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Thursday 29 October 2020

करके देख लो, मुझसे शादी करोगीे!! नीलम भागी भाग 17 Ker Ke Dekh Lo, Mujhe Se Shadi Karogi Part 17 Neelam Bhagi



कुछ दिन बाद आंटी दुकान पर आईं। उसी समय ममता भी आ गई। मैंने सलोनी के बारे में पूछा, आंटी ने जवाब दिया कि अच्छी लड़की है। जो कहो करती हैं, जवाब नहीं देती फिर ममता से बोलीं कि सलोनी ने कहा है कि अब वह पार्लर नहीं आयेगी। आंटी के जाते ही ममता ने खुश होते हुए कहा कि हमारा पार्लर लकी है। यहां आने पर सलोनी की मन पसंद शादी हुई और पिता की हैसियत न होने के कारण जो वह अपने लंगड़ेपन को दूर करने के लिए इलाज के सपने देखती थी। वो सब उसने पूरे करके शादी की है। हम खुश थे कि चाचा परिवार ने भी उसको, उसकी कमी के साथ स्वीकारा है। चाचा परिवार तेल के व्यापार से खुश नहीं था। लोगों को तो शुद्ध तेल मिल रहा था पर इन्हें मुनाफा नहीं हो रहा था और व्यापार तो मुनाफे के लिए किया जाता है। क्योंकि सरसों मंहगी थी। इस मशीन से 12 प्रतिशत तेल तो खली में चला जाता है। कमर्शियल बिजली से मशीन चलती है। एक लड़का शामू मशीन पर रक्खा। गांव में कोल्हू से जो  बैल तेल निकालते हैं उसे कच्ची घानी का तेल कहते हैं। उसकी खली में 14 प्रतिशत तेल चला जाता है। पर वे खली को खाद में और पशुओं को खिलाने में इस्तेमाल करते हैं जिससेे दूध में फैट की मात्रा बढ़ जाती है। सरसों भी आस पास से मिल जाती है। यहां तो मंहगी सरसों और ढुलाई। बड़ी मिल के लिये पैसा और जगह दोनों चाहिए, उससे लाभ होता है। उसमें खली में एक आध प्रतिशत तेल जाता है। अपनी नौकरी बचाने के लिए और हमदर्दी से शामू ने बताया कि पहले जहां वो काम करता था। वे दुकान के आगे, एक बड़ी तिरपाल पर सरसों सूखाने के लिए फैलाए रखते हैं। थोड़ी देर मशीन चलाते हैं फिर जिस ड्रम में मशीन से कच्ची घानी का तेल गिरता है उसमें बड़ी मिल के तेल के कनस्तर पलट देते। अब इनके ड्रम से भी तेल तो कच्ची घानी के तेल के रेट से बिकने लगा। ये तरकीब भी शुरु हो गई पर जो गल्ले में पैसा आता, लवली जाते समय अपनी जेब में रख कर चल देता। अब जब लवली उठायेगा तो सोनू क्यों नहीं उठायेगा भला। चाचा जितनी देर बैठते, वे भी जाते समय गल्ला साफ कर जाते क्योंकि उन्हें तो समय पर शामू का वेतन, मिल का तेल, सरसों, घर और दुकान के खर्चे चुकाने थे। इसलिये वे ज्यादा से ज्यादा समय दुकान पर बैठते। सोनू दांव लगा कर बैठता कि जितना लवली ने अब तक खर्च किया है, सब यहीं से वसूलूंगा। यह सब देख कर भी चाचा चुप्पी लगा जाते। वे चाहते थे कि सोनू उनका साथ दे तो दोनों मिल कर लवली को ठीक कर दें। फिर समय से सब कुछ पटरी पर आ जायेगा। पर सोनू जरा भी बड़प्पन नहीं दिखा रहा था। लवली की बेवकूफी के कारण, सोनू से बेइज्जती के डर से शायद चाचा उसे कह नहीं पा रहे थे। न चाहते हुए भी चाचा कच्ची घानी के नाम पर मिल का तेल बेच रहे थे। बेहद थकने पर ही दुकान छोड़ते थे। एक दिन मैंने कह ही दिया कि चाचा थोड़ा आराम ही कर आया करो। सुन कर चाचा उस समय चुप ही रहे पर घर जाते समय मुझसे बोले,’’बिना किसी तजुर्बे के ये तेल का बिजनेस करके देख लिया।’’यानि लवली ने करके देख लिया| क्रमशः         

 


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