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Tuesday 8 December 2020

बनते हुए देसी घी की बदबू या खुशबू!! 90 प्लस रसोई नीलम भागी Making Desi Ghee Heavenly Aroma Neelam Bhagi


 

कुछ घरों में देसी घी बनता है तो दूर दूर तक बदबू फैल जाती है। कारण ये फ्रिज में मलाई जमा करती हैं तापमान से कोई मतलब नहीं न बर्तन के साइज से न दिनों। जब बर्तन भर जायेगा तो उसे गैस पर मंदी आंच पर रख देती हैं। उस बदबूदार मलाई से चारों ओर र्दुगंध फैल जाती है। मलाई सूख जाती है तो घी निथार लिया जाता है। पर घी में ये गंध नहीं होती।

मैं भी जमा की हुई मलाई से देसी घी बनाती हूं जिससे बनते हुए बड़ी प्यारी महक उठती है। जैसी बचपन से घी बनाते हुए हमारे घर में उठा करती थी। गाय पालने के समय तो रोज मलाई वाला दहीं मथा जाता था। 


 मक्खन को  चूल्हे के पास रखते वह पिघल जाता। रोटी बनाने के बाद गर्म तवे पर मक्खन का बर्तन रख देते और आंच बंद कर देते। तवा ठंडा तो बर्तन भी ठंडा मक्खन की छाछ नीचे, उस पर पिघला घी और थोड़ी सफेद झाग इसमें से बड़ी तरकीब से बर्तन टेड़ा कर, दादी बड़े घी के बर्तन में घी निकाल लेतीं। मज़ाल है सफेदी का एक कण भी इस घी में चला जाये। ये घी रिहायशी होता है। कम पड़ने पर उसमें से लेते। जो बर्तन में रह जाता उसे उसी दिन दाल सब्जी में डाल दिया जाता। बहू बेटियों के बच्चा होने पर उसे खूब घी खिलाया जाता, पंजीरी, लड्डू, हरीरा बनता। तब डायरी से क्रीम आती। उसे बिना गर्म किए उसमें दहीं का जामुन लगाया जाता। ये जमी क्रीम सब्जी़ रोटी के साथ बहुत अच्छी लगती। इस जमीं क्रीम में कड़छी घुमाते मक्खन और छाछ अलग हो जाता। मक्खन को अच्छे से धोकर पानी को छाछ में मिला देते। मक्खन से घी और छाछ से कढ़ी बनती। इस मक्खन से घी बनाते हुए भी महक उठती है।

मैंने फ्रिज में एक बर्तन रखा है। उस साफ बर्तन में दो चम्मच दहीं को फैला देती हूं और मलाई डालती रहती हूं।


मेरा चार या पांच दिन में वह बर्तन भर जाता है तो उसे गर्मी के मौसम में कुछ घण्टे बाहर छोड़ देती हूं। वह दहीं की तरह जम जाता है। सर्दी में मलाई में थोडा गर्म दूध डाल कर उसे दहीं की तरह जमा देती हूँ| जमने पर उसमें कलछी घूमाती हूं थोड़ी देर बाद मक्खन आ जाता है।

जल्दी होती है तो हैण्ड ब्लैण्डर या मिक्सी से मथ लेती हूं। छाछ से कढ़ी बना लेती हूं। दो दिन मक्खन अगर इस्तेमाल होता है तो ठीक हैं। बचे का घी बना लेती हूं। पर कभी घी बनाते समय बद्बू नहीं आई। खानदान की 90 प्लस महिलाओं से जब मैंने पूछा कि कुछ लोग मलाई से घी बनाते हैं तो बदबू क्यों आती है? सभी का एक ही जवाब था कि वे मलाई को जामुन लगा कर दहीं की तरह जमाए। उसमें से निकले मक्खन से घी बनाये ंतो बनाते समय खुशबू आयेगी।    

        


2 comments:

Unknown said...

उत्तम । वर्धापनम् ।
कृपया हरीरा की 90 plus वाली रेसिपी भी जरुर बतायें ।

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Best blog for desi ghee Readers.