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Sunday, 13 December 2020

पालक कढ़ी, 90 प्लस रसोई नीलम भागी Palak Kadhi Neelam Bhagi


 

91 साल की अम्मा जब 50 साल की थीं तो उनका ऑपरेशन हुआ था। डॉक्टर ने आराम करने को कहा और घी कम पर सब्ज़ियां, हरी सब्जियां खूब खाने को कहा। अम्मा स्वाद बनातीं हैं और स्वाद ही खातीं हैं। उन्हें कढ़ी पसंद है। अब कढ़ी के पकौड़े हटा कर, तरह तरह की कढ़ी इजाद की गईं। मसलन पालक कढ़ी


छोटे छोटे पालक के पत्ते अच्छी तरह धोकर बारीक काट लेते हैं। खट्टी छाछ(फ्रिज में रखी दो दिन पुरानी, बाहर एक दिन पुरानी) में से थोड़ी सी छाछ लेकर उसमें बेसन डाल कर अच्छी तरह फेंट लेते हैं ताकि कोई बेसन की कोई गांठ न बने। अब इसे बाकि छाछ में मिलाकर स्वादानुसार नमक और हल्दी डाल कर गैस पर चढ़ा कर, गैस की तेज आंच कर देते हैं। इसे लगातार कलछी से चलाते रहना है ताकि छाछ फटे न। उबाल आने पर गैस स्लो कर देनी है। जब उबाल आने बंद हो जाएं और कढ़ी कढ़ने लगे तब उसमें कटी पालक डालनी है। अब तड़का पैन में तेल गर्म कर के उसमें मेथी दाना, जीरा, कैंची से कटी मोटी मोटी सूखी अखा लाल मिर्च का तड़का लगा कर इसे कढ़ी में डाल दो। दस मिनट बाद गैस बंद कर दो। हैल्दी कढ़ी खाने के लिए तैयार है।


अब फाइनल टच भी दे सकते हैं, तड़का पैन में देसी घी इतना गर्म करें कि जिसमें बिना धुआं छोड़े लाल मिर्च ंऔर हींग भुन जाए और थोड़ी सी कसूरी मेथी डाल कर इसे कढ़़ी में डाल दो।                    



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