मकाओ टावर, सिटी ऑफ ड्रीम्स, अमा टैम्पल, वण्डरफुल wonderful Macao भाग 4 नीलम भागी
हम धीरे धीरे चल रहें हैं क्योंकि जिधर भी नज़र जाती है। उस जगह की सुंदरता हमें रूकने को मजबूर करती है। गीता की आँखों की चमक भी यही कहती है। उससे मैं पूछती हूँ ,’’चलें उसका एक ही जवाब होता है,’’न न न ।’’हमने उसे पै्रम से आजाद कर दिया। यातायात दिशा चालन यहाँ लैफ्ट है। कोई परेशानी नहीं, गीता मजे से हाथ पकड़ कर चल रही थी। जब वह थक गई तो हम गाड़ी से मकाउनिस की आस्था का प्रतीक, अमा टैम्पल गये। जो लगभग 1488 से बना प्राचीन, समुद्र की देवी, मछुआरों की रक्षक का टैम्पल है। यहाँ भी मोटी मोटी पीली या रंगीन अगरबत्तियाँ जला कर लोग, हमारी तरह हाथ जोड़ कर प्रार्थना कर रहे थे। लेकिन जलाने की जगह फिक्स थी। मुझे भी तो सागर के रास्ते हाँग काँग एयरपोर्ट लौटना था। मैंने भी दिल से देवी की प्रार्थना की। मेरीटाइम म्यूजियम देखा। लोकल स्नैक्स, गिफ्ट आइटम ,आइसक्रीम,कोल्डड्रिंक
के खूब स्टाल थे। 338 मीटर (1109फीट) मकाओ टावर देखा। गीता बोली,’’चलो।’’उसके चहरे पर चमक तो कोटाई में ही आती है। हम चल पड़े। यहाँ 90% चीनी, 2% पुर्तगाली, 3%अन्य रहते हैं। औसत आयु 84 वर्ष है। 20 दिसम्बर 1999 को मकाओ चीन को हस्तान्तरित हुआ। इस तरह के विकास को तो देख कर लगता है कि बच्चे ने जन्म लेते ही चलना शुरू कर दिया। हरियाली का पूरा ध्यान रक्खा गया है।
सबसे नया आर्कषक सिटी ऑफ ड्रीम्स है। मनोरंजन के बेतहाशा अवसर, एक छत के नीचे दुनिया भर के डिजाइनर ब्राण्ड। यहाँ आते ही गीता में ग़ज़ब की फुर्ती आ गई। वह आगे आगे चल रही थी, हम दोनों उसके पीछे पीछे। ऐसा लग रहा था जैसे स्वप्न लोक में घूम रहें हो। उसे न भूख न प्यास, बस इधर से उधर और उधर से इधर। काफी समय बाद जब वह थोड़ी सुस्त होने लगी। हम भी बुरी तरह थक गये थे। तब हम एशिया किचन में खाने के लिये बैठे। मुझे चाय की तलब लग रही थी। मैंने चाय आर्डर की। उत्तकर्षिनी ने यहाँ की कोई नानवेज डिश आर्डर की। जब से मैने अनजाने में बींस में पोर्क खाया, तब से मैं वेज बहुत ध्यान से आर्डर करती हूँ। यहाँ भी मैंने हांग कांग स्टाइल फैंच टोस्ट विद पीनट बटर एंड सीरप आर्डर किया। ट्रांसपेरंट कप में चाय पत्ती डाल कर उबाला पानी आ गया। मैं सोच रही थी कि दूध चीनी में कढ़ी हुई चाय आयेगी। जब मैंने कहा कि इसमें दूध चीनी नहीं है तो उन्होंने मेरे आगे लाकर चीनी का डिब्बा और दूध दे दिया। चाय वहाँ जैसी पी जाती होगी, वैसी दे दी। लेकिन फैंच टोस्ट लाजवाब था। उत्तकर्षिनी ने भी टेस्ट करके वाह कहा। उसने भी अपनी डिश को स्वादिस्ट बताया। शाम हो चुकी थी, पास में ही कॉनराड था, हम पैदल चल दिये। रूम में जाते ही गीता को दूध की बोतल दी। वो पी कर सो गई। हमने टी.वी. पर लाइव रेनबो अवार्ड फंग्शन लगा लिया। पास में ही वैनेशिया था। वहाँ बहुत बड़ी स्क्रीन पर यही इवेंट आ रहा था। मैं जब भी रूम में होती, सोने के समय ही लेटती। विंडो के बाहर ही मेरी आँखे लगी रहती हैं क्योंकि यहाँ की खूबसूरती को मैं एक पल के लिये भी नहीं खो सकती। अब भी मैं बाहर लगी स्क्रीन पर कॉफी पीते हुए इस प्रोग्राम को देख रही थी। गीता के उठते ही हमें वैनेशिया जाना है। क्रमशः