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Sunday, 30 November 2025

रीवा से परिचय करते हुए किले की ओर Introducing Rewa to the फ़ोर्ट नीलम भागी Neelam Bhagi

 


कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम में 17 वां अखिल भारतीय साहित्य परिषद का अधिवेशन स्थल था, यहां से लंच करके, हम गेस्ट हाउस में जाने के लिए बाहर आए. मेरे लगेज की चाबी खो गई थी, गाड़ी लंच के लिए लेने आई थी. मैं गाउन में थी  2:30 बज रहे थे, मैं वैसे ही खाने आ गई थी, यह सोच करके कि आकर चाबी ढूढ़ूंगी. आज का ही हमारे पास समय था. अब 4:00 बज रहे थे. कल से अधिवेशन शुरू हो जाना था.  एक ऑटो जा रहा था. मैंने उससे पूछा, " किला ले चलोगे? " उसने डेढ़ सौ रुपए मांगा, हम तुरंत बैठ गए. रेखा खत्री उत्तराखंड और ओड़िआ  दीदी प्रतिमा उड़ीसा, से हम तीनों  रीवा से परिचय करते हुए किले पर पहुंच गए. उतरते ही मैंने ऑटो वाले नितिन यादव से पूछा कि हम आज क्या-क्या देख सकते हैं. उसने कहा, " काली मंदिर, चाहुला नाथ हनुमान मंदिर और उसके बाद वह हमें ऑडिटोरियम पहुंचाएगा. इस डेढ़ सौ से अलग कुल 350₹  में, हम खुश हो गए. किले में जाते ही हम फोटो खींचने लगे और वीडियो बनाने लगे. अचानक ऊपर से आवाज आई यहां फोटोग्राफी माना है. मैंने मोबाइल पर्स में रख लिया. मैंने पूछा, " म्यूजियम कहां है?" क्योंकि मैं कहीं भी जाती हूं, अगर वहां म्यूजियम होता है तो मैं जरूर देखती हूं. उसने कहा ऊपर आ जाइए ₹50 टिकट है. हम चले गए और  टिकट लिया और गाइड हमारे साथ.     

13वीं शताब्दी में बघेल राजपूतों द्वारा बनाया गया, रीवा किला मध्य प्रदेश के रीवा शहर में स्थित एक ऐतिहासिक किला है, जो अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

*रीवा किले की विशेषताएं:*

रीवा किला राजपूत, मुगल और ब्रिटिश वास्तुकला शैलियों का मिश्रण है। इसमें सुंदर नक्काशी और शिल्पकला के नमूने देखे जा सकते हैं।

  यह कई ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी रहा है। किले में एक म्यूजियम है जिसकी टिकट ₹50 है

जिसमें प्राचीन हथियार, सिक्के और मूर्तियों का संग्रह है। गाइड सुविधा उपलब्ध है जो बहुत अच्छे से जानकारी देते हैं.

रीवा किला पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है, जो अपनी ऐतिहासिक विरासत और सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यहां तस्वीर लेना और वीडियो बनाना माना है. क्रमशः

https://www.instagram.com/reel/DRAQUCSEif1/?igsh=MWd5bGNrY3Y5NHZyNA==

https://www.instagram.com/reel/DRoIcBWEZWY/?igsh=eGdoMHR6bmVrcHBy









Friday, 28 November 2025

चिरहुला नाथ मंदिर रीवा का एक प्रसिद्ध मंदिरChirhula Nath Temple is a famous temple of Rewa.नीलम भागी Neelam Bhagi

 


चिरहुला नाथ मंदिर रीवा का एक प्रसिद्ध मंदिर चिराहुला तालाब के किनारे पर है। इस मंदिर में हनुमान जी विराजित हैं तथा मंदिर के पीछे भगवान शिव का एक विशाल मंदिर है जहां पर 12 ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई है। इस मंदिर में साल भर में लाखों भक्त आते हैं। हर सप्ताह मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की भीड़ बहुत ज्यादा होती है। चिरहुला नाथ स्वामी के दर्शन करने के लिए भक्त यहां दूर-दूर से आते हैं।स्थापना की गई है।

