पंच इन्द्रिय उद्यान र्गाडन ऑफ फाइव सेंसेज नामक यह उद्यान दिल्ली के दक्षिणी भाग में सैद- उल- अजाब गांव के पास स्थित है। यह उद्यान दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम द्वारा 20 एकड़ में विकसित किया गया है। बच्चों के लिए बहुत अच्छा है। महरौली और साकेत के बीच दिल्ली के एक प्राचीन और पुरातात्विक धरोहर परिसर के इस उद्यान में 200 से अधिक प्रकार के मोहक एवं सुगन्धित पौधों के बीच 25 से ज्यादा शिल्प आदि हैं।
फरवरी 2003 में इस उद्यान की स्थापना दिल्ली की पहली स्थापित राजधानी महरौली के पास किया गया। राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाए गए किला राय पथौरा के अवशेषों के पास इस उद्यान को भव्य तरीके से तैयार किया गया है। उद्यान पहुंचने के लिए सबसे आसान साधन जहांगीरपुरी कश्मीरी गेट हुडासीटी सेन्टर मेट्रोलाइन की मैट्रो है। फैस्टिवल के समय साकेत मैट्रो स्टेशन से उद्यान तक फ्री शटल सर्विस है।
मेले का पहला संडे 21 को था श्वेता अंकूर ने प्रोग्राम बनाया। अंकूर मुझे घर ले गया। श्वेता ने शाश्वत अदम्य से कहा कि अगर मेले में जाना है तो खूब चलना होगा और पहले पढ़ाई पूरी करनी है। दोनों ने बोल बोल के हिंदी पढ़नी शुरु कर दी। श्वेता अंकूर ने र्गाडनिंग के सामान की लिस्ट बना ली। बच्चे जा रहे थे इसलिए उस हिसाब से तैयारी की। एक बजे हम घर से निकले। मेले जाने की खुशी में बच्चों ने रास्ते में मोबाइल तक नहीं मांगा। श्वेता गूगल की मदद से रास्ता बताती जा रही थी। पास में खण्डहर से देख कर अदम्य ने पूछा कि यहां किंग रहते हैं। जवाब में शाश्वत ने कहा,’’अब किंग नहीं होते।’’ 55 मिनट में हम पार्किंग में पहुंच गए थे। पार्किंग शुल्क 20 रु प्रति घण्टा है। मैंने पूछा,’’ये कुछ ज्यादा नहीं है!!’’उसने वहां आई शटल की ओर इशारा करके कहा कि ये फ्री राइड का खर्चा यहीं से तो पूरा होगा न। सुन कर हम हंस पड़े। अच्छा लगा ये देख कर कि शटल जिसके लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा था। मैंने आने और जाने पर दोनों समय वहां खड़ी देखी। हमसे पूछा भी कि साकेत मैट्रो स्टेशन चलना है। ऐसे ही पब्लिक ट्रांसर्पोट को बढ़ावा मिलेगा। क्रमशः