मैंने कहा,’’मैं तो किसी को नहीं जानती।’’वो बहुत गम्भीर था सुनकर चुपचाप चला गया। मेरी जुबान पर आते आते रूक गया कि सलोनी ने अपने आप को नहीं देखा!! फिर सोचने लगी कि जैसे ये बात मेरे दिमाग में आई है, वैसे लवली के दिमाग में भी तो आई होगी। पर लगता है नहीं आई होगी क्योंकि यह इसका पहला पहला प्यार है और ये प्रेमी है, ये दिल की बात मानेगा और दिल इसका सलोनी पर आ गया है। अब मैंने कुछ दिन बाद लवली देखा तो उसका पेट अंदर था। मुझे देखते ही वो मेरे पास आया और पूछा,’’दीदी मेरा पेट नहीं दिख रहा है न! मैंने कहा,’’हां।’’सुन कर वह खुशी से अपनी दुकान पर चला गया। मुझे घर जाते समय ममता ने देख लिया, वह हाथ पकड़ कर मुझे पार्लर ले गई। सलोनी का समोसे खरीदने जाने का समय हो गया था। उसने संवरे हुए बालों में फिर से कंघी की। कई बार शीशा देखा और लाठी उठा कर चल दी। आज मुझे उसका चेहरा बहुत अलग सा लगा। मैंने ममता से पूछा,’’सलोनी का चेहरा कुछ अलग सा नहीं लग रहा है!! ममता ने जवाब दिया,’’पार्लर में जो सफाई करती है वो भी यहां आने के बाद बदलने लगती है। अब ये तुम्हारी अक्ल पर है। तुम किसको एडमायर करती हो? किसके जैसा दिखना चाहती हो? इसने अब आई ब्रो बनवानी बंद कर दी है। पर पूरे फेस की थ्रैडिंग करवाती है। कुछ लड़कियां यहां आती हैं, वे सिम्पल फैशन से दूर दिखना चाहती हैं। वे आइब्रो की शेप नहीं तराशने देतीं। दो चार बाल जो बहुत खराब हों, उन्हें निकलवा कर, पूरे फेस की थ्रैडिंग करवाती हैं। ये भी वैसे ही करने लगी है। इसे देख कर लवली सोचता होगा कि पार्लर में रह कर भी कितनी सिम्पल है अगर सजेगी तो!!’’वो बोलती जा रही थी, मेरी आंखों के सामने सरकारी स्कूल की यूनीर्फाम में स्कूल से आते ही चाचा के साथ, काम में हाथ बटाता लवली आ रहा था। जिसकी घर और दुकान से बाहर कोई दुनिया ही नहीं थी। अब उसके सामने उसके स्कूटर की सीट पर विराजमान सलोनी, उसके दिल में स्थापित हो गई थी। ममता बोली,’’पेट कम होने से लवली और जचने लगा है।’’ ये सर्जरी तो बहुत मंहगी होती है। पार्लर में लेडीज़ मुझसे पूछेंगी,’’हम क्या करें कि हमारा पेट कम हो जाए, अब आपका तो पेट ही नहीं है।’मैं उन्हें कहती हूं कि मैं कुछ नहीं करती। दिनभर यहां पर काम फिर घर पर काम, अपने लिए अलग कुछ करने के लिए मेरे पास टाइम ही नहीं है। हां आपको तुरंत कम करना है तो एक डॉक्टर का नम्बर है मेरे पास।’’ इसने सुन लिया था बस सलोनी ने मुझसे लिया था। कोई डॉक्टर दे गया था जब मेरा साउथ दिल्ली में पार्लर था तब।’’सलोनी ने देखा कितनी सुन्दर सुन्दर ड्रैसेज ली हैं!!मैं बोली,’’हां, वो तो मैं देख ही रही हूं।’’ममता कहने लगी कि मोहनी मिली थी, वो भी बहुत खुश है। कहने लगी कि जब से सलोनी आपके पार्लर आने लगी है, इसका स्वभाव बदल गया है। उसकी भी शादी हो गई है। अब देखो इसके लिए भी कितनी अच्छी उम्मीद भरी बात हुई है। आज बता रही थी कि कल उसकी मासी का लड़का आया था। उसने सलोनी के पापा से कहा कि एक डॉक्टर है जो पोलियो से खराब टांग को ठीक कर देता है। सलोनी की टांग ठीक करवा कर फिर इसकी शादी कर देंगे। मेरे दोस्त को सलोनी पसंद है। वो कह रहा है कि मैं शादी के बाद इसकी टांग ठीेक करवा लूंगा। भाई ने साफ मना कर दिया कि हम इसकी टांग ठीक करवा कर ही, शादी करेंगे। हमारा सगा भाई तो है नहीं। इसी को हम राखी टीका करते हैं। उसकी बात उसके पापा बहुत मानते हैं। क्रमशः
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