मान्यता है कि चिरहुला मंदिर में भगवान की अदालत लगती है, जहां भगवान बजरंगबली न्यायाधीश की भूमिका निभाते हैं।

चिरहुला मंदिर को जिला अदालत का दर्जा दिया गया है, जबकि रामसागर मंदिर के समीप स्थित हनुमान जी के मंदिर को हाईकोर्ट माना जाता है।

मान्यता है कि जिन भक्तों की पीड़ा जिला न्यायालय से दूर नहीं होती, वे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के नाम से विख्यात हनुमान जी के मंदिर में जाकर अपनी अर्जी लगाते हैं।

मंदिर में रामचरित मानस का पाठ और भंडारा आम बात है।मान्यता पूरी होने पर भक्तों द्वारा मानस पाठ और भंडारे का आयोजन किया जाता है।

https://www.instagram.com/reel/DRmTyXMkfZg/?igsh=MXFxd2drbTJmbzl1Ng==





Thursday, 27 November 2025

लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर पर लाजवाब नाट्य मंचन!! Amazing theatrical performance on Lok Mata Ahilyabai Holkar!! Neelam Bhagi Neelam Bhagi

 


अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चोंडी गांव में हुआ था। उनके पिता ने उनको पढ़ना और लिखना सिखाया।

1733 में उनका विवाह मल्हार राव होलकर के पुत्र खंडेराव होलकर से हुआ था। पति की मृत्यु 1754 में कुम्हेर की लड़ाई में हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अपने ससुर की सलाह पर प्रशासन और सैन्य मामलों में भाग लेना शुरू किया।

1767 में अपने पुत्र माले राव की मृत्यु के बाद, अहिल्याबाई ने पेशवा से मालवा के शासन की जिम्मेदारी लेने का अनुरोध किया। उन्होंने अपने शासनकाल में न्याय, प्रशासन और कला को बढ़ावा दिया।

अहिल्याबाई ने कई मंदिरों, घाटों और धर्मशालाओं का निर्माण करवाया, जिनमें काशी विश्वनाथ मंदिर, सोमनाथ मंदिर और द्वारिकापुरी में मंदिर शामिल हैं।

उन्होंने महेश्वर को अपनी राजधानी बनाया और वहां एक कपड़ा उद्योग स्थापित किया, जो महेश्वरी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।

उनके शासनकाल में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए, जैसे कि विधवाओं की संपत्ति के अधिकार की रक्षा करना।

अहिल्याबाई एक कुशल सैन्य नेता भी थीं और उन्होंने अपने शासनकाल में कई लड़ाइयों में भाग लिया।

अहिल्याबाई होलकर की विरासत आज भी जीवित है। उन्हें एक न्यायप्रिय और दूरदर्शी शासक के रूप में याद किया जाता है. उनका जीवन, शासन, उपलब्धियां और विरासत का मंचन गजब का किया गया.

https://www.instagram.com/reel/DRP2lf_EtBT/?igsh=MXQ5MHhzbWd0MnVoYQ==










Wednesday, 26 November 2025

‘नवोत्थान के नये क्षितिज’ पर केंद्रित होगा ‘प्रेरणा विमर्श 2025’ NIOS में पोस्टर का अनावरण नोएडा, उत्तर प्रदेश

प्रेरणा शोध संस्थान न्यास के तत्वाधान में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला राष्ट्रीय चिंतन–मंथन का प्रमुख मंच “प्रेरणा विमर्श” इस वर्ष अपने नए संस्करण “प्रेरणा विमर्श 2025” के साथ प्रस्तुत है। इसका पोस्टर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (NIOS) में सादगीपूर्ण, गरिमामय और उत्साहपूर्ण वातावरण में जारी किया गया। 2020 से निरंतर जारी है वैचारिक यात्रा: उल्लेखनीय है कि राष्ट्र निर्माण को समर्पित यह वैचारिक यात्रा वर्ष 2020 से निरंतर जारी है। 'विरासत' (2020), 'आजादी का अमृत महोत्सव' (2021), 'भविष्य का भारत' (2022), 'स्व-भारत का आत्मबोध' (2023) और 'पंच परिवर्तन' (2024) जैसे गंभीर विषयों पर सफल मंथन के बाद, इसी शृंखला में इस वर्ष का मुख्य विषय “नवोत्थान के नये क्षितिज” निर्धारित किया गया है। कार्यक्रम आगामी 13–14 दिसंबर 2025 को NIOS परिसर स्थित कल्याण सिंह सभागार, सेक्टर-62, नोएडा में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में राष्ट्र, समाज, संस्कृति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा जैसे विविध क्षेत्रों पर गहन व रचनात्मक विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार 12 दिसंबर 2025 को सायं 3 बजे आयोजित ‘नारी शक्ति राष्ट्र वंदन यज्ञ’ के साथ होगा। राष्ट्र कल्याण, सांस्कृतिक संरक्षण और जनजागरण की भावना से संपन्न यह यज्ञ कार्यक्रम को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करेगा। इसके साथ ही विमर्श से संबंधित भव्य प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया जाएगा। इसके पश्चात 13 व 14 दिसंबर को प्रतिदिन तीन–तीन सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें वैचारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, वैश्विक और सुरक्षा क्षेत्र में 'नवोत्थान' के विभिन्न आयामों पर देश के विशिष्ट वक्ता अपने सारगर्भित विचार साझा करेंगे। प्रेरणा विमर्श 2025 के अध्यक्ष श्रीमान् अनिल त्यागी, संयोजक श्री श्याम किशोर व सचिव श्रीमति मोनिका चौहान हैं। प्रेरणा विमर्श समाज में सकारात्मक परिवर्तन, नवाचार और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में एक सशक्त एवं प्रेरक मंच बनने की ओर अग्रसर है। आयोजन समिति ने समाज के सभी वर्गों से इस महत्वपूर्ण विमर्श में उत्साहपूर्ण सहभागिता की हार्दिक अपील की है।





Monday, 24 November 2025

गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस 350th Martyrdom Day of Guru Tegh Bahadur नीलम भागी Neelam Bhagi

 


गीता और दित्या की अमेरिका से फोटो आई है. हमेशा की तरह हमारे विशेष दिनों पर उन्हें उस दिन की कथा कहानी सुनाई जाती है. और उत्कर्षनी राजीव उन्हें माथा टिकाने ले जाते हैं.

गुरु तेग बहादुर जी का जन्म गुरु हरगोबिंद जी के घर हुआ था और वे उनके सबसे छोटे पुत्र थे. 1665 में वे सिखों के नौवें गुरु बने और अगले दस वर्षों तक समाज, धर्म और सत्य के मार्ग पर लोगों का मार्गदर्शन करते रहे. इस वर्ष गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस मनाया जा रहा है. साल 2025 में उत्तर प्रदेश और दिल्ली में इसकी सरकारी छुट्टी 25 नवंबर को रखी गई है. इस दिन देशभर में गुरुद्वारों में कीर्तन, अरदास और सेवाभाव के कार्य किए जाते हैं.

* धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से सम्पूर्ण मानवता को उपदेश दिया -

श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।

स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।।3.35।।

गीता के इस संदेश को प्राण- प्रण से आत्मसात करने वाले हिन्द की चादर श्री गुरु तेगबहादर जी ने आज ही दिन 24 नवम्बर, 1675 को शीश देना स्वीकार किया लेकिन धर्म पर अडिग रहे। आज उनके शहीदी दिवस पर कोटिशः नमन 🙏 

 श्री विनोद बब्बर (संपादक राष्ट्र किंकर, कार्यकारी अध्यक्ष  इंद्रप्रस्थ साहित्य भारती दिल्ली प्रांत)   की व्हाट्सएप वॉल से

Sunday, 23 November 2025

आयु में गर्व, जीवन में गरिमा Pride in age, dignity in life-💐👍

 


आयु में गर्व, जीवन में गरिमा- विषय के अंतर्गत ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र, सेक्टर 46, नोएडा द्वारा रविवार को सेक्टर 56 स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर सभागार में वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान में भव्य समारोह आयोजित किया गया। उद्देश्य था - समाज में वरिष्ठजनों के अनुभव, योगदान एवं प्रेरणा को नया सम्मान और मंच प्रदान करना।

