अपने हिस्से का वायु प्रदूषण कम करता यह ऑटो चालक हमें प्रेरणा देता है। छोटी-छोटी कोशिका से हम भी पर्यावरण के सुधार में अपना योगदान दे सकते हैं। कितनी भी कम जगह हो ऑटो की छत से तो अच्छी ही होगी और वहां लगाना भी आसान होगा। कम से कम कंटेनर गार्डनिंग तो हम कर ही सकते हैं। तुलसी, करी पत्ता, धनिया, पोदीना आदि तो लगा ही सकते हैं।
# waste management
किसी भी कंटेनर या गमले में ड्रेनेज होल पर ठीक रा रखकर सूखे पत्ते टहनी पर किचन वेस्ट, फल, सब्जियों के छिलके, चाय की पत्ती बनाने के बाद धो कर आदि सब भरते जाओ बीच-बीच में थोड़ा सा वर्मी कंपोस्ट से हल्का सा ढक दो। कभी पतली सी थोड़ी सी छाछ डाल दें।और जब वह आधी से अधिक हो जाए तो एक मिट्टी तैयार करो जिसमें 60% मिट्टी हो और 30% में वर्मी कंपोस्ट, या गोबर की खाद, दो मुट्ठी नीम की खली और थोड़ा सा बाकी रेत मिलाकर उसे मिक्स कर दो। इस मिट्टी को किचन वेस्ट के ऊपर भर दो और दबा दबा कर, इस तैयार मिट्टी को 6 इंच, किचन वेस्ट के ऊपर यह मिट्टी रहनी चाहिए। बीच में गड्ढा करिए छोटा सा 1 इंच का, अगर बीज डालना है तो डालके उसको ढक दो।और यदि पौधे लगानी है तो थोड़ा गहरा गड्ढा करके शाम के समय लगा दो और पानी दे दो।