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Tuesday, 27 October 2020

बहारो फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है, मुझसे शादी करोगी!! नीलम भागी भाग 16 Mujhe se Shadi Karogi Neelam Bhagi Part 16



दूसरे के नोट नाच नाच लुटाते हुए, हमारे तीनों कारीगर आज अपने आपको किसी शहंशाह से कम नहीं समझ रहे थे। बैण्डवाला दो ही गाने बार बार बजा रहा था ’आज मेरे यार की शादी है और ले जायेंगे, ले जायेंगे, दिलवाले दुल्हनियां ले जायेंगे।’ बरात आते ही शायद ही कोई लड़की का रिश्तेदार पण्डाल में बैठा रह गया हो। सभी बरात के स्वागत में बाहर खड़े, हैरानी से दूल्हे और बरातियों को देख रहे थे। सलोनी की दोनों बड़ी बहनों के चेहरे पर मैंने खुशी की जगह विस्मय देखा। बैण्ड मास्टर बजाता जा रहा था और  तीनों शहंशाह नाचते जा रहे थे। जैसे ही नोटबंदी हुई, साथ ही बैण्ड बंदी हो गई। सेहरे लगा लवली घोड़ी से उतरा, सलोनी के रिश्तेदारों की सैंकड़ो आंखें उस पर टिक गईं। दूल्हा बना लवली बहुत ही जच रहा था। वैडिंग चेयर पर बैठे उसे काफी देर हो गई। सलोनी जयमाला के लिए बड़ी देर में बाहर आई। गाना बजने लगा, ’’बहारो फूल बरसाओ, मेरा महबूब आया हैए मेरा महबूब आया है’’ सलोनी ने चेहरे पर इस समय ऐसा भाव बना रखा था, मानों वह बिल्कुल खुश नहीं है, जयमाला डाल क रवह किसी पर अहसान करने जा रही है। डण्डी के बिना चल सकती थी पर चाल में कमी तो थी ही। जैसे जैसे उसके कदम स्टेज़ की ओर बढ़ रहे थे। बाराती हैरान होते जा रहे थे। ब्राइडल मेकअप करने में पारंगत ममता के हाथ  से सजी सुन्दरी सलोनी को आज रुप क्यों नहीं चढ़ा। मैं उसे घूरते हुए सोच रही थी कि जब से यह लवली के संर्पक में आई है ,इसके चेहरे से हमेशा खुशी टपकती थी। इन दिनों तो इसके चेहरे पर ग्लो रहता था। दुल्हन बनने पर तो साधारण नैन नक्श की लड़की भी लावण्यमयी लगती है। और सलोनी!! इतने में ममता आकर मेरे कान में फुसफुसाते हुए, कहने लगी कि आज पहली बार अपने हाथ से तैयार की ब्राइड से वह संतुष्ट नहीं है। और पूछने लगी,’’आज आपको सलोनी कैसी लग रही है?’’जवाब में मैंने कहा,’’तुम्हारे किए मेकअप का जवाब नहीं।’’विवाह संस्कार होने लगे, सालियां जो नेग मांगती लवली तुरंत देता। जूती छिपाई पर तो लड़कियों को मुंहमांगी रकम मिली। चाचा की बेटियां अपने ससुराल वालों की आव भगत में लगी हुईं थीं। पम्मी अपने मायके वालों की सेवा में थी वे तो वैसे ही सलोनी और उसका मायका देख कर बहुत ही खुश थे। चाचा और आंटी जो जैसा कह रहा था, करते जा रहे थे। सप्तपदी के बाद मैंने बधाई दी। जवाब में चाचा बोले,’’आज बच्चों की जिम्मेवारी से फाारिग हो गया। ये खुश रहें।’’तारों की छांव में, बाबुल की दुआएं लेकर, सलोनी ने चाचा के सुखी संसार में प्रवेश किया। सुबह चाचा दुकान खोल कर बैठ गए। मैंने कहा,’’चाचा रात भर जागे हो, आज आराम कर लेते।’’ जवाब में वे हंसते हुए बाले,’’सोनू आते ही सो गया है। घर में औरतों के ही सगुन रिवाज चल रहें हैं। सोनू आ जायेगा तो मैं जाकर सो जाउंगा।’’क्रमशः  


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