समारोह में मुख्य अतिथि डीआरडीओ के प्रमुख वैज्ञानिक श्री रविन्द्र जैन ने अपने संबोधन में कहा कि “आयु केवल एक अंक है। जब तक कोई स्वस्थ और प्रेरित है, वह समाज के लिए प्रेरक शक्ति बन सकता है।” उन्होंने  वरिष्ठ नागरिकों (समाज के लगभग दस प्रतिशत) के सशक्त भूमिका निभाने की आवश्यकता पर बल दिया।

जनकपुरी, दिल्ली से पधारी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके सरला दीदी ने कहा कि सकारात्मक सोच, मुस्कान और श्रेष्ठ संस्कार जीवन को सुंदर बनाते हैं।राजयोगिनी बीके लीना दीदी ने वरिष्ठों को आत्मसम्मान बनाए रखने और युवाओं को दिशा देने का आह्वान किया। उन्होंने  यह भी कहा कि वृद्धावस्था निष्क्रियता की नहीं, बल्कि अनुभवी दिशा देने की अवस्था है।

समारोह में हल्के व्यायाम,  संवाद,  ध्यान योग एवं प्रेरक गीतों के माध्यम से जीवन की ऊर्जा को रेखांकित किया गया।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने यह संदेश ग्रहण किया—“बुढ़ापा नहीं, परिपक्वता है; आयु का बढ़ना कोई गिरावट नहीं, बल्कि इंसान के भीतर अधिक ज्ञान और संवेदनशीलता का निखार है।” वरिष्ठ नागरिकों ने नई ऊर्जा के साथ कहा—“हम उम्रदराज़ नहीं, अनुभवी हैं—और इस पर हमें गर्व है।”

ध्यान सत्र के उपरांत ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी वरिष्ठजनों का सम्मान किया और प्रसाद का वितरण किया। इस प्रेमपूर्ण माहौल ने उपस्थितजनों के मन को छू लिया।

ब्रह्माकुमारी सेंटर, सेक्टर 46, नोएडा

फोन: 7986519538

नोएडा, 23 नवम्बर (संवाददाता : पंकज माथुर मीडिया संयोजक ब्रह्माकुमारी नोएडा)









Thursday, 20 November 2025

अखिल भारतीय साहित्य परिषद के 17वें अधिवेशन रीवा म. प्र. में नीलम भागी



देश भर में साहित्य परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का विव रण प्रदर्शिनी के द्वारा यहां पर देखने को मिला. प्रांतो  में जो भी संगोष्टियां और पुस्तकों का लोकार्पण, उन पर चर्चा आदि की गई, उनके चित्र और समाचार पत्रों में उनसे संबंधित प्रकाशित समाचार की कटिंग, देखने पढ़ने को मिली. प्रदर्शनी के सामने  साहित्यकारों के चित्रों के कट आउट लगे हुए थे. अपने प्रिय साहित्यकारों की फोटो के कट आउट के साथ उनकी पुस्तकों के साथ, उनके प्रशंसकों ने तस्वीरें, सेल्फी ली. जो नहीं हैं उन्होंने कितना कुछ हमारे पढ़ने के लिए छोड़ा है. पढ़ने से सृजनात्मकता और कल्पना शक्ति बढ़ती है। पढ़ने का शौक एक अच्छी आदत है जो जीवन को समृद्ध बनाती है। नियमित पढ़ने से ज्ञान, मानसिक शांति और सृजनात्मकता में वृद्धि होती है। तभी तो कहते हैं पुस्तक खरीदना एक बहुत अच्छा शौक़ है. वहाँ बिक्री काउंटर पर हमेशा पुस्तक प्रेमियों की मैंने भीड़ ही देखी. पुस्तकों पर काफी डिस्काउंट था.

https://www.instagram.com/reel/DRFhlzcEpCR/?igsh=aTg3cWZtNTNydWpt






Saturday, 15 November 2025

अयोध्या जी की बामणी!! 😄Ayodhya ji's Brahmins!! नीलम भागी Neelam Bhagi

 


1000 से ज्यादा देशभर से साहित्यकार रीवा, अखिल भारतीय साहित्य परिषद के 17वें राष्ट्रीय अधिवेशन रीवा में पहुंचे हुए थे. और इतने लोगों की व्यवस्था वाले अन्य भी. विशाल पंडाल में खानपान की व्यवस्था थी. यहां सभी लाइन में लगने का नियम अपना रहे थे इसलिए सब कुछ व्यवस्थित था. कोई भी व्यंजन कम नहीं होता था. इतने में मुझे पीछे से आवाज आई, लाइन में लगी एक महिला दूसरी महिला जो अपनी खाली प्लेट में कुछ और लेने आई थी. तो वहां खड़ी महिला ने उसे ज्ञान बांटा, "देखिए आप जूठी प्लेट में, जूठे हाथों से खाने को छू रही हैं और ले रहीं हैं. आपके छूने से यह भोजन भी जूठा हो गया. मैंने खाना लेना छोड़ दिया और उनका संवाद सुनने के लिए लाइन से बाहर आकर  खड़ी हो गई. जूठी प्लेट वाली महिला ने बहुत ही अजीब नजरों से, ज्ञानवती महिला को देखा और मुस्कुराई, बोली कुछ नहीं. जवाब दो महिलाओं ने दिया. एक ने कहा," आप शायद पहली बार अधिवेशन में आई हो, ऐसे नियम कायदे कहीं नहीं चलते, आपकी रसोई आपकी होती है वहां जो मर्जी चलाइए." दूसरी बोली, " एक बार में थाली में सब भर लो खाया जाए, या न खाया जाए, फिर जो बचे उसे डस्टबिन में डाल दो. यानि खाना बर्बाद! अगर भूख और है तो  दोबारा लेना है, इस प्लेट को डस्टबिन में डालो. फिर.  दोबारा हाथ धोकर प्लेट लो फिर  लाइन में फिर से लगो 😄. उनके संवाद सुनकर मैं फिर अपनी लाइन में लग गई. मेरे पीछे वाली महिला बोली, "आई बड़ी, अयोध्या जी की बामणी." लाजवाब डायलॉग बोलने वाली को मैंने मुड़ कर देखा, वह मुझे हमेशा साहित्य परिषद के किसी न किसी प्रोग्राम में जरूर मिलती है. अपने साहित्यकार पति के साथ घूमने के लिए आती है. कई बार मेरे साथ रूम भी शेयर किया है.  सत्र के समय वह कमरे में रेस्ट करती है क्योंकि उससे उसका कुछ लेना देना नहीं . उसका मज़ेदार जवाब सुनकर मैं हंस दी. वह मुझे समझाने लगी, " दीदी पंगत में बिठाकर खिलाना आसान नहीं है. खिलाने वालों की झुके झुके कमर दुखने लगती है. ऐसे खाना लेने से खाना बर्बाद नहीं होता है. सब उतना ही लेते हैं, जितना खाया जाए और जरूरत हो  तो और ले लो. "

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Thursday, 13 November 2025

एक ये ऑटो वाले और एक वो ऑटो वालाOne is this auto driver and the other is that auto driver Neelam Bhagi

 


सफेद टाइगर सफारी देखकर  कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम रीवा, जहां अखिल भारतीय साहित्य परिषद का 17वां अखिल भारतीय अधिवेशन 2025 हो रहा था, पहुंची. ऑटो वाले दीपक कुशवाहा को भाड़ा चुकाया. अभी मुश्किल से मैं दो कदम भी नहीं चली थी, उसने आवाज लगाई. मैंने मुड़कर देखा, उसके हाथ में मेरा सिप्पर कॉफ़ी मग और स्टील की पानी की बोतल थी. दोनों चीजें लेकर धन्यवाद दिया. मेरी कोशिश होती है कि मैं डिस्पोजेबल कम ही इस्तेमाल करूं. इसलिए मग  बोतल मेरे पास रहती है. समय कम था सत्र में भी समय से पहुंचना था इसलिए मैंने मग में चाय ली और पानी लिया आने जाने का ऑटो करके मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी के लिए चली गई. दीपक को ही मग,  बोतल पकड़ा कर अंदर चली गई. लौटने पर मुझे याद ही नहीं था पर उसने मुझे याद करके दिया! इसी तरह पहले दिन नितिन यादव ऑटो वाले ने भी, हम तीनों को रीवा में घुमाया कोई फालतू पैसा नहीं लिया. हमने उनका फोन नंबर भी लिया था ताकि आगे जाना हो तो उन्हें बुलायें. सफारी जाने से पहले भी उनको फोन किया उन्होंने फोन नहीं उठाया, याद आया कि उन्होंने कुछ साहित्यकारों को चित्रकूट ले जाना था. दीपक कुशवाहा भी ऐसे ही मिले. किसी से कोई पहचान नहीं. मेरा नोएडा में एक्सीडेंट हुआ तब भी कोई भला ऑटो वाला मुझे अस्पताल में छोड़ आया. दीपक भी तो कोई सवारी लेकर, मेरी बोतल और मग के साथ लौट  सकता था पर उसने हमारा इंतजार किया. यात्राएं करती हूं अच्छे लोग ही मुझे मिले हैं.

