गुणकारी फ्रेंचबीन उगाने के लिए मैंने हाइब्रिड बीज मंगाए वो तो राजमा थे। मैंने रसोई के कचरे से आधे भरे कंटेनर में ये तैयार मिट्टी भरी। इसमें 50% मिट्टी, 40% वर्मी कंपोस्ट(गोबर की खाद भी ले सकते हैं) और 10% रेत को अच्छी तरह मिलाया। बीजों को 12 घंटे पानी में भिगो कर रखा था। बाद में पानी फेंक दिया और मोटे सूती कपड़े में बीजों को बांध दिया। कपड़े को गीला रक्खा। 48 घण्टे बाद इसमें अच्छे से अंकुरण हो गया। अब इन अंकुरित बीजों को 14’’ के गमलों में उचित दूरी पर आधा इंच गहरा गाड़ दिया। इससे ये कम समय में पौधे बन गए। पानी इसमें इतना लगाना है कि बस नमीं बनी रहे। 15 दिन बाद इसमें थोड़ी थोड़ी वर्मी कंपोस्ट डालती रही। गमले हरे पत्तों से भर गए।
एक महीने बाद इसमें फूल आ गए। इसके पास धनिया लगा हैं। धनिए के फूलों की महक से वहां शहद की मक्खियां आती हैं। अब इन फूलों पर भी आने लगीं। गुड़ाई करके अण्डे के छिलकों का पाउडर भी डाला। बींस आने लगीं हैं। जिसकी अब तक सब्जी नहीं बनाई है। कोई कीटनाशक तो डाला नहीं। खुद से उगाईं हैं बहुत स्वाद हैं। सलाद, सैण्डविज, अप्पम आदि में डालती हूं। धनिए का मौसम जा रहा है। उसके बीच बीच में कुछ राजमा रसोई से लेकर बो दिए। पौधे निकल आएं हैं। देखती हूं ये भी हाइब्रिड बीजों की तरह फल देते हैं या नहीं। अच्छा रिजल्ट आने पर मैं जरुर आपसे शेयर करुंगी। कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, घुलनशील फाइबर युक्त और कालेस्ट्रॉल को कम करने वाला राजमा फ्रेंचबीन आपको भी उगाना चाहिए।
रसोई के कचरे का सदुपयोग
किसी भी कंटेनर या गमले में सूखी पत्तियां टहनियां उस पर किचन वेस्ट, फल, सब्जियों के छिलके, चाय की पत्ती आदि सब भरते जाओ और और बीच-बीच में वर्मी कंपोस्ट से ढकते रहो। जब वह आधी से अधिक हो जाए तो एक मिट्टी तैयार करो जिसमें 60% मिट्टी हो और 30% में वर्मी कंपोस्ट, या गोबर की खाद, दो मुट्ठी नीम की खली और थोड़ा सा बाकी रेत मिलाकर उसे मिक्स कर दो। इस मिट्टी को किचन वेस्ट के ऊपर भर दो और दबा दबा के 6 इंच किचन वेस्ट के ऊपर यह मिट्टी रहनी चाहिए। बीच में गड्ढा करिए छोटा सा 1 इंच का, अगर बीज डालना है तो डालके उसको ढक दो।और यदि पौधे लगानी है तो थोड़ा गहरा गड्ढा करके शाम के समय लगा दो और पानी दे दो।