनी कार सीट पर बैठे किताबें के पेज पलटती हुई पार्क में गई। वहां भी बच्चों का साथ और झूलों का आकर्षण भी उसका पुस्तक मोह भंग नहीं कर पाया। क्रमशः





No comments: