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Sunday 27 December 2020

हरे प्याज़ की कढ़ी, 90 प्लस रसोई नीलम भागी Healthy Spring Onion kadhi Neelam Bhagi


छोटे छोटे हरे प्याज़ के पत्ते (Chives) अच्छी तरह धोकर बारीक काट लेते हैं।


दहीं या खट्टी छाछ(फ्रिज में रखी दो दिन पुरानी, बाहर एक दिन पुरानी) में से थोड़ी सी छाछ लेकर उसमें बेसन डाल कर अच्छी तरह फेंट लेते हैं ताकि बेसन की कोई गांठ न बने। अगर दहीं से बनाते हैं तो बेसन का आठ गुना पानी डलता है। वैसे पतली या गाढ़ी अपनी पसंद अनुसार रख सकते हैं। अब इसे बाकि छाछ में मिलाकर स्वादानुसार नमक और हल्दी डाल कर गैस पर चढ़ा कर, गैस की तेज आंच कर देते हैं। इसे लगातार कलछी से चलाते रहना है ताकि छाछ फटे नहीं, न ही तले में लगे। उबाल आने पर गैस स्लो कर देनी है। जब उबाल आने बंद हो जाएं और कढ़ी कढ़ने लगे तब उसमें पंद्रह मिनट के बाद हरे प्याज के कटे पत्ते डालने हैं। अब तड़का पैन में तेल गर्म कर के उसमें मेथी दाना, जीरा, कैंची से कटी मोटी मोटी सूखी अखा लाल मिर्च का तड़का लगा कर इसे कढ़ी में डाल दो। पांच मिनट के बाद गैस बंद कर दो। हैल्दी कढ़ी खाने के लिए तैयार है।


अब फाइनल टच भी दे सकते हैं, तड़का पैन में देसी घी इतना गर्म करें कि जिसमें बिना धुआं छोड़े लाल मिर्च ंऔर हींग भुन जाए और थोड़ी सी कसूरी मेथी डाल कर इसे कढ़़ी में डाल दो।             motapa ke Chinta Nahin Hai To Hari pyaj Mein Beshan hari mirch mila ke pakode banaa ker Dal sakte hain .      


Saturday 26 December 2020

गुड़़ की चाय, सर्दी दूर भगाए!! 90 + रसोई नीलम भाग Jaggery Masala Tea Neelam Bhagi

 



मेरी 94 साल की अम्मा सर्दियों में गुड़ की चाय बहुत पसंद करतीं हैं। उन्हें यह आदत हमारी नानी दादी से मिली है। उनके समय में सर्दी शुरु होते ही सुबह शाम एक पीतल का लोटा


चूल्हे से बाहर अंगारे निकाल कर उस पर रखा रहता था जिसमें गुड़, कुटा हुआ अदरक और चाय की पत्ती का पानी तीखा गर्म रहता था। जो भी घर में आता या घर से जाता, उसमें से आधा गिलास गुड़ की चाय का भरा जाता और भड़ोली(मिट्टी की हण्डिया जो अंगीठीनुमा चूल्हे पर रहती है। गाय भैंस पालने वाले घरों में इसमें मंदी आंच पर दूध कढ़ता रहता है।) से दूध मिलाया जाता था। लो जी इंस्टैंट गुड़ की चाय तैयार। पियो


अगर किसी ने कह दिया कि उस पर सर्दी का असर हो गया है या ठंड खा ली है। उसे रजाई में बिठा कर तुरंत गिलास भर कर ज्यादा अदरक, ज्यादा मीठी गुड़ की चाय पीने को दी जाती। गर्मागर्म चाय पीते ही रजाई ओढ़ कर सोने को कहा जाता है। पता नहीं सर्दी रजाई में से निकल कर कहां भाग जाती थी!! 