  और मुझे वह ऑटो वाला याद आता है. मैं छोटी सी गीता को उसकी पहली रेल यात्रा करवाती हुई नोएडा आई. निजामुद्दीन स्टेशन पर ऑटो वाले हमेशा की तरह घेरा डाल लेते हैं और ऊंट पटांग पैसे मांगते हैं. मैं थोड़ा रुक जाती हूं तो फिर कोई ठीक सा दाम वाला ऑटो मिल जाता था और चल देती हूँ. इस बार मेरे साथ गीता थी. अपना सामान मेरे पास न के बराबर होता है क्योंकि मुंबई में भी मेरे कपड़े रखे रहते थे. नोएडा तो मेरा घर ही है. छोटा सा मेरा पसंदीदा ट्रॉली बैग जिसमें गीता के कपड़े और पॉटी सीट थी. एक ऑटो वाले से बात बनी, वह  हमें लेकर  स्टेशन के पीछे की तरफ  एक ऑटो खड़ा था  उसने बैग लेकर सीट के पीछे रख दिया बोला,"बच्चे के साथ आराम से बैठो." घर पर गीता के इंतजार में सब गेट पर ही खड़े थे. गीता को सब अंदर ले गए. ऑटो वाले ने ऑटो स्टार्ट ही रखा. मैंने पैसे दिए उतरी, ऑटो ये जा वो जा. एकदम मुझे याद आया कि समान तो उसमें ही रह गया. फटाफट गाड़ी लेकर पीछा किया. मेन गेट के सामने तीन रास्ते जाते हैं, पता नहीं वह किधर निकल गया. 8 नवंबर रात 8:00 बजे गाड़ी में ही नोटबंदी की खबर सुनी थी. बच्चे के साथ पैसे खर्च हो गए थे. मैं दूसरा ऑटो लेकर फिर स्टेशन पर गई, जहां वह ऑटो हमें खड़ा मिला था. सामने दुकानदार से पूछा तो उसने कहा कि यहां दो तीन ही लोगों का ऑटो खड़ा रहता है. वह सवारी लाते हैं और यहां से बिठाकर ले जाते हैं. क्या पता उसे आगे सवारी मिल गई हो? और वह निकल गया हो. आप किस में बैठकर गई हैं हमें नहीं पता जो भी आएगा उस सामान का पूछेंगे, तो हम सामान लेकर रख लेंगे. मैं कब तक बैठी रहती. गीता को घर छोड़ कर आई थी और वह पहली बार उत्कर्षनी राजीव जी के बिना आई थी. मेरे साथ हिली हुई थी. घर लौटी. अब जो पैसे थे, वह चल नहीं रहे थे. मुंबई के मुकाबले यहां ठंडा मौसम, गीता के पास कपड़े भी नहीं. सबसे मुसीबत पॉटी सीट, पॉटी सीट के बिना गीता पॉटी न करें.अंकुर श्वेता के ट्रैवल बैग में पुम्मू के लिए रखी थी, वह दे गए. और उसी के ही कपड़े आए. अगले दिन गीता को लेकर फिर स्टेशन गई. उनकी यूनियन का लीडर भी आ गया. दुकानदार ने जो नाम बताया था लीडर उस नाम के उन सब को बुलाकर लाया पर वही ऑटो वाला नहीं था. मैं कोई बाहर की सवारी नहीं थी. उसे मेरा घर पता था, ईमानदारी होती तो देकर जाता न.

https://www.instagram.com/reel/DRAQUCSEif1/?igsh=MWd5bGNrY3Y5NHZyNA==

https://neelambhagi.blogspot.com/2024/08/blog-post_24.html

Wednesday, 12 November 2025

लड़कियां क्या नहीं कर सकती!! बिना चाबी के ताला भी खोल सकती हैं 😃 नीलम भागी What can't girls do!! They can even open a lock without a key 😃 Neelam Bhagi

 


रीवा स्टेशन पर पहुंचते ही हमें पिकअप करने के लिए गाड़ियां थी. महिलाओं को यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में गाड़ी ले गई. ग्राउंड फ्लोर पर एक हाल में हमें बिठाया. बेड, कारपेट, सोफा, कुर्सी आदि सब था. ऊपर सफाई चल रही थी. तो हम लोग ऊपर ही जाकर, दो-चार महिलाएं स्नान, फ्रेश आदि होकर आ गई. बाकियों ने सफाई होने का इंतजार किया. मैं गाउन पहन कर आ गई कि रूम की व्यवस्था होते ही चेंज करूंगी. कैंटीन में चाय पी रहे थे, इतने में बुलावा आ गया की लंच के लिए चलिए कैब आ गई है. पोशाक बदलने के लिए मैं चाबी ढूंढने लगी, लगेज की चाबी नहीं मिल रही थी. ढाई बज रहे थे. वैसे ही गाड़ी में बैठ गई. लंच किया उत्तराखंड की रेखा खत्री और उड़ीसा से प्रतिमा दीदी जो हिंदी बहुत कम समझती थीं और ऊंचा सुनती थी. मेरे साथ थीं. 4:00 बज गए थे. कल से अधिवेशन शुरू था. हमने घूमने का प्रोग्राम बना लिया. कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम से बाहर आते ही ऑटो मिल गया. उससे जितना रात तक देख सकते थे, तय कर लिया और गाउन में ही घूम लिया. लौट कर चाबी ढूंढी पर नहीं मिली. मनोज जी राष्ट्रीय संगठन मंत्री, पवन पुत्र बादल जी राष्ट्रीय महामंत्री व्यवस्थापकों के साथ रात को व्यवस्था देखने आए. रात भर व्यवस्था देखने वाली लड़कियां दूर-दूर से आने वाली कार्यकर्ताओं को व्यवस्थित करती रहीं. सुबह दिनेश प्रताप सिंह जी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष साथियों के साथ व्यवस्था के बारे में पूछने आए. तब मैंने उन्हें लगेज की चाबी खोने का बताया. उन्होंने कहा,"आपकी समस्या अभी दूर हो जाती है." मैंने सोचा किसी लड़के को भेजेंगे. पर यह क्या! उनके जाते ही कल से लगातार भाग दौड़ करने वाली लड़कियां, मेरे पास आयी. छोटे पेजकस को याद करती रहीं और बड़ी सी सेफ्टी पिन लेकर, कभी पलकर, कभी हेयर पिन लेकर ताला खोलने में लगी रहीं. मैंने कहा कि ताला तोड़ दो, तो हथोड़ा नहीं, किससे तोड़े? मेरे साथ आकांक्षा तिवारी, मोना बागड़ी, रिया तिवारी, सुधा सिंह, अनामिका सिंह, ज्वाला शुक्ला सबकी सलाह लगातार चलती रही, हम आइडिया देते रहे. पर मास्टरमाइंड रुक्मणी द्विवेदी ताला खोलने में लगी थी, वह पूरी लगन से लगी रही. आखिर ताला खुल गया. मुझे ताला देकर बोली,"आपका ताला बच गया, चाबी मिले तो लगा लेना." मेरे कहने पर 1 मिनट के लिए फोटो खिंचवाने को रुकी फिर व्यवस्था में लग गई. देखा फोटो में मास्टरमाइंड मैम तो है ही नहीं,

वे तुरंत किसी काम में लग गई, बुलाया फिर फोटो खींचवाया.

https://www.instagram.com/reel/DQuaBBCDAPC/?igsh=eHlvNmJrZmp2ajd5