विजेता का घर तो हमारे रास्ते में था। वहां हम आरती के समय पहुंचे। पण्डित जी नौ बजे के बाद आरती करवाने आए, वो इन दिनों बहुत बिजी थे। आरती सम्पन्न होने तक घर के सभी सदस्य पहुंच गए थे सबने डिनर किया। और हम चल दिए। रास्ते भर विसर्जन के जुलूस का आनंद उठाया। जुलूस के ढोल की आवाज में गीता नाच नाच कर थक गई फिर सो गई। रात 11 बजे हम घर लौटे। यहां हमारे सेक्टर में छाया देवी परिवार नोएडा द्वारा आयोजित गणपति उत्सव में शामिल होने के लिए महिलाएं शाम तक इंतजार करती हैं। सबकी जुबान पर पिछले कीर्तन के भजन रहते हैं तो लाज़मी है कि संध्या तक गुनगुनाना चलता रहता है। फ़िर समय पर महिलाएं गणपति से मिलने चल देती हैं।
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क्रमशः