कुछ लोगों को गुड़ की चाय बहुत पसंद है पर जब वे बनातें हैं तो चाय में दूध फट जाता है। ये देख कर उनका दिमाग भी फटने लगता है। लेकिन हम जैसे बनाते हैं उससे दूध नहीं फटता क्योंकि हमने नानी दादी का चूल्हेवाला तरीका जो अपनाया है।

एक पतीले में गुड़, कुटा अदरक पानी में डाल कर खौलाते हैं। जैसे ही ये खौलता है इसमें चाय की पत्ती डाल देते हैं और एक तरफ दूध उबालते हैं। पत्ती अच्छी तरह उबलने पर गैस बंद करके इसे कपों में छान लेते हैं अब इन चाय के कपों में उबलता हुआ दूध डाल कर पियो और पिलाओ। और मैं अपने को गुड़ की चाय बनाने की विशेषज्ञ समझने लगी। हुआ यूं कि ...

सर्दी में मैं श्वेता अंकुर के घर गई। श्वेता ने मुझसे पूछा कि ठंड में आई हो, चाय गुड़ की बना दूं। गुड़ की चाय सुनकर मैं खुश होते हुए बोली,’’हां गुड़ ज्यादा डालना।’’वो बढ़िया अदरक वाली चाय लाई साथ में जैगरी पाउडर।



अपनी इच्छानुसार तबियत से मैंने उसमें चम्मच से जैगरी पाउडर मिलाया और गुड़ की चाय का आनन्द लिया। मैंने इस तरह से गुड़ की चाय बनाने के तरीके की तारीफ़ की तो उसने बताया कि सर्दी में वह मेहमानों के लिए भी फीकी चाय बनाती है। साथ में चीनी और जैगरी पाउडर दोनों रखती हैं। ज्यादातर लोग चीनी की जगह जैगरी पाउडर लेना पसंद करते हैं। गुड़ की चाय पीने के बाद सब उससे इस मसाला चाय बनाने की रैस्पी पूछते हैं। उसकी मम्मी सुधाजी बहुत ही लाजवाब कुक है। उन्होने श्वेता को जैसा सिखाया वह वैसे ही गुड़ की मसाला चाय बनाती है।       

इसके लिये वह जरुरत के अनुसार काली मिर्च, लौंग, हरी इलायची, अदरक और तुलसी के पत्ते कूट लेती है। वर्किंग है इसलिये सुबह वह मसाला तैयार कर फ्रिज में रख लेती है।



जब भी चाय बनाती है, उसमें से मसाला, चाय के पानी में डाल देती है। जब ये मसाला पेस्ट अच्छी तरह उबल जाता है तब चाय की पत्ती डाल देती है। पत्ती अच्छी तरह उबलने

पर उसमें दूध मिलाकर उबालती है। उबलने पर गैस बंद कर कपों में छान कर देती है सब स्वादानुसार इसमें जैगरी पाउडर मिला लेते हैं और गुड़ की मसाला चाय का आनन्द उठाते हैं।

    


Friday 25 December 2020

आलू का पंजाबी टूटमां परांठा, 90 + रसोई नीलम भागी Punjabi Stuffed Delicious Aloo Parantha Neelam Bhagi


पंजाबी टूटमां परांठा हमारी 90 + महिलाएं इसे इसलिए कहतीं  है क्योंकि इसमें इतना अधिक मसाला भरा जाता है कि ये बेलना भी मुश्किल होता है। चकले से उठा कर तवे पर फैलाते समय बहुत ध्यान देना पड़ता है वरना टूट जाता है। सेकते समय ध्यान से पलटते हैं नही तो टूट जाता है। इसके कवर से कई जगह से मसाला भी बाहर आकर सिकता है और आलू की टिक्की का भी स्वाद देता है।

 इसे बनाने के लिए रोटी बनाने जैसा नमक अजवाइन मिलाकर आटा गूंधते हैं। उबले हुए आलुओं को कद्दूकस नहीं करना है।


हाथ से मैश करना है। आलुओं में बारीक कटी हरी मिर्च, हरा धनिया, अनारदाना पाउडर या चाट मसाला, नमक, मिर्च और धनिया पाउडर अच्छी तरह मिला कर भरावन तैयार करते हैं। अब आटे की लोई बना कर उसमें ज्यादा से ज्यादा आलू का मसाला भरते हैं और लोई का मुंह बंद करते हैं। धीरे धीरे बेलते हैं।



पंजाबी परांठा है कवर में से मसाला भी आने लगता है। जब परांठा फैल जाए तब चकला टेढ़ा कर तेल लगे तवे पर फैला दो। मीडियम आंच पर दोनो ओर तेल लगा कर सेको। हल्का सुनहरा होते ही गैस लो करके सेको। जब बिल्कुल सुनहरा क्रिस्पी हो जाये तब सीधा प्लेट में। जहां से भी मैश किया मसाला परांठे का कवर फटने से तवे पर सिकता है उसका स्वाद लाजवाब होता है। 

    


Thursday 24 December 2020

ऑनलाइन क्रिसमस पार्टी नीलम भागी Online Xmas Party Neelam Bhagi


प्रैप में पढ़ने वाले अदम्य की ऑनलाइन क्लास 10 बजे से 11 बजे तक चलती है। जिसे वह बड़े बेमन से अटैंड करता है क्योंकि उसे स्कूल जाना पसंद है। क्या करें! मजबूरी है कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं। टीचर बड़ी मेहनत से क्लास लेती है। स्कूल की शर्त है कि कोई बैग्राउण्ड में नहीं होना चाहिए, न शोर होना चाहिए। उसका क्लास लेना अदम्य देखता है और मैं सुनते हुए सोचती हूं। मेरे स्कूल के समय में मुझे एैसी टीचर क्यों नहीं मिली? तभी तो शाश्वत और अदम्य स्कूल को बहुत मिस करते हैं। शाश्वत बड़ा हैं इसलिये वह मन लगा कर ऑनलाइन क्लास में पढ़ता है।

अदम्य एक घंटे की क्लास में गुड मार्निंग टीचर करने के बाद,  मन मार कर बैठता है।

इसी समय उसे सू सू भी आता है। पानी भी पी लेता है।



कल टीचर ने कहा कि क्लास के बाद क्रिसमस पार्टी होगी। आज अदम्य की खुशी देखने लायक थी। उसने मेज पर क्रिसमस ट्री सजा कर लगाया। केक रखा। कैप लगाई। क्लास के बाद जिंग्ल.... कैरेल गाये एक दूसरे को मैरी क्रिसमस कहा। टीचर ने कहा,’’आपको सेंटा क्लॉज़ गिफ्ट देंगे।’’क्लास खत्म होते ही अदम्य ने क्रिसमस ट्री से हाथ जोड़ कर गिफ्ट के लिए प्रेयर की। श्वेता अंकूर ने दोनों के लिए गिफ्ट छिपा कर रखा है जो उन्हें क्रिसमस पर मिलेगा। शाश्वत इस साल गंभीर है। उससे कारण पूछा तो उसने बताया कि मैंने अपने दोस्तों से कह रखा है कि मेरा गिफ्ट तो सेंटा क्लॉज लाते हैं पर आज मुझे पता चल गया कि मेरा गिफ्ट मम्मी पापा लातेे हैं। श्वेता अंकुर ने शाश्वत को समझाया कि जो मम्मी पापा अपने बच्चों को गिफ्ट नहीं दे सकते उन्हें सांता देते हैं। अदम्य ऑनलाइन क्रिसमस पार्टी के बाद गिफ्ट के इंतजार में बहुत खुश है।    


Wednesday 23 December 2020

प्याज का पंजाबी परांठा, 90 प्लस रसोई नीलम भागी Stuffed Onion Punjabi Parantha Neelam Bhagi

हमारी 90 प्लस महिलाओं का ये कहना है ’वो पंजाबी परांठा क्या जिसका मसाला कवर में से झांके न!’मैं जब भी अंकुर के घर जाती हूं तो बच्चों की कहानियां सुनते सुनाते सोने में बहुत देर हो जाती है। मेरे उठने तक श्वेता बैंक चली गई होती है। जैसे ही उठती हूं, अंकुर बोलेगा,’’गुड़िया मां के लिए प्याज के परांठे सेक दे। पर मेरे अभी मत सेकना।’’गुड़िया सेकने लगती है और मैं रसोई में झांकने जाती हूं। आटे की लोइयों के साथ प्याज के मसाले की भी लोइयां बनी होती हैं। कुछ ही देर में मेरे लिए स्वादिष्ट फूले फूले परांठे दहीं चटनी आचार के साथ थाली में सज कर फोटो खींचने लायक ब्रेकफास्ट आ जाता है। 

  मैं खाते हुए गुड़िया से कहती हूं,’’ गुड़िया,  प्याज और हरा धनिया काट, साथ में थोड़ी बारीक हरी मिर्च और अदरक काट। अंकुर से पूछती हूं,’’तूं प्याज का परांठा कब खायेगा?’’ तुरंत जवाब,’’ अभी खा लेता हूं न, साथ में कुछ नहीं लूंगा। बस परांठे का जम कर स्वाद लूंगा। बाद में चाय लूंगा।’’ परांठा बनाने लगती हूं तो देखती हूं मोटा मोटा प्याज और मोटा मोटा धनिया कटा हुआ है।


हंसते हुए गुड़िया से कहती हूं,’’अरे! इतना  बड़ा  काटा है!! वो बड़े भोलेपन से जवाब देती है कि आपने छोटा छोटा काटने को नहीं बोला था। कोई बात नहीं पंजाबी परांठा है मोटा ही सही। गुड़िया सीखने की बहुत शौकीन है वो पास में खड़ी देखती है कि मैं कैसे बनाती हूं!!

आटे की लोई को थोड़ा फैला कर चकले पर रखा इस पर कटा हुआ हरा धनिया, अदरक, हरी मिर्च, प्याज रख कर अजवाइन, लाल मिर्च पाउडर और थोड़ा चाट मसाला और स्वादानुसार नमक डाल कर


तुरंत लोई को साइड से उठा कर तेजी से मसाले को कवर करते जाना है क्योंकि प्याज में नमक मिलते ही वह पानी छोड़ने लगता है। हथेली से धीरे धीरे सूखा आटा लगा कर कवर करके हलके हाथ से बेलन से बेलना है। चाहें तो हाथ से भी फैला सकते हैं। आटा हमने मुलायम लिया था इसलिए प्याज आटे में धंसा हुआ बाहर झांकता है।

अब तवे पर थोड़ा कूकिंग ऑयल लगा कर चकले को टेढ़ा करके तरकीब से इस टूटने वाले परांठे को तवे पर फैलाना है। मीडियम आंच पर इसे दोनों ओर ऑयल लगा कर सेकना है। जैसे ही सिकने लगे आंच कम कर दें। प्याज पानी छोड़ता जाता है इसलिये ये घी बहुत कम एर्ब्जाब करता है। जब गोल्डन कलर का हो जाए तब तवे से सीधा प्लेट पर उतार लिया।

क्रिस्पी परांठे पर मक्खन रख कर अंकुर को यह कहते हुए दिया कि इस पर मामूली घी लगाया था। प्याज और धनिया पत्ता में बहुत कम कैलोरी होती हैं। तूं स्वाद से मक्खन के साथ खा।’ वो परांठे की तस्वीर उत्कर्षिनी को भेजता है। उसका जवाब आता है, ’ये तो मां के हाथ का परांठा लग रहा है। अमेरिका में मां के हाथ के परांठे मिस करती हूं। उनका सारा प्यार परांठे के भरावन से और मक्खन से झांकता है।’                 


Tuesday 22 December 2020

फाइबर वाला मूली का चटपटा ब्रेड पकोड़ा नीलम भागी Mooli Bread Pakora Neelam Bhagi

खाना बनाने की शौकीन वर्किंग श्वेता सुबह साढ़े आठ बजे बैंक के लिए निकलती है और शाम को सात बजे के बाद ही घर पहुंचती है। डिनर परिवार साथ में करता है। जिसमें वह ध्यान रखती है कि दोनो बच्चे कौन सी दाल सब्ज़ी नहीं खाते हैं। संडे स्पैशल और कोई छुट्टी आने पर वह खुद कुकिंग करती है और बच्चों की नापसंद सब्ज़ी का इस्तेमाल करती है। मसलन बच्चे मूली नहीं खाते तो इस संडे स्पैशल में उसने उन्हें मूली का स्वाद दे दिया। बच्चे ब्रैड पकौड़े स्वाद से खाते हैं तो उसने मूली का इस्तेमाल किया। 

श्वेता ने मीठी चटनी सोंठ बनाई और हरी चटनी में हरे धनिये के साथ थोड़े से मूली के मुलायम पत्ते भी पीसे।


मूली को कद्दूकस करके उसमें नमक अजवाइन मिला कर रख दिया। उबले आलुओं को मैश किया। कड़ाही में कूकिंग ऑयल डाल कर गर्म होने पर उसमें जीरा भूना और कैंची से काट कर सूखी लाल मिर्च,   और सूखे दरदरे धनिया को डाल कर उस पर मैश किए आलू बिछा दिए। अलट पलट कर गैस बंद कर दी। 


अब मूली का पानी अच्छी तरह निचोड़ लिया और इस पानी का इस्तेमाल गाढ़ा बेसन घोलने में कर लिया क्योंकि पानी में मूली का असली स्वाद होता है। फिर लंबे पतले प्याज काटे और थोड़ा अदरक कद्दूकस किया या बारीक भी काट सकते हैं। हरी मिर्च थोड़ी मोटी काटी। अब पैन में तेल गर्म करके उसमें अजवाइन डाल कर प्याज भूना। प्याज ने जब रंग बदल दिया ंतब इसमें थोड़ा सा मैश आलू बाइडिंग के लिए, निचुड़ी हुई मूली डाल कर तेज आंच पर तेजी से चलाते हुए एक से दो मिनट के लिए भूना इतना कि ये गले नहीं और पानी भी न छोड़े अदरक और हरी मिर्च डाल कर 30 सेकण्ड बाद गैस बंद कर दी।

इसे ढका नहीं । अब आटा ब्रैड को तिकोना काट कर उसके एक हिस्से में चटनी फैला कर उस पर आलू का मसाला फैला लिया फिर दूसरी ब्रैड से ढक दिया और बेसन लपेट कर गर्म तेल में तल लिया।


परोसते समय पकौड़े का मुंह खोल कर उसमें मूली प्याज के लच्छे और चम्मच से चटनी डाल कर दिए।


और इसमें चाट मसाला मिला दिया। 
ये खाने में बहुत ही लज़ीज ब्रैड पकौड़े लगे। बच्चों ने भी यम्मी यम्मी करके खाये। बच्चों के लिए बनाते समय मसाले से लाल मिर्च और हरी मिर्च निकाल ली थी पर फ्लेवर तो उन्हें मिला ही। बच्चे चटकारे लेकर और साथ में भी चटनी लगा कर खा रहे थे। श्वेता को उन्हें खाते देख बहुत संतोष मिल रहा था कि बच्चे स्वाद से मूली खाने लगे हैं।      

 

Monday 21 December 2020

आटा गुड़ का लाजवाब हैल्दी हलवा! 90 प्लस रसोई नीलम भागी Healthy Delicious Jeggery Halwa Neelam Bhagi

खाने में फाइबर, रफेज और गुड़ के फायदे हम कुछ सालों से सुन रहें हैं। पर हमारी 90 प्लस महिलाओं को चोकर सहित आटा और गुड़ के गुणों का डिमोंसटेªशन demostration देना नहीं आता था पर इस्तेमाल करना ख़ूब आता था। तभी तो रसोई में एक डिब्बा रहता था जिसमें इस्तेमाल किया पलेथन(रोटी बेलते समय लोई पर लगाने वाला सूखा आटा) उसमें डाल दिया जाता था क्योंकि इसमें चोकर की मात्रा ज्यादा हो जाती थी।  जब ये आटा ज्यादा हो जाता तब इसे कड़ाही में डाल कर इसमें खूब घी डाल कर मंदी आंच पर भूना जाता। गहरा बादामी होने पर आटे का दुगना पानी और आटे के नाप के बराबर जैगरी पाउडर या आटे के ढाई गुना पानी में  आटे के बराबर गुड़ खौला लें और इसे आटे में मिला कर चलाते रहें ताकि गुठली न बने और काली मोटी इलायची के दाने पीस कर मिला लें। पहले हलवा किनारे छोड़ेगा जब घी छोड़ना शुरु करे तब आंच बंद करे। जो भी मेवा पसंद हो वो इसमें डाल दें। पौष्टिक हलवा तैयार है।



रोटी तो घर में बननी ही है और पलेथन का चोकर वाला आटा भी होता है। इसलिये ये पौष्टिक फाइबर वाला गुड़ का हलवा बनता ही रहता है। मैंने इसमें थोड़ा बदलाव किया है। जितनी देर में चाय बनती है उतनी देर में  हलुआ बन जाता है।

तुरंत हलवा 

मैं आटे को सूखा भून कर ठंडा करके कांच के जार में रख लेती हूं।


बच्चे जब डिमाण्ड करते हैं तुरंत सप्लाई हो जाती है। जैसे एक कटोरी भूना आटा लिया उसमें दो कटोरी पानी और एक कटोरी जैगरी पाउडर और आधी कटोरी या थोड़ा ज्यादा घी लेकर इसमें काली इलायची पाउडर और ड्राईफ्रूट डाल कर इस मिश्रण को गैस पर चढ़ा कर मीडियम फ्लेम पर चलाते जाएं।


पहले हलवा किनारे छोड़ेगा जब घी छोड़ना शुरु करे तब आंच बंद करे। माइक्रोवेव में इसे रख कर मीडियम हाई पर पहले 3 मिनट के बाद  चम्मच से मिक्स कर लें। फिर लगभग दो मिनट माइक्रोवेव फिर आन करें हलवा तैयार हैं।

इसी मिश्रण को इलैक्ट्रिक राइस कूकर में डाल कर भी हलवा बना सकते हैं। इसमें चलाना नहीं पड़ता। मात्रा के ऊपर हैं। थोड़ा सा हलवा तो दस बारह मिनट में बन जाता है।

जितना घी हलवे में डालना है उसमें पहले मेवा रंग बदलने तक तल कर निकाल लें। बाद में उसी घी में हलवा भून लें। हलवे को तले हुए ड्राइफ्रूट्स से सजाएं। इससे ज्यादा स्वाद और अच्छा लगेगा।(दादी के समय हलवे में सूजी या आटे के नाप का मीठा दुगना पड़ता था क्योंकि ये शारीरिक श्रम बहुत करतीं थीं, अम्मा के समय डेढ़ गुना, हम बराबर का मीठा डालते हैं)     

सादा आटा भी ले सकते हैं। 

Sunday 20 December 2020

चिड़वा मूंगफली, खट्टा गुड़ की मिठास वाला हैल्दी नमकीन! 90 प्लस रसोई नीलम भागी Poha Jaggery Powder Snack Neelam Bhagi

हमारी 90 प्लस महिलाएं एक खट्टा मीठा नमकीन कभी घर से खत्म नहीं होने देतीं थीं। ये पोहा और मूंगफली दोनों को तल कर बनातीं और मिठास के लिए इसमें चीनी की बजाय जैगरी पाउडर या मोटा मोटा गुड़ कूट कर डालतीं थीं।


बचपन में हम गली महौल्ले से खेलते हुए आते और कटोरा भर कर इस नमकीन को खाते और ये दिन भर शारीरिक श्रम करने वाली महिलाएं भी इसे खूब खातीं। अब फीजिकल वर्क तो बहुत कम रह गया है। बच्चे आस पास मिल कर खेलने की बजाय, हॉबी क्लासेस अटैंड करने जाते हैं। इसलिए मैंने भी इस नमकीन में बदलाव किया है। बड़ी ज्वाइंट फैमली होने के कारण मैं ग्रामों में तोल कर शायद ही कभी कुछ बनाती हूं। जैसे बनाते देखा था वैसे ही बनाती हूं। जब 93 साल की अम्मा को पसंद आ जाता है। तब मुझे अच्छा लगता है। फिर जैसा बनाती हूं वैसा ही लिख देती हूं। 

एक पतीले में थोड़ा सा तेल गर्म करके उसमें जीरा भून कर गैस बंद कर दो। अब इसमें थोड़ी सी हल्दी और सौंफ धनिया पाउडर डाल दो। एक कड़ाही में कूकिंग आयल डाल कर उसमें मूंगफली डाल कर गैस स्लो कर दो और बीच बीच में चलाते रहो। मूंगफली में अपना ऑयल होता है इसलिए ये तेल नहीं एबर्जाब करती। ऊपर तेल लगने से इस पर मसाले चिपक जाते हैं। मूंगफली भूनने पर फटने लगती है।


भूनने पर इसे तेल से निकाल कर जब छनने से तेल टपकना बंद हो जाए तब इसे जीरे वाले बर्तन में डाल कर उसे पर जैगरी पाउडर छिड़क दो। हर बार गर्म मूंगफली तेल से निकालने के बाद जैगरी पाउडर(कूटा हुआ गुड) छिड़कना है। मूंगफली और चिड़वे की मात्रा के अनुसार इतना डालें कि नमकीन में मिठास हो, मीठी नमकीन न हो। गर्म मूंगफली पर जैगरी का स्वाद बढ़िया हो जाता है। अब कुल चिवड़े का चौथाई या आधा भाग अगर चाहें तो थोड़ा थोड़ा छननी में लेकर, जिस तेल से मूंगफली निकाली है उसमें तल लें और अच्छी कुरकुरी होने पर एक दाना चबाएं अगर दांतों में नहीं चिपक रही है तो इसे भी तेल से निकाल कर जब तेल टपकना बंद हो जाए तो मूंगफली में मिला दें।


बाकि के चिवड़ा को सूखा कड़ाही में बिना तेल के हल्की आंच पर भून लें। जब कर कर की आवाज होने लगे तब पोहा को चबा कर देखें यदि दांत में नहीं चिपक रहा है तो भून गया है गैस बंद कर दें। और बीच बीच में चलाते रहें नही तो कड़ही से चिपका पोहा काला पड़ जायेगा। अगर माइक्रोवेव में भूनना है तो मीडियम हाई पर एक एक मिनट के लिए एक ही पोहे को रोक रोक कर तीन बार भूनना है यानि कुल तीन मिनट। चाहें तो पोहा बिना तले भून कर भी सारा डाल सकते हैं। थोड़े से करी पत्ते भी धोकर सूती कपड़े से सूखा कर पोहा भूनते समय भून सकते हैं। सब की भूनाई होने पर इसमें चाट मसाला, अमचूर सेंधा नमक और काला नमक डाल कर खूब अच्छी तरह मिक्स कर लो। तीखा पसंद है तो थोड़े से घी में लाल मिर्च पाउडर या काली मिर्च पाउडर मिला कर मिक्स कर दो। हैल्दी खट्टा मीठा नमकीन तैयार है। यह नमकीन मैं यात्रा में अपने साथ ले जाती हूं और मेरे साथ घर का स्वाद  होता है।