हरिद्वार जा रही थी। मुज्ज़्फरनगर शुरु होते ही रास्तेे भर बनते हुए गुड़ की महक आने लगी और यादों में दादी नानी आने लगीं, जिन्होंने कभी चीनी नहीं चखी थी। हमेशा गुड़ या गुड़ पाउडर का इस्तेमाल करतीं थीं। चीनी से परहेज न करते हुए भी, उनकी गुड परपंरा को 93 साल की अम्मा निभा रहीं है और रोज एक डली गुड़ की जरुर खा रहीं हैं। मुझे याद है जब भी हमें कभी कहीं क्रैशर पर जाने का मौका मिलता था तो जहां गुड़ बनने के लिए गन्ने का रस खौलता था। उसमें गाजरें डाल दी जातीं थीं। जब गाजर रस से निकालते तो मुरब्बे जैसी लगतीं, उसे हम बहुत स्वाद से खाते थे। अचानक मेरे दिमाग में आया कि अपने परिवार के देश विदेश की चॉकलेट खाने वाले बच्चे पता नहीं गुड़ में पकी गाजर शौक़ से खायेंगे या नहीं। लौटते हुए हमने खूब गुड़ खरीदा क्योंकि हमारे घर में गुड़ खूब इस्तेमाल होता है। रास्ते में मैंने गुड़ और गाजर से केक बनाने की रैस्पी भी मन में तैयार कर ली।
इसके लिए मैंने
1 एक कप घी, 2 कप गुड़ या जैगरी पाउडर, 3 कप मैदा और 4 अंडे और 4 बड़ी गाजर पतली हों तो 6 से 8 ले सकते हैं।
Ratio 1 2 3 4
अंडा नहीं खाते तो छोड़ सकते हैं। दो चम्मच बेकिंग पाउडर, आधा चम्मच खाने वाला सोडा और 2 चम्मच दाल चीनी पाउडर, चुटकी भर नमक, दो चम्मच वनीला एसेंस । इसमें अखरोट की गिरी बहुत अच्छी लगती है। मर्जी है।
गाजर छीलकर,अच्छी तरह धोकर, छोटे छोटे टुकड़ों में काट कर, कूटे हुए गुड़ के साथ प्रैशर कूकर में बिना पानी डाले गास्केट और वेट लगा कर हल्की आंच पर रख दें अंदाज से गुड़ भी पिघल जाये और गाजर भी पानी छोड़ दे फिर आंच मीडियम कर दें। अच्छी तरह प्रेशर बन जाए, सीटी नहीं बजने देनी। गैस बंद कर दो। मैदे में बेकिंग पाउडर, खाने वाला सोडा और चुटकी भर नमक मिला कर दो बार छान लें। अब मिक्सी जार में घी, अंडे मिलाकर और वनीला एसेंस अच्छी तरह चला लें कि घी अलग न दिखे। अब इसे एक बड़े बर्तन में निकाल लें। ठंडा होने पर चाहें तो गुड़ गाजर को भी मिक्सी में फेंट लें या फेंटे इुए घी अंडे में ऐसे ही मिला लें, फेटने से गाजर का खूबसूरत रंग आता है, गाजर नहीं दिखाई देती है। अब इन चारों को मिक्स करते हुए इसमें धीरे धीरे मैदा मिलाते जायें ताकि गुठली न बने। अब केक कंटेनर में अच्छी तरह से घी लगा कर, उस पर थोड़ा सुखा मैदा छिड़क दें। आधा बैटर भर दें। बैटर रनिंग नहीं होना चाहिए। 180 डिग्री पर 4 मिनट प्री हीट अवन में इसे 40 मिनट के लिए रख दें। दस मिनट बाद तापमान 160 डिग्री कर दें। 30 मिनट बाद अगर केक किनारे छोड़ दे तब इसमें चाकू या टूथपिक डाल कर चैक करें। यदि उसमें बैटर चिपक जाये तो दस मिनट और रखें। चाकू साफ आने पर केक को अवन से बाहर रख कर ठंडा होने दें। मैंने एक साथ तीन केक बनाये सब में बनने के बाद थोड़ा समय का अंतर रखा। सिर्फ रंग अलग करने के लिये। ठंडा होने पर थाली में कंटेनर उल्टे किए केक बाहर। र्डाक केक सबसे पहले मैंने शाश्वत, अदम्य को दिखाया दोनों ने उसे घूरा, फिर पूछा,’’ये कौन सा केक है?’’मैंने कहा,’’चाकलेट।’’दोनों ने बहुत स्वाद से यम्मी यम्मी करके खाया। गुड़ गाजर का स्वाद मुंह पर चढ़ने पर लाइट कलर वाले केक भी खाने लगे। बाकि परिवार तो खाता ही है। खत्म होने पर जिद कर रहे हैं कि कैरेट जैगरी केक बनाओ न।
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